-शिवपुर की रहने वाली उर्मिला ने सिंह सिस्टर्स के नाम से दिलाई पांच बेटियों को पहचान

-पांचों बेटियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल में मचाई धूम

नवरात्र के तीसरे दिन हम मां दुर्गा की आराधना करते हैं। देवी दुर्गा का यह रूप उस मां का प्रतीक है जो अपने परिवार को हर तरह के बुराईयों से तो बचाने के साथ अपने बच्चों को साहसी भी बनाती है। समाज में मौजूद मां दुर्गा के स्वरूप जैसी कई मां है जो न सिर्फ अपने परिवार को बुराइयों से बचाया बल्कि अपनी पांच बेटियों को इतना साहसी बनाया कि अब वे खेल जगत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धूम मचा रही हैं। हम बात कर रहे हैं उर्मिला सिंह की। शिवपुर एरिया में रहने वाली उर्मिला सिंह की कहानी मां चंद्रघंटा के रूप को दर्शाती है। बेटियों के जन्म पर लोगों की क्या सोच है और वे उन्हें कहां स्थान देते हैं इससे उर्मिला सिंह को कोई फर्क नहीं पड़ता। वो तो अपनी बेटियों को बेटों जैसा मान देती हैं। इसी उद्देश्य के साथ अपनी पांचों बेटियों को इतना साहसी और निडर बनाया कि सभी बहनों ने अंरराष्ट्रीय स्तर पर बास्केटबॉल में धूम मचाने के साथ बड़े मुकाम को हासिल किया।

बेटियों को बनाया निडर

उर्मिला बताती हैं कि पति गौरी शंकर सिंह बैंक में कार्यरत थे। वे सख्त मिजाज होने के साथ पूरी डिसिप्लीन के साथ बच्चों को रखते थे। एक मां होने के नाते वे अपनी बेटियों को हर वो शिक्षा देती थीं, जिससे वे साहसी और निडर बन सकें। घर में एक बेटा और सिंह सिस्टर के नाम से मशहूर पांच बेटियों में प्रियंका सिंह, दिव्या सिंह, प्रशांति सिंह, आकांक्षा सिंह और प्रतिमा सिंह हैं। प्रियंका ने राष्ट्रीय स्तर तक बास्केटबॉल खेला, जबकि बाकी चारों बहनों ने दर्जनों बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महिला बास्केटबॉल में भारत का प्रतिनिधित्व किया। प्रशांति को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए राष्ट्रपति द्वारा अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने अपने बेटियों का लक्ष्य निर्धारित कर उन्हें हर कदम पर प्रोत्साहित किया। कभी मनोबल गिरने नहीं दिया। जिस समाज में लड़कियों को लड़कों से दूर रखा जाता था, उसी समाज में वे बेटियों को हाफ पैंट पहनाकर लड़कों के साथ खेलने का मौका देती थीं। यही नहीं उर्मिला सिंह अपने परिवार को हर बुराईयों से बचाने का पूरा प्रयास किया। उसी का नजीता है कि आज उनकी बेटियां मां के सहयोग से ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाई हैं। आज उस मां को यह कहने में फक्र होता है कि उनकी बेटियां किसी से कम नहीं हैं