- ठंड में हुआ ईजाफा, नगर निगम नहीं कर रहा अलावा का इंतजाम

-दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रिएलिटी चेक में हुआ खुलासा

शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। शाम होते ही शीतलहर और गलन से हर कोई ठिठुरने के लिए गर्म स्थान पर डेरा जमा रहा है। लेकिन उन राहगीरों और सड़क पर गुजर बसर करने वालों को राहत नहीं मिल रही है। ऐसे लोगों को ठंडी से राहत देने के लिए नगर निगम की ओर से हर साल 15 दिसंबर से पहले अलाव की व्यवस्था कर दी जाती है, लेकिन इस बार निगम बेहद सुस्त है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि इस बार निगम ने अभी तक अलाव जलवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी नहीं कर सका है। जबकि सर्दी अपने पीक पर है। निगम 40 स्थान पर अलाव जलवाने का दावा कर रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब इस दावे का रिएलिटी चेक किया तो दावा हवा-हवाई साबित हुआ। कुछ एक जगहों को छोड़ दें तो लगभग पूरे शहर में निगम की ओर से अलाव के लिए गिराए जाने वाली लकड़ी या उसकी राख तक नजर नहीं आयी।

महमूरगंज तिराहा

महमूरगंज चौकी के पास मौजूद तिराहा पर कहीं अलाव की लड़की नजर नहीं आयी। पूछने पर पुलिसकर्मियों ने बताया कि पिछले साल अलाव के लिए लकड़ी मिलती थी। इस साल अलाव का इंतजाम अब तक नहीं किया गया है।

रवीन्द्रपुरी

रवीन्द्रपुरी में दूर-दूर तक कहीं अलाव का इंतजाम नजर नहीं आया। कुछ लोग एक जगह आग तापते नजर आए। उन्होंने बताया कि नगर निगम की ओर से कोई इंतजाम नहीं किया गया है। खुद से लकड़ी आदि जुटाकर सर्दी से बचने का जुगाड़ कर रहे हैं।

कैंट स्टेशन

कैंट स्टेशन पर राख और थोड़ी लकड़ी के आसपास कुछ लोग जमा दिखायी दिए। अलाव का यह इंतजाम नगर निगम की ओर से किया गया था। सर्द हवा के आगे यह नाकाफी साबित हो रहा था। जो इसके पास थे वो गर्माहट महसूस कर रहे थे अन्य ठिठुर रहे थे।

रोडवेज बस स्टेशन

कैंट स्थित रोडवेज बस स्टेशन पर दूर-दूर तक अलाव का इंतजाम नजर नहीं आया। यहां आने और अन्य जगह के लिए सफर करने वाले हजारों लोगों को सर्द हवा सता रही है। जगह-जगह दुबककर खुद को सर्दी से बचाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

नहीं हो सका टेंडर

नगर निगम प्रशासन की ओर से आधे से भी कम वॉर्ड में कराई गई अलाव की व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। जबकि शहर के प्रमुख चौराहों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, सभी सरकारी अस्पताल, घाट और रैन बसेरों को मिला दिया जाए तो दो सौ के करीब स्थानों पर अलाव की जरूरत होती है। लेकिन निगम प्रशासन की उदासीनता के चलते सिर्फ चुनिंदा चौराहों और रैन बसेरों में ही अलाव की व्यवस्था की गई है। ज्यादातर वहीं अलाव जल रहे हैं जहां पुलिस पिकेट है। अलाव के लिए नगर निगम अब तक टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी नहीं करा पाया है। कर्मचारियों की मानें तो नगर आयुक्त के पास कई दिनों से टेंडर की फाइल अटकी पड़ी है। यही हाल रहा तो जब तक टेंडर की प्रक्त्रिया पूरी होगी तब तक ठंड खत्म हो जाएगा।

दो बार ई-टेंडर जारी किया गया है, लेकिन कोई आवेदन नहीं कर रहा। 28 दिसंबर को तीसरा टेंडर होना है। जब यह पूरा नहीं होता तब वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर चुनिंदा क्षेत्रों में अलाव जलवायी जा रही है।

कृपा शंकर पांडेय, उद्यान अधीक्षक, नगर निगम