-स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में बढ़त को नगर निगम ने कसी कमर

-20 दिन में चमक जाएगा शहर का कोना-कोना

साल 2018 में स्वच्छता रैंकिंग में यूपी में पहले और देश में 29वें स्थान पर रहे बनारस को इस बार और भी बेहतर बनाने का प्रयास शुरु हो गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 को लेकर नगर निगम आवश्यक तैयारियों में जी जान से जुट गया है। निगम का पूरा प्रयास है कि वर्ष 2017 एवं 2018 की उपलब्धियों से आगे बढ़कर देश के साफ शहरों में बनारस बेहतर रैंक प्राप्त करे। अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम साफ-सफाई को लेकर लगातार काम कर रहा है, लेकिन इसमें आम लोगों को जोड़कर ही शहर को बेहतरीन रैंक दिलाया जा सकता है। अच्छी रैंकिंग के लिए नगर निगम ने डोर टू डोर कूृड़ा कलेक्शन, कूड़ा उठान, साफ-सफाई के साथ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर तेजी से काम कर रहा है। 2019 के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण का कार्य शासन की ओर से कराया जाना है।

प्रचार-प्रसार भी तेज

स्वच्छ भारत मिशन एवं स्वच्छ सर्वेक्षण को लेकर लोगों में जागरुकता लाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। निगम ने प्रमुख चौक-चौराहों, सार्वजनिक स्थलों पर होर्डिग पोस्टर, बैनर आदि लगाने के साथ ही जल्द ही घर-घर में हैंडबिल व पोस्टर आदि वितरित करने की योजना बनाई है। इसके अलावा वैन और एलसीडी डिस्प्ले के माध्यम से इस इसकी जानकारी भी दी जा रही है।

मोबाइल एप डाउनलोड

स्वच्छता सर्वेक्षण में आम लोगों की भागीदारी बढ़ाने के साथ इसके माध्यम से शहर की व्यवस्था का फीडबैक लेने के लिए लोगों के बीच इस एप को डाउनलोड कराया जाएगा। बता दें कि पिछले साल 25 हजार लोगों ने स्वच्छता सर्वेक्षण एप डाउनलोड कर अपना फीडबैक दिया था। हालांकि इस बार पुराने नंबरों पर एप दोबारा डाउनलोड नहीं हो पाएगा।

इस बार है चैलेंज

2019 का स्वच्छता सर्वेक्षण अलग पैटर्न पर होगा। 4 जनवरी से शुरु हो चुके सर्वे के लिए केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने नए बिंदु तय किए हैं। नई गाइडलाइन में गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसमें ज्यादातर पर तो बनारस बेहतर है लेकिन कुछ पैमानों पर और बेहतर काम करना पड़ेगा।

ये बिंदु होंगे सर्वे का आधार

-डोर टू डोर कचरा कलेक्शन

-घरों-दुकानों से गीला-सूखा कचरा अलग-अलग करना

-सार्वजनिक, व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों की सफाई (कोई कचरा नहीं दिखना चाहिए)

-वेस्ट स्टोरेज बिंस, लिटरबिंस और मैटेरियल रिकवरी सुविधा

-यूजर फीस, कचरा फैलाने वालों पर पैनेल्टी, स्पॉट फाइन, प्लास्टिक बैन को लागू करना

-बड़े पैमाने पर कचरा उत्सर्जक संस्थानों में ऑन साइट कंपोस्टिंग

-नागरिकों की समस्याओं को एप, हेल्पलाइन या अन्य माध्यम से दर्ज कर समाधान करने और फीडबैक के लिए सिस्टम

-डंप साइट या ट्रेंचिंग ग्राउंड में पुराने कचरे की प्रोसेसिंग और निपटान

-स्टॉर्म वाटर ड्रेन की सफाई और जलाशयों के सतह की सफाई

-शहर में सुंदरता के ऐसे इंतजाम करना जो साफ तौर पर देखें और महसूस किए जा सकें

शहर को साफ-सुथरा रखने में यहां के लोग निगम को अपना सहयोग प्रदान करें। जिससे शहर को इस सर्वेक्षण में यूपी के साथ देश में भी बेहतर रैंक मिल सके।

डॉ। एके दूबे, नगर स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम