- शहर में सीवर पानी की समस्या का नहीं हो रहा अंत

- हर महीने पहुंच रही तीन हजार शिकायतें, समाधान तीन सौ का भी नहीं

पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस के विकास का गुणगान देश दुनिया में हो रहा है। पीएम जब भी बनारस आते हैं, यहां के स्वच्छता के कसीदे पढ़ते हुए कहते है कि शहर में सब कुछ बदल गया है। लेकिन क्या यह सच है, जी नहींऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बनारस का सीवेज सिस्टम अभी भी खस्ता हाल में है। कुछ इलाकों को छोड़ दिया जाए तो करीब-करीब हर गली मोहल्लों में सीवर फ्लो व गंदे पानी की समस्या बनी हुई है, जिसकी फिकर न तो सरकार को है और न जलकल विभाग को। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि जलकल विभाग में हर माह तीन हजार से ज्यादा जल और सीवर समस्या की शिकायतें पहुंच रही है, लेकिन इसमें निस्तारण 300 का भी नहीं हो पा रहा।

सीवर फ्लो, फिर भी स्वच्छ है शहर

यूपी के सबसे स्वच्छ शहर होने का तमगा तो बनारस को पिछले साल स्वच्छता सर्वेक्षण में मिल चुका है। लेकिन अभी हालत ये है कि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में सीवर का पानी अभी भी ओवरफ्लो कर रहा है। जिससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल है। जहां दुकानें हैं उनकी दुकानदारी चौपट हो रही है। लेकिन इन नालों की सफाई और मरम्मत का काम कब पूरा होगा यह विभाग को भी पता नहीं।

ये है जलकल का हाल

शहर में इन दिनों सीवर और पानी सबसे बड़ी समस्या है। ज्यादातर मोहल्लों में सीवर युक्त पानी आ रहा है। यही नहीं शुद्ध और साफ जल के लिए शुरू की गई अमृत योजना का लाभ भी लोगों को नहीं मिल रहा। स्थानीय लोगों की मानें तो जलकल विभाग उनकी समस्याओं को नहीं सुलझा पा रहा है। पानी का टैक्स तो जलकल विभाग लेता है, लेकिन समस्या होने पर विभाग के जेई उनकी शिकायतों को जल निगम को ट्रांसफर कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं। जलकल न तो सीवर सफाई करा पा रहा है न ही न ही पूरे क्षेत्रों मे शुद्ध पानी की सप्लाई ही कर पा रहा है। ऐसे में विभाग टैक्स किस बात का ले रहा है?

इन एरिया में है गंभीर समस्या

कमच्छा, लक्सा, रामापुरा, नईसड़क, दालमंडी, महमूरगंज, बड़ी गैबी, सिद्धगिरी बाग, सोनिया, औरंगाबाद, पुराना पान दरीबा, लल्लापुरा, पितरकुंडा, काली महाल, चाहमामा, घुघरानी गली काशीपुरा, नखास, अलईपुर, नख्खी घाट विशेश्वरगंज, यहां डीएवी कालेज, आदमपुरा जैसे तमाम क्षेत्रों में लोग सीवर और पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।

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सीवर एक ऐसी समस्या है जिसका पूरी तरह अंत नहीं हो सकता। अगर सीवर लाइन में कचरा जाएगा तो फ्लो होना स्वाभाविक है। एक शिकायत दूर होते ही दूसरी आ जा जाती है।

रघुवेन्द्र कुमार, सचिव, जलकल

एक नजर

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वार्ड है शहर में

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जोन में काम करता है जलकल

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जेई करते हैं समस्याओं की निगरानी

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ठेकेदारों को मिला है सीवर साफ कराने का ठेका