-होली से पहले मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थो की जांच के लिए गए थे सैंपल

-रिपोर्ट आने की बीत चुकी है मियाद पर फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट को नहीं हो कोई फिक्र

त्योहारों के सीजन में मिलावट खोरी पर शिकंजा कसने के लिए फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के अधिकारी शहर में बिकने वाले खाद्य पदार्थो के सैंपल तो कलेक्ट कर लेते हैं लेकिन उन्हें इसके रिपोर्ट की फिक्र नहीं होती। इस साल भी होली से पहले अधिकारियों ने सिटी के अलग-अलग एरिया में स्थित स्वीट्स शॉप से सैंपल लिए थे। इसकी रिपोर्ट भी अब तक नहीं आई है, जबकि रिपोर्ट आने की डेडलाइन दो माह पहले ही बीत चुकी है। लेकिन इसके लिए न तो विभाग के अधिकारियों को फिक्र है और न ही स्वास्थ्य विभाग को। वहीं अधिकारी इस बाबत अलग-अलग दलील दे रहे हैं।

जमकर हुई थी छापेमारी

फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट की ओर से इस साल होली से 15 दिन पहले शहर में ताबड़तोड़ छापेमारी कर मिठाई, ड्राई फूट्स व अन्य खाद्य पदार्थो के 150 से ज्यादा सैंपल लिए गए थे। इसकी जांच रिपोर्ट 25 से 30 दिन में आनी थी। लेकिन तीन माह से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। रिपोर्ट अब तक नहीं आई।

हर त्योहार में यही हाल

मिलावटी खाद्य पदार्थो के सैंपल लिए जाने के बाद उसकी रिपोर्ट के न आने की परेशानी सिर्फ होली पर ही नहीं होती है। दिवाली, रक्षाबंधन, ईद जैसे बड़े त्योहारों में भी खोवा, छेना के सैंपल लिए जाते हैं, पर इनकी भी रिपोर्ट आती है त्योहार बीत जाने के बाद। अधिकारी भी इस खामी को स्वीकार कर रहे हैं।

48 घंटे में जारी हो रिपोर्ट

वहीं विभाग के भी कुछ लोग मानते हैं कि सैंपलिंग सिर्फ खानापूर्ति के लिए की जाती है। इसका उपभोक्ताओं को लाभ तभी मिलेगा जब रिपोर्ट 48 घंटे में सार्वजनिक की जाए जिससे कि उपभोक्ताओं को जागरूक किया जा सके कि किस विक्रेता की मिठाइयां मिलावटी हैं।

बनारस के लैब में नहीं होती जांच

अधिकारियों का कहना है कि खाद्य पदार्थो की जांच के लिए बनारस समेत पूरे प्रदेश में 6 लैब हैं। किसी भी जिले के सैंपल की जांच सेम डिस्ट्रिक्ट में नहीं होती। खाद्य पदार्थ बेचने वाले विक्रेताओं से लैब अधिकारियों की सांठ गांठ न हो, इसलिए सैंपल को दूसरे जिले में भेजा जाता है।

क्यों लगती है देरी?

आम दिनों में लिए जाने वाले सैंपल की रिपोर्ट 14 दिन में आ जाती है, लेकिन त्यौहारों के दौरान लिए जाने वाले सैंपल की रिपोर्ट आने में एक माह से ज्यादा का वक्त लगता है। अधिकारियों का कहना है कुछ मिठाइयां जिनसे किसी प्रकार की बदबू आती है तो शिकायत मिलने पर उन मिठाइयों को फेंकवा दिया जाता है। फेस्टिवल में सैंपल की संख्या हजारों में पहुंच जाती है। इसकी वजह से रिपोर्ट आने में लंबा समय लग जाता है।

वर्जन--

मिठाइयों समेत अन्य खाद्य पदार्थो की संख्या इतनी अधिक हो जाती है कि रिपोर्ट आने में देर हो रही है। फास्ट ट्रैक लैब की व्यवस्था की जा रही है ताकि नमूनों की रिपोर्ट जल्द आ सके।

दीनानाथ यादव, डीओ, फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट

एक नजर

31

सैंपल लिए गए पिछले साल होली में

11

सैंपल हुए थे फेल

140

लिए जा चुके हैं इस साल

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कहां-कहां है लैब

वाराणसी

लखनऊ

गोरापुर

झांसी

मेरठ

आगरा