घर के लिए निकले थे
जानकारी के मुताबिक एएसआई अशोक ने बीती रात थाना क्षेत्र में गश्ती की। घर जाने के लिए दो दिनों की छुट्टी ले रखी थी। गश्ती के बाद शनिवार को तड़के वे अपनी बाइक से घर बक्सर के लिए निकले थे। घर पर छत की ढलाई होनी थी। संभावना है कि उनके पास रुपए भी रहे होंगे। अपराधियों ने लूट के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी बाइक, रुपए व सर्विस रिवाल्वर भी लेकर अपराधी भाग गए। वहीं शव बरामदगी के बाद उनके पॉकेट से एक रुपया भी नहीं पाया गया है.

हत्या से मातम, नम है आंखें
BUXAR: एसएसआई अशोक की हत्ऌया की सूचना मिलते ही बक्सर में उनके घर धनसोई थाना के चपटही गांव में मातम पसर गया। पूरा गांव शोक में डूब गया। घर में महिलाओं के रोने की आवाज से गांव के लोग भावुक हो उठे। बड़े भाई धर्मराज ङ्क्षसह एवं नन्ऌदकिशोर ङ्क्षसह बड़ी मुश्किल से खुद को संभाल रहे थे. 

परिजनों ने बताया कि अशोक मिलनसार थे। चार भाइयों में सबसे छोटे थे। शुक्रवार को ही गांव से ड्यूटी पर पहुंचे थे। एक-दो दिनों के लिए परिजनों से मिलने गांव आए थे। गांव में सभी पुराने दोस्तों व हित-मित्रों  से मिले थे। ग्रामीण उन्हें शिवनाथ ङ्क्षसह के नाम से भी जानते थे। परिजन कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं कि गांव से जाते ही हत्ऌया क्यों हो गई। बड़े भाई धर्मराज बस इतना कह रहे थे कि उसकी किसी से दुश्मनी नहीं थी.

छीन गया पिता का सहारा
अशोक ङ्क्षसह की मौत ने उनके बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया। मृतक जमादार का पुत्र गौरीशंकर उर्फ अजीत कुमार इंजीनियङ्क्षरग पढ़ रहा है और अंतिम वर्ष का छात्र है। दो पुत्री संध्ऌया कुमारी एवं शुभम कुमारी चौथी व दसवीं कक्षा की छात्रा है। पिता की मौत की सूचना पर बच्चों के आंसू नहीं थम रहे थे.

घर के लिए निकले थे

जानकारी के मुताबिक एएसआई अशोक ने बीती रात थाना क्षेत्र में गश्ती की। घर जाने के लिए दो दिनों की छुट्टी ले रखी थी। गश्ती के बाद शनिवार को तड़के वे अपनी बाइक से घर बक्सर के लिए निकले थे। घर पर छत की ढलाई होनी थी। संभावना है कि उनके पास रुपए भी रहे होंगे। अपराधियों ने लूट के दौरान उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी बाइक, रुपए व सर्विस रिवाल्वर भी लेकर अपराधी भाग गए। वहीं शव बरामदगी के बाद उनके पॉकेट से एक रुपया भी नहीं पाया गया है।

 

हत्या से मातम, नम है आंखें

BUXAR: एसएसआई अशोक की हत्ऌया की सूचना मिलते ही बक्सर में उनके घर धनसोई थाना के चपटही गांव में मातम पसर गया। पूरा गांव शोक में डूब गया। घर में महिलाओं के रोने की आवाज से गांव के लोग भावुक हो उठे। बड़े भाई धर्मराज ङ्क्षसह एवं नन्ऌदकिशोर ङ्क्षसह बड़ी मुश्किल से खुद को संभाल रहे थे. 

 

परिजनों ने बताया कि अशोक मिलनसार थे। चार भाइयों में सबसे छोटे थे। शुक्रवार को ही गांव से ड्यूटी पर पहुंचे थे। एक-दो दिनों के लिए परिजनों से मिलने गांव आए थे। गांव में सभी पुराने दोस्तों व हित-मित्रों  से मिले थे। ग्रामीण उन्हें शिवनाथ ङ्क्षसह के नाम से भी जानते थे। परिजन कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हैं कि गांव से जाते ही हत्ऌया क्यों हो गई। बड़े भाई धर्मराज बस इतना कह रहे थे कि उसकी किसी से दुश्मनी नहीं थी।

 

छीन गया पिता का सहारा

अशोक ङ्क्षसह की मौत ने उनके बच्चों के सिर से पिता का साया छीन लिया। मृतक जमादार का पुत्र गौरीशंकर उर्फ अजीत कुमार इंजीनियङ्क्षरग पढ़ रहा है और अंतिम वर्ष का छात्र है। दो पुत्री संध्ऌया कुमारी एवं शुभम कुमारी चौथी व दसवीं कक्षा की छात्रा है। पिता की मौत की सूचना पर बच्चों के आंसू नहीं थम रहे थे।