भारत को मिले दो सिल्वर मेडल भी
साकेत ने दोहरी सफलता हासिल करते हुए सनम सिंह के साथ मेन्स डबल्स में रजत पदक भी जीत लिया, जबकि दिन का एक अन्य रजत पदक पहलवान बजरंग ने दिलाया.

तीन ब्रांज भी हुए भारत के नाम
सोमवार को भारत ने दो स्वर्ण, दो रजत के साथ तीन कांस्य पदक भी जीते. मध्यम दूरी की एथलीट जयशा वीतील ने महिलाओं की 1500 मीटर स्पर्धा में, एथलीट नवीन कुमार ने पुरुषों की स्टेपलचेज 3000 मीटर स्पर्धा में और पहलवान नरसिह पंचम यादव ने फ्रीस्टाइल (74 किलोग्राम स्पर्धा) में कांस्य पदक दिलाया.

टेनिस में अब तक मिले एक गोल्ड और तीन ब्रांज मेडल  
सानिया और साकेत की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी ने सिर्फ 69 मिनट तक चले फाइनल में शीर्ष वरीयता प्राप्त चीनी ताइपै के हाओ चिंग चान और सियेन यिन पेंग को 6-4, 6-3 से हराया. भारत अब टेनिस में एक स्वर्ण और तीन कांस्य पदक सहित चार पदक जीत चुका है. इससे पहले भारत को पुरुष एकल, महिला युगल और पुरुष युगल में कांस्य पदक मिले. माइनेनी के पास हालांकि अब भी स्वर्ण पदक जीतने का मौका है जब वह आज ही सानिया मिर्जा के साथ मिक्स डबल्स फाइनल में खेलने उतरेंगे.

सीमा के नाम रहा दिन
ट्रैक पर आज का दिन सीमा के नाम रहा, जिसने गोल्ड जीतकर पिछले दो एशियाई खेलों से बाहर रहने का मलाल दूर कर लिया. दो चीनी खिलाड़ियों को हराकर अव्वल रही सीमा ने पिछले महीने ही ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता था. उसने पहले ही प्रयास में 55.76 मीटर का थ्रो लगाकर बढत बना ली थी. उसने चौथे प्रयास में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 61.03 मीटर का थ्रो फेंका.

कुश्ती में हीरो बने बजरंग
दूसरी और कुश्ती में बजरंग (61 किग्रा) आज के हीरो रहे. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए फाइनल में जगह बनाई, जहां उन्हें ईरान के मसूद महमूद के खिलाफ करीबी मुकाबले में हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा. पहलवानों ने भारत के लिए पदकों की संख्या में इजाफा किया जब नरसिंह यादव भी पुरूष 74 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य पदक जीतने में सफल रहे.

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