22 अप्रैल को हुई थी शुरुआत
इस सर्विस को स्टार्ट करने वाले पांच इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स में से एक शिवेंदु राज कहते हैं कि इस सर्विस का कोई चार्ज नहीं है। इसकी शुरुआत 22 अप्रैल 2013 को कानपुर में किया गया था। एक माह में ही 20 हजार कॉल्स आ गईं। इससे टीम का उत्साह बढ़ गया। इसके अच्छे रिस्पांस का परिणाम रहा कि टीम ने कानपुर के बाद लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर के बाद अब बनारस में भी इसे स्टार्ट किया जा रहा है। धीरे धीरे इसे देशभर में फैलाया जाएगा। इस सर्विस से जुड़े शिवेंद्र पाण्डेय ने बताया कि इस नंबर पर सबसे ज्यादा इंक्वायरी स्टेट गवर्नमेंट की ओर से बांटे जा रहे लैपटॉप और टैबलेट को लेकर की जा रही है। इनके जवाब में बताया जा रहा है कि इसकी डिटेल नेट पर मौजूद नहीं है। इसके अलावा इंजीनियरिंग कॉलेज से रिलेटेड क्वेश्चन्स ज्यादा पूछे जा रहे हैं। हालांकि कुछ क्वेश्चन्स का आंसर देना थोड़ा टफ रहता है लेकिन इंटरनेट पर मौजूद सारे इंफॉर्मेशन उन्हें अवेलेबल कराए जा रहे हैं.

Authentic site का सहारा
दरअसल सर्च इंजन पर किसी भी प्रॉब्लम से जुड़ा इंफॉर्मेशन सर्च करते ही इतने अधिक लिंक ओपेन हो जा रहे हैं कि लोग परेशान हैं। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें ऑथेंटिक वेबसाइट के बारे में पता ही नहीं है। जबकि ऑथेंटिक वेबसाइट्स का सहारा लिया जाए तो सारे इंफॉर्मेशन पलक झपकते ही मिल जाएंगे। इसी को इन स्टूडेंट्स ने अपना हथियार बनाया है। कोई भी इंफॉर्मेशन देने के लिए यह स्टूडेंट्स ऑथेंटिक वेबसाइट्स का सहारा ले रहे हैंं। गवर्नमेंट की वेबसाइट्स से लेकर इंटरनेट पर मौजूद प्राइवेट सेक्टर तक के इंफॉर्मेशन इस नम्बर के जरिये पब्लिक को इंक्वायरी के अनुसार प्रोवाइड करायी जा रही है.


बॉक्स
CM का नम्बर दे दो
'आस्क टू रे सर्विस प्रोवाइड करा रहे इंजीनियरिंग के इन स्टूडेंट्स के पास तरह तरह की कॉल आ रही है। सिटी के हालात से परेशान लोग सीधे सीएम के नम्बर की डिमांड कर रहे हैं। इंटरनेट पर सीएम के रेजीडेंस और ऑफिस का बेसिक नम्बर तो अवेलेबल हो जा रहा है लेकिन मोबाइल नम्बर की डिमांड ज्यादा आ रही है. 

सबसे ज्यादा इस service की जरूरत
रेलवे की ओर से ट्रेन इंक्वायरी के लिए 139 जारी किया गया है। इस पर कॉल करने पर दो रुपये प्रति मिनट चार्ज होता है। लेकिन इस टोल फ्री नम्बर पर यह सारी सुविधाएं फ्री में अवेलेबल करायी जा रही हैं। इसमें पीएनआर स्टेटस से लेकर ट्रेन में सीट अवेलेब्लिटी, ट्रेन का स्टेटस सहित सारी इंक्वायरी शामिल है। इसके अलावा रिजल्ट, क्रिकेट स्कोर, प्राइवेट कंपनीज के सर्विस सेंटर का नम्बर या किसी भी कम्पनी का कांटैक्ट नम्बर, मूवी, एजुकेशन, हॉस्पिटल्स, ट्रैवेल, फ्लाइट, होटल, वर्ड मीनिंग, शेयर मार्केट समेत इंटरनेट पर उपलब्ध हर जानकारी के लिए इंक्वायरी 'आस्क टू रेÓ के इस नम्बर पर की जा सकती है.


"
हमलोगों ने पब्लिक की जरूरत को देखते हुए इस सर्विस को शुरू किया था। अब तक इसका रिस्पांस बहुत अच्छा रहा है।   
- शिवेंदु राज, सर्विस प्रोवाइडर, आस्क टू रे

इस सर्विस का कोई चार्ज नहीं है। यह बिल्कुल फ्री है।  
-शिवेंद्र पांडेय, 

22 अप्रैल को हुई थी शुरुआत

इस सर्विस को स्टार्ट करने वाले पांच इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स में से एक शिवेंदु राज कहते हैं कि इस सर्विस का कोई चार्ज नहीं है। इसकी शुरुआत 22 अप्रैल 2013 को कानपुर में किया गया था। एक माह में ही 20 हजार कॉल्स आ गईं। इससे टीम का उत्साह बढ़ गया। इसके अच्छे रिस्पांस का परिणाम रहा कि टीम ने कानपुर के बाद लखनऊ, मेरठ, गोरखपुर के बाद अब बनारस में भी इसे स्टार्ट किया जा रहा है। धीरे धीरे इसे देशभर में फैलाया जाएगा। इस सर्विस से जुड़े शिवेंद्र पाण्डेय ने बताया कि इस नंबर पर सबसे ज्यादा इंक्वायरी स्टेट गवर्नमेंट की ओर से बांटे जा रहे लैपटॉप और टैबलेट को लेकर की जा रही है। इनके जवाब में बताया जा रहा है कि इसकी डिटेल नेट पर मौजूद नहीं है। इसके अलावा इंजीनियरिंग कॉलेज से रिलेटेड क्वेश्चन्स ज्यादा पूछे जा रहे हैं। हालांकि कुछ क्वेश्चन्स का आंसर देना थोड़ा टफ रहता है लेकिन इंटरनेट पर मौजूद सारे इंफॉर्मेशन उन्हें अवेलेबल कराए जा रहे हैं।

Authentic site का सहारा
दरअसल सर्च इंजन पर किसी भी प्रॉब्लम से जुड़ा इंफॉर्मेशन सर्च करते ही इतने अधिक लिंक ओपेन हो जा रहे हैं कि लोग परेशान हैं। बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्हें ऑथेंटिक वेबसाइट के बारे में पता ही नहीं है। जबकि ऑथेंटिक वेबसाइट्स का सहारा लिया जाए तो सारे इंफॉर्मेशन पलक झपकते ही मिल जाएंगे। इसी को इन स्टूडेंट्स ने अपना हथियार बनाया है। कोई भी इंफॉर्मेशन देने के लिए यह स्टूडेंट्स ऑथेंटिक वेबसाइट्स का सहारा ले रहे हैंं। गवर्नमेंट की वेबसाइट्स से लेकर इंटरनेट पर मौजूद प्राइवेट सेक्टर तक के इंफॉर्मेशन इस नम्बर के जरिये पब्लिक को इंक्वायरी के अनुसार प्रोवाइड करायी जा रही है।

CM का नम्बर दे दो
'आस्क टू रे सर्विस प्रोवाइड करा रहे इंजीनियरिंग के इन स्टूडेंट्स के पास तरह तरह की कॉल आ रही है। सिटी के हालात से परेशान लोग सीधे सीएम के नम्बर की डिमांड कर रहे हैं। इंटरनेट पर सीएम के रेजीडेंस और ऑफिस का बेसिक नम्बर तो अवेलेबल हो जा रहा है लेकिन मोबाइल नम्बर की डिमांड ज्यादा आ रही है. 

सबसे ज्यादा इस service की जरूरत
रेलवे की ओर से ट्रेन इंक्वायरी के लिए 139 जारी किया गया है। इस पर कॉल करने पर दो रुपये प्रति मिनट चार्ज होता है। लेकिन इस टोल फ्री नम्बर पर यह सारी सुविधाएं फ्री में अवेलेबल करायी जा रही हैं। इसमें पीएनआर स्टेटस से लेकर ट्रेन में सीट अवेलेब्लिटी, ट्रेन का स्टेटस सहित सारी इंक्वायरी शामिल है। इसके अलावा रिजल्ट, क्रिकेट स्कोर, प्राइवेट कंपनीज के सर्विस सेंटर का नम्बर या किसी भी कम्पनी का कांटैक्ट नम्बर, मूवी, एजुकेशन, हॉस्पिटल्स, ट्रैवेल, फ्लाइट, होटल, वर्ड मीनिंग, शेयर मार्केट समेत इंटरनेट पर उपलब्ध हर जानकारी के लिए इंक्वायरी 'आस्क टू रेÓ के इस नम्बर पर की जा सकती है।

"
हमलोगों ने पब्लिक की जरूरत को देखते हुए इस सर्विस को शुरू किया था। अब तक इसका रिस्पांस बहुत अच्छा रहा है।   

- शिवेंदु राज, सर्विस प्रोवाइडर, आस्क टू रे

 

इस सर्विस का कोई चार्ज नहीं है। यह बिल्कुल फ्री है।  

-शिवेंद्र पांडेय,