हरक सिंह रावत पर बढ़ सकता है रुद्रप्रयाग से चुनाव लड़ने का दबाव।

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-रुद्रप्रयाग जनपद की दोनों सीटों को जीतने का ख्वाब देख रही है बीजेपी।

-सीएम के केदारनाथ से चुनाव लड़ने पर आस-पास की सीटों पर असर पड़ना तय।

DEHRADUN: केदारनाथ सीट पर सीएम हरीश रावत के चुनाव लड़ने की अटकलों ने बीजेपी को चौकन्ना कर दिया है। यदि सीएम खुद केदारनाथ से चुनाव में उतरते हैं, तो बीजेपी के लिए मुश्किल होगी। ऐसे में हरक सिंह रावत पर अपनी रुद्रप्रयाग सीट से चुनाव लड़ने का दबाव बढ़ सकता है।

पहले भाजपा, फिर कांग्रेस का हुआ जिला

- रुद्रप्रयाग जिले में विधानसभा की दो सीटें हैं। इन पर लगातार बीजेपी जीतती रही है, लेकिन ख्0क्ख् के चुनाव में दोनों सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो गया, हालांकि अब इन दोनों सीटों पर जीत दर्ज करने वाले हरक सिंह रावत व शैला रानी रावत बीजेपी के पाले में आ चुके हैं। बीजेपी की कोशिश है कि जिले में अपना पुराना रुतबा फिर से हासिल किया जाए।

हरक सिंह पर पड़ सकता है दबाव

पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ऐलान कर चुके हैं कि वह रुद्रप्रयाग सीट से अब चुनाव नहीं लडे़ंगे। मगर उनके लिए बीजेपी अभी कोई सीट भी फाइनल नहीं कर पाई है। सीएम की रुद्रप्रयाग जिले में दस्तक की स्थिति बनती है, तो बीजेपी पर ये दबाव होगा कि वह किसी कद्दावर नेता को जिले में टिकट दें, ताकि सीएम के चुनाव लड़ने का आस-पास की सीटों पर असर न पडे़।

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केदारनाथ में राहत और पुनर्निर्माण के कार्यो में सरकार की नाकामी जगजाहिर हुई है। वह चाहे कुछ भी कर ले, कांग्रेस न सिर्फ रुद्रप्रयाग, बल्कि अन्य जिलों में भी चुनाव के दौरान बुरी तरह मुंह की खाएगी।

विनय गोयल, प्रदेश प्रवक्ता, बीजेपी।