PATNA: राज्य के फ्क् जिलों में बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने आई केंद्रीय टीम ने माना कि व्यापक तबाही हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान फसलों का हुआ है। केंद्र के स्वीकार करने के बाद बिहार को भरपाई की राशि मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। राज्य सरकार ने ख्ख् सितंबर को मेमोरेंडम सौंपकर केंद्र सरकार से ब्क् अरब क्ख् करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति मांगी थी।

चार चरणों में काफी नुकसान

दो दिन तक मौके का मुआयना कर शनिवार को पटना लौटे गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय रमेश सुले ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार की डाक्यूमेंट्री एवं स्थल निरीक्षण से साफ है कि चार चरणों की बाढ़ ने सूबे में भारी नुकसान किया है। बिहार के दावे पर केंद्र सरकार सकारात्मक विचार करेगी। केंद्रीय टीम की रजामंदी से संतुष्ट आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि केंद्र से सहायता राशि मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। मौके से लौटने के बाद केंद्रीय टीम के सदस्यों ने संबंधित विभागों के शीर्ष अधिकारियों के साथ लंबी बैठक की।

टीम के सदस्य कुछ बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट चाह रहे थे। दरअसल डाक्यूमेंट्री में उन्हें बाढ़ की तबाही की तस्वीर बड़े फलक पर दिखाई गई थी, लेकिन केंद्र को सौंपे गए मेमोरेंडम में विस्तृत विवरण नहीं था। अब राज्य सरकार हफ्ते भर के भीतर केंद्र सरकार को विस्तृत रिपोर्ट सौंपेगी, जिसमें कुछ खास बिंदुओं एवं तबाही के विवरण को विस्तार से बताया जाएगा। आपदा प्रबंधन के संयुक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि विस्तृत रिपोर्ट दो-तीन दिनों के भीतर केंद्र को भेज दी जाएगी। बैठक में जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव सुधीर कुमार, पशुपालन की प्रधान सचिव एन। विजय लक्ष्मी, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविंद चौधरी समेत कई अधिकारी मौजूद थे।

इसके पहले सात सदस्यीय केंद्रीय टीम ने तीन भागों में बंटकर दो दिनों तक प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। एक टीम अरवल के दौरे पर गई। दूसरी टीम ने राजकीय प्लेन से भागलपुर-नवगछिया का दौरा किया। तीसरी टीम ने समस्तीपुर में तबाही का आकलन किया।