- सोशल मीडिया में यूपी उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का किया जा रहा दावा

-सीएम ने कहा, मीडिया अफवाहों पर न दें ध्यान

DEHRADUN:

यूपी और उत्तराखंड के बीच अभी परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं हुआ है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मीडिया अफवाहों पर ध्यान न देने की नसीहत दी है। आपको बता दें कि सोशल मीडिया में यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर कई तरह की खबरें आ रही हैं। जिसमें उत्तराखंड को नुकसान होने का दावा किया जा रहा है।

सीएस स्तर पर होनी है बैठक

यूपी और उत्तराखंड के बीच अभी तक परिसंपत्तियों को लेकर किसी भी प्रकार का फैसला नहीं हो पाया है। यूपी और उत्तराखंड की सरकारों के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर मुख्य सचिव स्तर की बैठक होनी है। जिसका अभी तक फैसला नहीं हुआ है। सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को मीडिया को बताया कि यूपी के साथ परिसंपत्ति के बंटवारे का अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है। जो भी खबरें आ रही हैं वो उन पर ध्यान न देने दें। सीएम ने कहा कि ये सब छोटे दलों की राजनीतिक प्रोपेगेंडा है। आपको बता दें कि पिछले कई दिनों से उत्तराखंड क्रांति दल ने भी यूपी से परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर मांग तेज कर दी है। यूकेडी का दावा है कि यूपी के साथ परिसंपत्तियों का बंटवारा उनका ही दल कर सकता है। इसके साथ ही सोशल मीडिया में यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे होने का दावा किया जा रहा है। जिसमें उत्तराखंड को नुकसान होने का दावा किया जा रहा है। इतना ही नहीं सोशल मीडिया में यह भी दावा किया जा रहा है कि हरिद्वार की मेला क्षेत्र की जमीन पर भी उत्तराखंड को नुकसान हुआ है। इन्हीं सभी खबरों को सीएम ने अफवाह करार दिया है।

अधिकारियों के लिए चुनौती

आपको बताते चलें कि सीएम पहले ही अधिकारियों को सही से होमवर्क करने की हिदायत भी दे चुके हैं। इसके अलावा सीएम ने सूचना के अधिकार से अपनी संपत्तियों की जानकारी जुटाने के तक के निर्देश दिए हैं। यूपी उत्तराखंड में बीजेपी की सरकार आने के बाद से क्म् सालों में परिसंपत्तियों के बंटवारे की उम्मीद जगी है। लेकिन उत्तराखंड के अधिकारियों को उच्च स्तरीय बैठक से पहले सही तरह से होमवर्क करने की बड़ी चुनौती सामने हैं।

सरकार का दावा जो उत्तराखंड को मिलना है

--सिंचाई विभाग को 997 भवन

--ख्भ्भ्7.78 हेक्टेयर रिक्त भूमि पर

--कुंभ क्षेत्र की म्97.भ्78 हेक्टेयर भूमि

- हरिद्वार की क्0 में से ब् नहरें

--यूएसनगर कि फ्फ् में से ख्भ् नहरों का रखरखाव

--टीएचडीसी के प्रोजेक्ट पर ख्भ् प्रतिशत सहभागिता

--कालागढ़ जल विद्युत गृह

--उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की देनदारी ब्फ्.ब्7 करोड़

-- वित्त के अंतर्गत कोषागार एवं उपकोषागारों की वर्ष ख्0क्क्.क्ख् से ख्0क्म्-क्7 तक ख्9फ्फ्.क्फ् करोड़ रुपए उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तराखण्ड को दिया जाना है।

उत्तर प्रदेश वन विभाग के अंतर्गत क्7फ्.ख्8 करोड़ रुपए उत्तराखण्ड वन विकास निगम को भुगतान किया जाना है।