i reality check

-ऑनलाइन सिस्टम के बावजूद लोग हो रहे परेशान

-नियमों की जानकारी के अभाव को यहां कैश कर रहे हैं दलाल

ajeet.singh@inext.co.in

ALLAHABAD: आरटीओ ऑफिस के कार्यो की रैंकिंग हुई तो कई अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। इलाहाबाद के आरटीओ कार्यालय में दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाले हालात सामने आए। विभाग में तमाम सुविधाएं होने के बावजूद काम के सिलसिले से पहुंचे लोगों को इस काउंटर से उस काउंटर तक दौड़ाया जा रहा है। हर कदम पर दलालों से सीधा सामना हुआ

हर तरफ लोग परेशान

आरटीओ कार्यालय के गेट से ही लोगों की परेशानी समझ आने लगी थी। यहां हर तरफ हैरान व परेशान लोगों का झुंड नजर आया। इसमें बैठे एक-दो लोग पब्लिक से विभागीय कार्यो पर पैसे का मोल-भाव कर रहे थे। कुछ ने इन्हें दलाल तो कुछ ने बिचौलिया बताया। यह सब सुनने व समझने के बाद एक रिपोर्टर ने एक आम व्यक्ति एक दलाल से बातचीत शुरू की।

रिपोर्टर: भाई साहब मुझे अपना डीएल रिन्यूवल कराना है?

दलाल: हो जाएगा, लेकिन आज नहीं गुरुवार को आना होगा।

रिपोर्टर: क्यों?

दलाल: बुधवार को अवकाश है, गुरुवार को काम होगा। वैसे कितने दिन पहले एक्सपायर हुआ है? ज्यादा दिन हुए होंगे तो फीस अधिक देनी पड़ेगी।

रिपोर्टर: बीस दिन पहले एक्सपायर हुआ है, कितना पैसा लगेगा?

दलाल: कम से कम 900 रुपए लगेंगे।

रिपोर्टर: यह तो बहुत ज्यादा है? अच्छा, यह बताइए कि मेरे भाई ने एक फोर व्हीलर खरीदी है, जिसका नंबर चाहिए?

दलाल: वीआईपी नंबर नहीं मिलेगा। वह ऑनलाइन दिया जाएगा।

रिपोर्टर की दूसरे दलाल से बातचीत

रिपोर्टर: मेरा ड्राइविंग लाइसेंस रिन्यूवल होना है।

दलाल: हो जाएगा।

रिपोर्टर: कितने पैसे लगेंगे?

दलाल: गाड़ी फोर व्हीलर है या दो पहिया?

रिपोर्टर: फोर व्हीलर है, बीस दिन पहले ही लाइसेंस एक्सपायर हुआ है।

दलाल: दो हजार रुपए लगेंगे।

रिपोर्टर: हमें तो एक हजार रुपए बताया गया?

दलाल: किसने बताया? फोर व्हीलर है इसलिए दो हजार रुपए लगेंगे।

रिपोर्टर: आपको कितना देना होगा?

दलाल: 1450 रुपए अंदर लगेंगे, रसीद के लिए और 500 रुपए मुझे दे देना। गाड़ी कहां है, कागज लाए हो?

रिपोर्टर: नहीं, अभी तो खर्चे की जानकारी लेने आए थे, अब गाड़ी व कागज लेकर आएंगे।

मछली बाजार जैसे हालात

आरटीओ ऑफिस के अंदर भी दलालों का साम्राज्य साफ नजर आया। खासकर काउंटर नंबर चार और पांच पर तो दलाल सबसे आगे थे। इन दोनों काउंटरों पर प्रभारी लाइसेंस नवीनीकरण अनुभाग (व्यवसायिक) और स्थाई समेत सभी प्रकार के फीस नवीनीकरण का काम होता है। बताते हैं कि यहां पर लाइसेंस रिन्यूवल की फीस जमा करने के बाद नंबर भी दिए जाते हैं। इसलिए यहां दलालों की विशेष नजर होती है।

ऑनलाइन सिस्टम में लगा दी सेंध

हाल ही में उप्र सरकार ने आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग लाइसेंस, लाइसेंस रिन्यूवल, नंबर रजिस्ट्रेशन समेत सभी काम ऑनलाइन प्रॉसेस में डाल दिए हैं। उम्मीद थी कि दलालों का दखल कम हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दलालों ने इसका भी तोड़ ढूंढ लिया। बताते हैं कि विभागीय बाबुओं से साठगांठ करके ऑनलाइन सिस्टम में भी उन्होंने सेंधमारी कर ली है।

विभाग में वाहन और लाइसेंस संबंधी कोई भी काम महज दो से तीन दिन लगते हैं। मैं स्वयं कर्मचारियों पर नजर रखता हूं और पब्लिक की समस्याओं को सुनकर जल्द से जल्द निस्तारण करता हूं।

-डॉ। आरएन चौधरी, सहायक प्रशासन अधिकारी