-आपत्तियों पर हुई सुनवाई, एडीएम सिटी ने दिया आश्वासन

-जिला बार एसोसिएशन के मेंबर्स व बिल्डर्स ने रखा पक्ष

ALLAHABAD: हर छह महीने या साल भर में सर्किल रेट बढ़ाने का क्या औचित्य है। इतनी जल्दी-जल्दी दाम बढ़ेंगे तो पब्लिक के लिए जमीनों की खरीद-फरोख्त मुश्किल हो जाएगी। सर्किल रेट को लेकर मंगलवार को हुई सुनवाई में आपत्तिकर्ताओं ने इसी अंदाज में अपनी बात रखी। उनका कहना था कि सर्किल रेट की बढ़ने वाली दरें काफी ज्यादा हैं। इनमें कमी किया जाना जरूरी है। सुनवाई के दौरान मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने सर्किल रेट निर्धारण में उनकी दलीलों का पालन किए जाने का आश्वासन भी दिया।

12 फीसदी से अधिक न बढ़ाए रेट

सर्किल रेट की जारी की गई प्रस्तावित सूची को लेकर मंगलवार को सुनवाई की गई। संगम सभागार में हुई सुनवाई के दौरान आपत्तिकर्ताओं की बात सुनने के लिए एडीएम सिटी एके शर्मा मौजूद रहे। इस मौके पर जिला बार एसोसिएशन के मेंबर्स का कहना था कि जल्दी-जल्दी जमीनों का दाम बढ़ाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने जमीनों का रेट 12 से 15 फीसदी की जगह 10 से 12 फीसदी तक ही बढ़ाए जाने की वकालत की। बिल्डर संजीव अग्रवाल ने कहा कि लीज की जमीनों का सर्किल रेट अलग से निर्धारित किया जाए। इससे लोगों को सहूलियत होगी।

एक सप्ताह में नया रेट

जो लोग जमीनों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं वे एक सप्ताह के भीतर रजिस्ट्री करा लें। क्योंकि, एक सप्ताह में सर्किल रेट की फाइनल सूची जारी हो जाने के बाद जमीनों के रेट 15 फीसदी तक महंगे हो सकते हैं। मंगलवार को आपत्तियों पर सुनवाई के बाद फाइनल रेट जारी करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जानकारी के मुताबिक, प्रस्तावित सूची और आपत्तियों को डीएम कौशलराज शर्मा के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद सर्किल रेट फाइनल हो जाएंगे।

बॉक्स

अब तक कुल 22 आपत्ति

यह काफी दिलचस्प रहा कि प्रस्तावित सूची पर आपत्ति जाहिर करने के लिए पांच दिनों का अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद जिले भर से महज 22 आपत्तियां ही दाखिल हुई। इनमें से 18 जिला मुख्यालय पर प्राप्त हुई तो बाकी अन्य तहसीलों से आई हैं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान एडीएम सिटी एसके शर्मा के अलावा जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष केबी तिवारी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण तिवारी, महामंत्री रज्जू भईया, अमरेंद्र शुक्ला, डीसी शर्मा, बिल्डर संजीव अग्रवाल, एआईजी स्टांप पीके सिंह आदि मौजूद रहे।