- नमी और सस्पेंडेड पार्टिकल्स के मिलने से बनता है कोहरा

- अधिक देर तक रहना दे सकता है सांसों की प्रॉब्लम

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- नमी और सस्पेंडेड पार्टिकल्स के मिलने से बनता है कोहरा

- अधिक देर तक रहना दे सकता है सांसों की प्रॉब्लम

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: फॉगी सीजन में ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। ये मौसम देखने में जितना रोमांटिक है, उतना ही खतरनाक भी। ज्यादा देर कोहरे में रहने से सांस फूलने का खतरा बना रहता है। जिससे दमा के लक्षण पनपने लगते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि जैसे-जैसे ठंड में बढ़ोतरी होगी, सांस के रोगियों की परेशानी बढ़ती जाएगी। जिससे बचाव के लिए जागरूक रहना बेहद जरूरी है

कोहरे में सबसे ज्यादा होता है प्रदूषण

वातावरण में उपस्थित धूल-मिट्टी सहित अन्य गंदगी जब नमी के संपर्क में आती है तो कोहरा तैयार होता है। कोहरे में पाए जाने वाले प्रदूषित तत्वों को ही सस्पेंडेड पार्टिकल्स कहा जाता है। यह इतनी अधिक मात्रा में होते हैं कि ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है और लोगों का सांस लेना दूभर होने लगता है। बहुत अधिक देर तक कोहरे में रहने से इंफेक्शन, सांस फूलने और दमा के लक्षण पनपने का खतरा बना रहता है।

मॉर्निग वॉक में बढ़ रही दिक्कतें

टीबी एंड चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ। आशीष टंडन ने बताया कि इस मौसम में अर्ली मॉर्निग और लेट नाइट घर से बाहर रहना खतरनाक है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में मॉर्निग वॉक करने वालों को फॉगी सीजन में सांस की प्रॉब्लम होने लगी है। खासतौर से उस समय पार्को और सड़क किनारे मौजूद पेड़ भी ऑक्सीजन लेते हैं और कोहरा होने की वजह से ऑक्सीजन की कमी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने कहा कि सांस लेने का अहसास होना ही सांस फूलना है और इसे नजर अंदाज न करें।

रवाना की ब्रीथ फ्री यात्रा

डॉ। टंडन ने इस दौरान सिप्ला द्वारा निकाली जा रही ब्रीथ फ्री यात्रा का फीता काटकर शुभारंभ किया.क्भ् दिन की यह यात्रा इलाहाबाद के आसपास के शहरों से होकर गुजरेगी। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को अस्थमा के लक्षण, इलाज व बचाव के बारे में जागरुक किया जाएगा। मरीजों की यंत्रों व उपकरणों द्वारा फ्री जांच की जाएगी।