अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले की घटना

अरुणाचल प्रदेश के तवांग में शुक्रवार तड़के बादल फटने के बाद लैंडस्लाइड हुआ है। इस दौरान लोग अपने घरों में सो रहे थे। लैंडस्लाइड में 17 लोगों की मौत हो गई है वहीं कई लोग अब भी मलबे में फंसे हैं। अफसरों ने कहा है कि लोगों को मलबे से निकालने के लिए एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यु में जुटी है। मरने वालों में ज्यादतर असम के लोग है। मलबे से अब तक 15 लोगों की बॉडी निकाली जा चुकी हैं। राहत और बचाव टीम ने बताया कि मलबे के अंदर कई लोग फंसे हो सकते हैं।

मरने वालों में से 13 आसामी

घटना की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया कि मरने वालों में 13 लोग असम के रहने वाले हैं। ये लोग अरुणाचल प्रदेश काम की तलाश में आए थे। बारिश के चलते असम और अरुणाचल में दो दिन पहले भी लैंडस्लाइड हुआ। लैंडस्लाइड के दौरान कई रोडों स्कूलों और इमारतों को नुकसान पहुंचा। ज्ञात हो कि असम, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों में पिछले एक हफ्ते से प्री-मानसून बारिश हो रही है।

मुख्यमंत्री ने मांगी डिप्टी कमिश्नर से रिपोर्ट

मुख्यमंत्री कालिखो पुल ने तवांग डिप्टी कमिश्नर से फामला गांव में हुई घटना की रिपोर्ट मांगी है। पीएमओ इंडिया ने ट्वीट कर लैंडस्लाइड में मारे गए लोगों के लिए संवेदना जाहिर की है। लैंडस्लाइड के लिहाज से तवांग हिमालय का सबसे सेंसटिव इलाका माना जाता है। अरुणाचल प्रदेश का तवांग जिला तिब्बत और भूटान के बॉर्डर पर स्थित है। हिमालय में 3500 मीटर ऊंचाई पर है। यहां 10 हजार फीट की ऊंचाई पर भारत का पहला और एशिया का दूसरा बड़ा बौद्ध मठ है। इसे मेराक लामा लोड्रे ने 1861 में बनाया था।

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