- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में दिखी सच्चाई

शहर में पुलिस पस्त, न पिकेट न गश्त

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

शहर के अंदर पुलिस गश्त के कितने भी दावे पुलिस अधिकारी करें। लेकिन मातहत उनके दावों पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। रात गहराने के साथ पुलिस कर्मचारी गहरी नींद में सो जा रहे हैं। रात 10 बजे के बाद शहर की सड़कों से पुलिस कर्मचारी नदारद हो जाते हैं। कई दिनों से पब्लिक की यह शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को मिल रही थी। गुरुवार रात पुलिस के पिकेट और गश्त के हालात का जायजा टीम ने लिया। शहर के सबसे पॉश इलाके में पुलिस की नामौजूदगी हर किसी को खल सकती है। हद तो तब हो गई जब इन स्पाटॅ्स यूपी 100 की पीआरवी या बाइक दस्ता भी रास्ते में नहीं नजर आया। कुछ जगहों पर स्ट्रीट लाइट्स के बुझे होने से घुप्प अंधेरा फैला था। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि रात के पिकेट और गश्त के लिए पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है। सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर मौजूद या नहीं, इसकी चेकिंग के लिए सीओ को जिम्मेदारी सौंपी जाती है।

स्पॉट: 01

यूनिवर्सिटी चौक

रात: 10. 37 बजे

पुलिस की मौजूदगी देखने के लिए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट टीम रात में 10 बजकर 20 बजे ऑफिस से निकली। यूनिवर्सिटी चौराहे पर पहुंचकर टीम वहां रुक गई। चौराहे पर पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही थी। चौराहे पर पुलिस बूथ भी खाली पड़ा था। कहीं दूर दराज जाने के लिए सवारियां चौराहे पर खड़े होकर वाहन का इंतजार कर रहीं थी। रेलवे स्टेशन करीब होने से इस जगह पर अक्सर लोगों की भीड़ होती है। लोग सवारी के इंतजार में देर रात तक भटकते रहते हैं। यहां चौराहे पर पुलिस कर्मचारी नहीं मिले। पुलिस वालों के इंतजार में करीब 10 मिनट तक टीम वहां मौजूद रही। लेकिन इस बीच कोई पुलिस कर्मचारी चौराहे पर नहीं पहुंचा।

स्पॉट: 02

रेल म्यूजियम तिराहा

रात: 10.45 बजे

रेलवे स्टेशन के तरफ से एक सड़क यूनिवर्सिटी चौराहा से मोहद्दीपुर जाने वाली सड़क पर मिलती है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन से उतरने वाले ज्यादातर यात्री इसी रास्ते से आते हैं। पांडेय पेट्रोल पंप के सामने रेलवे म्यूजियम के पास मेन रोड से मिलने वाली इस तिराहे से अधिकांश यात्री रेलवे स्टेशन से आवागमन करते हैं। इसलिए यहां पर पुलिस कर्मचारियों की मौजूदगी की जरूरत जताई जा रही है। टीम पहुंची तो वहां पर कोई पुलिस कर्मचारी नजर नहीं आया। पेट्रोल पंप होने की वजह से भीड़भाड़ रहती है। पिकेट के अलावा इस स्पॉट पर डॉयल 100 की कोई वैन नजर नहीं आई। टीम वहां से मोहद्दीपुर की तरफ बढ़ गई। मोहद्दीपुर चौराहे पर सन्नाटा पसरा था। लेकिन पुलिस चौकी में बैठे दो सिपाही चौराहे पर नजर बनाए हुए थे। वहां से मुड़कर टीम पैडलेगंज की तरफ बढ़ी। व्ही पार्क गेट पर यूपी 100 का बाइक दस्ता मिला। पैडलेगंज पुलिस चौकी कैंपस में तीन-चार पुलिस कर्मचारी आपस में बात कर रहे थे।

स्पॉट: 03

कचहरी बस स्टैंड, कमिश्नर आफिस के सामने

रात: 11.15 बजे

कमिश्नर ऑफिस के सामने कचहरी बस स्टेशन है। यहां नए बस टर्मिनल का निर्माण चल रहा है। इसलिए बसें पैडलेगंज में खड़ी होती है। लेकिन रात में सन्नाटा होने पर बसें लेकर ड्राइवर वहां पहुंच जाते हैं। एक बस खड़ी थी जिसके ड्राइवर और कंडक्टर सवारियों की राह देख रहे थे। रिक्शे पर सवार रिक्शे वाले किसी वाहन के इंतजार में थे। यहां पर थोड़ी बहुत चहल-पहल नजर आई। लेकिन पुलिस तो पूरी तरह से नदारद रही। कुछ देर तक वहां ठहरकर टीम आगे बढ़ गई। अंबेडकर चौराहे पर दीवानी कचहरी गेट के सामने पुलिस चौकी बनी है। वहां पर दो-तीन पुलिस कर्मचारी थे। जो सामने बंद हो चुके मॉल में सामान सहेज रहे कर्मचारियों पर टकटकी लगाए खड़े थे।

स्पॉट 04

शास्त्री चौराहा

रात : 11.26 बजे

नो इंट्री खुलने से शास्त्री चौराहे से होकर भारी वाहन गुजरने लगे थे। एक तरफ पांच छह ठेले वाले सब्जी बेचने में मशगूल थे तो दूसरी ओर सेंट एंड्रयूज कॉलेज परिसर की दुकानों के बगल में खड़े होकर टेंपो का इंतजार कर रहे थे। शहर के प्रमुख चौराहों में शुमार इस जगह पर होमगार्ड का कोई जवान भी नहीं नजर आया। जबकि, यहां देर रात तक दुकानें खुली रहती हैं। यहां से आगे बढ़ने पर कचहरी चौराहे पर वहीं नजर आया। गोलघर- टाउनहाल-हरिओम नगर- शास्त्री चौराहे को जोड़ने वाले इस चौक पर पुलिस कर्मचारी नहीं थे। यहां चौराहे पर दो होटल हैं जिनमें सें खाना खाकर कुछ लोग निकल रहे थे। गोलघर में रात 12 बजे के बाद भी चहल-पहल रहती है। बावजूद इसके पुलिस की कोई वैन नजर नहीं आई। करीब एक हफ्ते पूर्व कचहरी चौराहे के पास ही बदमाशों ने महिला का पर्स लूट लिया था। आगे बढ़ने पर गोलघर पुलिस चौकी में पुलिस कर्मचारी मिले। वह चौकी में बैठकर सरकारी काम निपटाने में व्यस्त थे।

स्पॉट 05

कार्मल तिराहा

रात: 11. 41 बजे

गोलघर से होते हुए टीम काली मंदिर तिराहे पर पहुंची। सीओ कैंट आफिस के सामने यह तिराहा भी महत्वपूर्ण प्लेस है। काली मंदिर के सामने तीन-चार श्रद्धालु थे। जबकि, सीओ दफ्तर में सन्नाटा पसरा था। मेडिकल कॉलेज और रेलवे स्टेशन को जोड़ने वाले इस तिराहे पर रुककर देखा गया। करीब 10 मिनट तक यहां कोई पुलिस कर्मचारी गश्त करते हुए भी नहीं गुजरा। टीम वहां से आगे बढ़कर कार्मल मोड़ से रेलवे बस स्टेशन की तरफ बढ़ गई। इस रास्ते पर घना अंधेरा पसरा था। सिटी मॉल और बस स्टेशन की तरफ से गाडि़यों की आवाजाही हो रही थी। वाहनों के गुजरने के बाद अंधेरा घुप्प हो जा रहा था। कार्मल मोड़ से लेकर रेलवे बस स्टेशन तिराहे तक कोई पुलिस कर्मचारी नहीं मिला। जबकि, इस रोड पर अक्सर छिनैती और छेड़छाड़ की घटनाएं होती रहती हैं। तिराहे पर बने पुलिस बूथ में कोई नहीं था। अगल-बगल के दुकानदारों ने बताया कि पुलिस वाले खाना खाने गए हैं। बस स्टेशन होने से इस तिराहे पर भीड़ रहती है। इसलिए पुलिस की सुरक्षा की जरूरत पड़ती है। हालांकि यहां पर भी करीब 15 मिनट तक कोई पुलिस कर्मचारी नहीं लौटा तो टीम से वहां से आगे बढ़ गई।