लगभग 31 वर्ष तक भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी रहीं करुणा शुक्ला पिछले साल अक्तूबर महीने में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गईं थीं.

उन्होंने भाजपा के मौजूदा नेतृत्व पर 'पावर पॉलिटिक्स' करने का आरोप लगाया था और फिर छत्तीसगढ़ राज्य से कांग्रेस पार्टी की उम्मीदवार बन चुनाव लड़ा है.

इन दिनों करुणा शुक्ला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में खूँटा गाड़े हुए हैं और कांग्रेस प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी के लिए सघन चुनाव प्रचार कर रहीं हैं.

बीबीसी से एक ख़ास बातचीत में करुणा शुक्ला ने कहा, "मैं उनका पर्दाफाश करने आई हूँ, जो रॉबर्ट वाड्रा पर तो फिल्म बना सकते हैं लेकिन अटल जी के ऊपर न तो फिल्म बना सकते हैं और न ही उन्हें महिमामंडित कर सकते हैं. मैं यहाँ जनता को ये बताने आई हूँ कि 32 वर्ष तक अटल जी की जिस भतीजी ने पार्टी के लिए वार्ड से लेकर संसद तक काम किया, ये लोग उसकी रक्षा नहीं कर सकते."

लखनऊ की लड़ाई

लखनऊ संसदीय क्षेत्र ही वो सीट हैं जहाँ से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी कई दफ़ा सांसद रहे और इसी सीट से जीतकर वे एनडीए सरकार में प्रधानमंत्री भी बने थे.

लखनऊ में राजनाथ को अटल की भतीजी की 'चुनौती'

इस बार भाजपा ने मौजूदा सांसद लालजी टंडन के स्थान पर पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को लखनऊ से उम्मीदवार बनाया है.

राजनाथ सिंह को चुनौती देने के लिए कांग्रेस ने रीता बहुगुणा जोशी, समाजवादी पार्टी ने अभिषेक मिश्रा और आम आदमी पार्टी ने हास्य अभिनेता जावेद जाफ़री को टिकट दिए हैं.

लेकिन अपनी सीट पर चुनाव संपन्न हो जाने के बाद करुणा शुक्ला लखनऊ में कांग्रेस पार्टी के काफ़िले के साथ प्रचार करते हुए जनता से भाजपा को हराने का निवेदन कर रहीं हैं.

उन्होनें कहा, "अगर अटल जी आज स्वस्थ होते तो क्या राजनाथ जी की हिम्मत होती आडवाणी का अपमान करने की? क्या मनोहर जोशी को उनकी वाराणसी सीट से हटाया जाता? क्या जसवंत सिंह को निष्कासित किया जा सकता था? राजनाथ लखनऊ में अटल के जायज़ उत्तराधिकारी कैसे हैं जब सांसद लालजी टंडन को लखनऊ से ही टिकट नहीं दिया गया. सिर्फ अटल जी के नाम का फ़ायदा उठाया जा रहा है".

नाराज़गी

लखनऊ में राजनाथ को अटल की भतीजी की 'चुनौती'अस्वस्थ होने के कारण अटल बिहारी वाजपेयी राजनीति में सक्रिय नहीं हैं.

पिछले वर्ष मीडिया में छपी कुछ रिपोर्टों के अनुसार करुणा शुक्लाा इस बात से आहत थीं कि उन्हें छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भाजपा नेतृत्व की ओर से ज़्यादा तरजीह नहीं दी गई.

ख़ुद करुणा शुक्लाा के अनुसार उनका मन बेलतारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने का था लेकिन पार्टी चाहती थी कि वे कोरबा सीट पर ध्यान केंद्रित करें.

हालांकि करुणा शुक्ला की बातों से इस बात का भी अहसास हो जाता है कि लखनऊ में उनके चुनाव प्रचार का कुछ और ही असर होता अगर वो पहले पहुँच जातीं तो.

उन्होंने कहा, "दस दिन पहले मैं अगर लखनऊ में काम शुरू कर देती तो माहौल ही दूसरा होता. मैं यहाँ सिर्फ़ रीता जी के लिए वोट मांगने नहीं आई हूँ, मैं यहाँ लखनऊ वासियों को सचेत करने और राजनाथ सिंह के बारे में बताने के लिए आई हूँ. मुझे किसी पद या कुर्सी की ज़रूरत नहीं, अटल जी ने भी मुझे यही सिखाया है".

लखनऊ संसदीय सीट पर बुधवार को मतदान होना है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजयेपी की भतीजी करुणा शुक्ला जहां अब कांग्रेस में हैं, वहीं मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाई दलजीत सिंह कोहली पिछले दिनों भाजपा में शामिल हो गए.

International News inextlive from World News Desk