- पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अस्थि कलश को श्रद्धांजलि देने राजधानी की सड़कों पर उमड़ा जनसैलाब

- एयरपोर्ट से झूलेलाल पार्क तक 15 किलोमीटर की दूरी तय करने में लग गए तीन घंटे

LUCKNOW : अटल बिहारी वाजपेयीवो शख्सियत जिसे देखने व सुनने के लिये शहर उमड़ पड़ता था, गुरुवार को उनके अस्थि कलश पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिये भी राजधानी की सड़कों पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र जब अस्थि कलश लेकर रवाना हुए तो सड़कों पर इंतजार कर रहे लोगों ने न सिर्फ पुष्पांजलि अर्पित कर अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि दी बल्कि, वे भी काफिले के साथ हो लिये। आसमान से जारी रिमझिम बारिश भी मानो इस गमगीन मौके पर अटल जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर रही थी। सड़क पर उमड़े जनसैलाब की वजह से एयरपोर्ट से झूलेलाल वाटिका तक करीब 16 किलोमीटर की दूरी को तय करने में तीन घंटे का वक्त लगा। आखिरकार श्रद्धांजलि सभा के बाद शाम करीब सवा छह बजे अटल जी की अस्थियां उनकी दत्तक पुत्री नमिता ने गोमती नदी में प्रवाहित कर दीं।

बारिश की वजह से देरी

अटल जी के अस्थि कलश को लेकर गृह मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार दोपहर करीब 12.30 बजे फ्लाइट से चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट पहुंचे। उनके साथ अटल जी की दत्तक पुत्री नमिता, दामाद रंजन भट्टाचार्य, नातिन निहारिका, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र और अटल जी के लंबे समय तक निजी सचिव रहे शिवकुमार पारिख भी साथ थे। एयरपोर्ट पर राज्यपाल राम नाईक, बिहार के राज्यपाल लालजी टंडन, सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ। दिनेश शर्मा, कानून मंत्री बृजेश पाठक समेत प्रदेश सरकार के तमाम मंत्री व बीजेपी पदाधिकारी मौजूद थे। अस्थि कलश को पूरे राजकीय सम्मान के साथ एयरपोर्ट में रखकर जवानों ने शस्त्र झुकाकर सलामी दी। हालांकि, इसी बीच शुरू हुई तेज बारिश की वजह से अस्थि कलश यात्रा की शुरुआत में देरी हो गई। बारिश धीमी होने पर करीब 1.40 बजे अस्थि कलश काफिले के साथ रवाना हुआ।

पूरे रूट पर फूलों की बारिश

पीएसी के मिनी ट्रक पर बनाए गए अस्थि कलश रथ पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्र, प्रदेश अध्यक्ष डा। महेंद्र नाथ पांडेय, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य व डॉ। दिनेश शर्मा सवार थे। जबकि, अटलजी के परिजन अस्थि कलश रथ के पीछे चल रही एसयूवी पर सवार थे। एयरपोर्ट से अस्थि कलश यात्रा ट्रांसपोर्ट नगर, कृष्णानगर, बारा बिरवा, आलमबाग चौराहा, टेढ़ी पुलिया, चारबाग, बांसमंडी, लालकुआं, महाराणा प्रताप चौराहा, बर्लिग्टन चौराहा होते हुए बापू भवन चौराहा पहुंची। पूरे रास्ते में सड़कों पर उमड़े लोगों ने अस्थि कलश रथ पर पुष्प वर्षा कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान लोग 'अटल जी अमर रहें' व 'जब तक सूरज चांद रहेगा, अटल जी का नाम रहेगा' जैसे नारे लगा रहे थे। कई जगह लोगों की वेदना उनकी आंखों से निर्झर आंसुओं के रूप में प्रवाहित हो रही थी। अंबेडकर महासभा पर बौद्ध भिक्षुओं ने अस्थि कलश रथ पर पुष्प वर्षा कर श्रद्धांजलि अर्पित की। बीजेपी प्रदेश कार्यालय पहुंचने पर वहां मौजूद हजारों की संख्या में नेता व कार्यकर्ताओं ने भी पुष्पांजलि अर्पित की।

श्रद्धांजलि सभा के बाद विसर्जन

शाम करीब पांच बजे अस्थि कलश यात्रा बेहद धीमी गति से झूलेलाल वाटिका पहुंची। जहां पर अस्थि कलश को उपस्थित लोगों को अंतिम दर्शन के लिये रखा गया। इस मौके पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में दलगत राजनीति की बंदिशों को तोड़ तमाम विपक्षी दलों के नेता भी मौजूद थे। सभी नेताओं ने अटल जी से संबंधित अपनी यादें साझा कीं। हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई संप्रदाय के धर्मगुरुओं ने भी अटल जी के अस्थि कलश पर पुष्पांजलि अर्पित की। करीब सवा घंटे तक चली सभा के बाद मंत्रोच्चार के बीच अटलजी की बेटी नमिता ने अस्थियों को गोमती नदी में प्रवाहित कर दिया।