मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार
एएफआइ के सचिव सीके वाल्सन ने कहा, 'यह बेहद पेचीदा स्थिति है। हमें नहीं मालूम कि पिंकी वाकई पुरुष है या यह समय के साथ हार्मोन में बदलाव का नतीजा है, जैसा अक्सर होता है। हमें किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए मेडिकल रिपोर्ट का इंतजार करना होगा। अगर वह पुरुष पायी जाती है, तो हमें आइएएएफ को सूचित करना होगा। हम अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकाल सकते.' उन्होंने कहा, 'पिंकी के पदक छीने जाएंगे या नहीं, इस बारे में भी नियम स्पष्ट नहीं हैं। हमें इस मामले में आइएएएफ से पूछना होगा और उसी के अनुसार कार्रवाई करेंगे.' ऐसे मामलों में एथलीट को भविष्य में किसी भी प्रतियोगिता में भाग लेने से रोक दिया जाता है, लेकिन पिंकी पहले ही संन्यास ले चुकी है इसलिए उस पर यह नियम भी लागू नहीं होता है.

साथी प्‍लेयर्स को कभी शिकायत नहीं रही
वहीं, पिंकी की साथी रही एथलीट मंदीप कौर ने कहा कि उन्हें कभी पिंकी में कोई असामान्य बात नजर नहीं आई। मंदीप 2005 एशियाई इंडोर चैंपियनशिप में प्रमाणिक के साथ टीम में थीं। उन्होंने कहा, 'हम एक साथ अभ्यास नहीं करते थे, लेकिन हमने कई अंतराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में एक साथ भाग लिया है। उसका व्यवहार सामान्य था। राष्ट्रीय शिविर में वह लड़कियों के साथ ही ठहरती थी और उसके बारे में कभी किसी ने कोई शिकायत नहीं की.' पश्चिम बंगाल एथलीट संघ के सचिव कमल मैत्र का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शारीरिक परीक्षण होता है। ऐसी स्थिति में उसके पुरुष होने की बात सामने न आना अपने आप में आश्चर्य है। पिंकी मूल रूप से पुरुलिया जिले के बाघमुंडी की निवासी है.

पीटी ऊषा समर्थन में
पिंकी के साथी प्‍लेयर्स भले ही सकते में हों लेकिन पूर्व एथलीट पीटी ऊषा खुलकर पिंकी के समर्थन में उतर गईं हैं। उनका कहना है कि पिंकी के खिलाफ एक्‍शन लेने से पहले एथलेटिक्‍स फेडरेशन ऑफ इंडिया के नियमों का पालन करना चाहिए। फेडरेशन को पहले यह पता करना चाहिए कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्‍स फेडरेशन ने अंतरराष्‍ट्रीय टूर्नामेंट से पहले और बाद में नियमानुसार पिंकी के सभी जरूरी टेस्‍ट किये थे या नहीं.

एक महिला का आरोप
इससे पूर्व कोलकाता में एक महिला ने एथलीट पिंकी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। गुरुवार को पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया। पीड़ित महिला का दावा है कि पिंकी महिला नहीं पुरुष है। दोहा एशियन गेम्स में चार गुणा 400 मीटर रिले दौड़ में गोल्ड व मेलबर्न कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाली पिंकी को लेकर अब तरह-तरह की बातें होने लगी हैं। उसे बागुइहाटी थाने की पुलिस ने बारासात अदालत में पेश कर मेडिकल जांच कराने की अनुमति मांगी है। न्यायाधीश ने सरकारी अस्पताल में पिंकी की मेडिकल जांच का निर्देश दिया है। आरोप लगाने वाली महिला अनामिका आचार्य पिंकी के साथ वर्ष 2009 से रह रही थी। वह शादीशुदा है। उसने आरोप लगाया है कि पिंकी के बहकावे में आकर उसने अपने पति का साथ छोड़ दिया था। अनामिका का एक बच्चा भी है। उस महिला का कहना है कि पिंकी से उसके शारीरिक संबंध रहे हैं। बकौल अनामिका, पिंकी ने उससे शादी का भी वादा किया था। बाद में वह मुकर गई। उसने बताया कि पिंकी शराब, गाजा तथा अन्य मादक पदार्थो का नियमित सेवन करती है। इसका विरोध करने पर वह मारपीट करती थी और उसे व उसके बच्चे को जान से मारने की धमकी देती थी। पिंकी के दबाव में अनामिका अपने मायके से उसे रुपये भी लाकर देती थी। गुरुवार की सुबह अनामिका ने बागुइहाटी थाने पहुंच कर पिंकी प्रमाणिक पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया.

शुरुआती जांच में पुरुष होने की पुष्टि
पिंकी को एक प्राइवेट नर्सिग होम में जांच के लिए ले जाया गया था, जहां उसके पुरुष होने की रिपोर्ट प्राप्त हुई है.

पुलिस के लिए परेशानी बनी पिंकी
एथलीट पिंकी प्रमाणिक के मामले में विधाननगर के पुलिस उपायुक्त (मुख्‍यालय) सुब्रत बनर्जी के अनुसार पिंकी पुरुष है। बारासात अस्पताल में जांच के लिए ले जाने पर उसने मेडिकल मेमो पर हस्ताक्षर करने से इन्कार कर दिया, इसलिए गुरुवार को उसकी सरकारी मेडिकल जाच नहीं हो पाई। उसे महिला व पुरुष किस सेल में रखा जाए, इस बात की भी समस्या है। इसी वजह से उसे बागुईहाटी थाने ही लाना पड़ा है। महिला के आरोप पर पिंकी केखिलाफ तहत दुष्कर्म, धोखाधड़ी, धमकी व मारपीट का मामला दर्ज किया गया है.

आ‌र्म्स एक्ट में भी हो चुकी है गिरफ्तार
22 नवंबर, 2004 को पुलिस ने अवैध रूप से रिवाल्वर रखने के आरोप में पिंकी प्रमाणिक को गिरफ्तार किया था। यह घटना नदिया जिले के हबीबपुर के नाथपाड़ा गांव में हुई थी। तब स्थानीय युवकों ने उससे बैग छीना था। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई थी। पुलिस को उसके बैग में रिवाल्वर मिला था। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया था.