-बैंक बंद होने का दिखने लगा असर, शहर के अधिकतर ATM हो गये कैशलेस
-चार दिन हैं बैंक बंद, दो दिन में ही रुपयों के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं लोग
--DJ i next के रिएलिटी चेक में सामने आया सच
VARANASI
छुट्टियों की वजह से बैंक चार दिन बंद हैं। दो दिनों में ही शहर में कैश की क्राइसिस हो गई है। पब्लिक पैसे के लिए एक से दूसरे एटीएम तक भटक रही है। ज्यादातर से उसे निराश होकर लौटना पड़ रहा है। आठ-दस एटीएम के बाद किसी एक में रुपये मिल रहें है तो पर्याप्त मात्रा में नहीं। जबकि बैंकों अधिकारियों का दावा था बंदी का कोई प्रभाव रुपयों की उपलब्धता पर नहीं पड़ेगा। इस दावे की हकीकत को जांचने शुक्रवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम शहर के अलग-अलग एरिया में गयी। हर जगह उसे बैंकों को दावा हवा-हवाई ही नजर आया। कई एटीएम तक भटकने के बाद मुश्किल से एक-दो में रुपये मिले।
रुपये हो गये साफ, पब्लिक रही हांफ
-ज्यादातर एटीएम पर लटक रहा है नो कैश का बोर्ड
-कई दे रहे सिर्फ दो हजार रुपये का नोट
VARANASI
शहर में बड़ी संख्या में लोग रुपयों के लिए एटीएम पर निर्भर हैं। बैंक बंद होने की वजह से तो यही एक मात्रा साधन बच जाता है। लेकिन इन दिनों खाली पड़े एटीएम उनका टेंशन बढ़ा दे रहे हैं। लगातार चार दिन बंद होने से परेशानी शुरू हो गयी है। बंदी के पहले दिन ही शहर के ज्यादातर एटीएम से रुपये साफ हो गये। बच्चों के स्कूल में एडमिशन, यूनिफॉर्म, एजुकेशन मैटेरियल के लिए लोगों को रुपये नहीं मिल रहे हैं। रोजमर्रा के खर्च के लिए भी रुपयों की किल्लत हो रही है। एक पखवारे के बाद वेडिंग सीजन स्टार्ट हो जाएगा। इसकी तैयारी में लगे परिवार भी रुपयों के लिए परेशान हो रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के तीन महत्वपूर्ण एरिया चौकाघाट-हुकुलगंज, अंधरापुल-लहरतारा और लहुराबीर-गिरजाघर रूट पर मौजूद एटीएम का रियलिटी चेक किया तो हालात चौंकाने वाले रहे। एक दो एटीएम को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर एटीएम कैशलैस मिले। कैश के लिए पब्लिक एक से दूसरे एटीएम तक हांफती रही।
स्क्रीन पर आया 'नो कैश'
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की एक टीम चौकाघाट से हुकुलगंज रूट पर निकली।
सांस्कृतिक संकुल चौकाघाट के पास उसे बैंक ऑफ बड़ौदा का एटीएम दिखा। रिपोर्टर ने ही एटीएम में कैश निकालने के लिए कार्ड लगाया तो नो कैश अवेलेबल का मैसेज स्क्रीन पर आ गया। गार्ड से पूछने पर पता चला कि दो दिन से कैश नहीं है। इसके बाद टीम पहुंची हुकुलगंज एरिया में। यहां यूबीआई का एटीएम है उसमें भी कैश नहीं था। इसके अलावा कई और एटीएम खंगालने पर भी नाकामयाबी ही हाथ लगी।
कहीं मिला, कहीं खाली
रिपोर्टर्स की एक टीम अंधरापुल से लहरतारा रूट पर गयी। अंधरापुल चौराहे के पास बैंक ऑफ बड़ौदा के एटीएम पर भीड़ लगी थी। कई जगहों पर भटककर आए लोगों को यहां कैश मिल जा रहा था। आगे बढ़ने पर रोडवेज के पास एक ही कैंपस में स्थित एसबीआई और यूबीआई के एटीएम खाली थे। थोड़ा और आगे जाने पर लहरतारा स्थित डीआरएम ऑफिस के पास दो बैंकों के एटीएम में कैश की किल्लत थी। गनीमत रही कि लहरतारा चौराहे पर स्थित एटीएम से कैश निकल रहा था।
सिर्फ दो हजार की नोट
एटीएम में कैश का रियलिटी चेक करने निकली डीजे आई नेक्स्ट की टीम ने लहुराबीर से गिरजाघर तक के बीच आधा दर्जन एटीएम चेक किया। लहुराबीर चौराहे पर इंडियन बैंक के एटीएम में कैश नहीं मिला। पास में ही मौजूद एसबीआई एटीएम से सिर्फ दो हजार के नोट निकल रहे थे। चेतगंज, आर्य महिला पीजी कॉलेज में बैंक ऑफ बड़ौदा एटीएम के स्क्रीम पर 'एटीएम सेवा में नहीं है' का बोर्ड टंगा हुआ मिला। आगे बढ़ने पर एसबीआई का एटीएम मिला लेकिन उसमें भी कैश नहीं था। रोड के दोनों साइड अधिकतर एटीएम खाली ही मिले।
550
एटीएम हैं डिस्ट्रिक्ट में
125
यूबीआई के एटीएम
138
एसबीआई के एटीएम
287
अदर्स बैंक के एटीएम
70
परसेंट पब्लिक करती है एटीएम यूज
एक ATM की कैपिसिटी
100 के नोट के पांच लाख रुपये
500 के नोट के दस लाख रुपये
2000 के नोट के 40 लाख रुपये
सिटी के ज्यादातर एटीएम कैश विहीन हैं। कई जगहों पर भटकने के बाद अब गिरजाघर की तरफ जा रहा हूं। शायद कहीं रुपये मिल जाएं।
सुधीर राय, लहुराबीर
कार्ड तो बैंकों ने दे दिया पर एटीएम जब जाइए तब खराब ही मिलता। दो दिनों से कैश तो मिल ही नहीं रहा है। कई एटीएम देख आया हूं।
चक्रपाणि ओझा, गिरजाघर
चौकाघाट एरिया में कई एटीएम बंद चल रहे हैं। तीन चार एटीएम का चक्कर लगाए तब जाकर कैश मिला। अभी न जाने के कब हालात सुधरेंगे।
मयंक मिश्रा, चौकाघाट
कैश की बहुत जरूरत थी। सुबह से कई एटीएम घूम आया पर रुपये नहीं मिले। कचहरी स्थित एसबीआई के हेड ऑफिस में लगे एटीएम भी खाली हैं।
शैलेंद्र कुमार, शिवपुर
कई चार एटीएम का चक्कर लगाने के बाद नाटी इमली स्थित एटीएम से कैश निकला। अभी तो दो दिन और बैंक बंद हैं तब न जाने क्या हाल होगा?
जावेद अंसारी, जैतपुरा
लहुराबीर से चेतगंज, नई सड़क तक गए लेकिन एक भी एटीएम से पैसा नहीं निकला। लक्सा पर पहुंचे तब जाकर रुपये मिल पाए।
विजेंद्र चौबे, लहुराबीर