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शहर में कुल एटीएम की संख्या

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सरकारी बैंकों के एटीएम, पैसा नहीं

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प्राइवेट बैंकों के एटीएम, जहां से पैसा निकला

कैश के लिए भटकते रहे लोग, कई बैंकों में नही बंटे नोट

लगातार दूसरे दिन ठप रहे एटीएम, करेंसी नही होने से नही हो सके चालू

ALLAHABAD: इलाहाबादियों के कैश संग ऐश के दिन लद चुके हैं। अब तो फांकों में समय बीत रहा है। हजार-पांच सौ छोडि़ए सौ के नोट को भी लोग दिल से लगाकर रख रहे हैं। इसका असर शनिवार को उस समय दिखा जब बैंकों में कैश लेने पहुंचे लोगों को निराशा हाथ लगी। बैंकों ने करेंसी न होने की बात कहकर उन्हें वापस लौटा दिया। इसके बाद रही सही कसर एटीएम ने पूरी कर दी। लगातार दूसरे दिन भी एटीएम प्रॉपरली चालू नही हो सके, इससे लोग इधर-उधर चक्कर काटते रहे।

नोट की चोट से निकली कराह

शनिवार को कई बैंकों में कैश नहीं पहुंचने से कैश लेने पहुंची जनता को बड़ा झटका लगा। प्रधान डाकघर, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी, यूनियन बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक आदि में कैश खत्म होने की सूचना मिलने से लोगों में हड़कंप मच गया। उन्हे पैसे के लिए दूसरे बैंकों का रुख करना पड़ा। लेकिन वहां भी जबरदस्त भीड़ होने से मतलब हल नहीं हो सका। इस बीच बैंकों में भीड़ से पब्लिक में कई बार हाथापाई और मारपीट की नौबत भी आई।

एटीएम तक नहीं पहुंचा कैश

लोगों को उम्मीद थी कि शनिवार को एटीएम नोट उगलने लगेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। केवल मेन ब्रांच के एटीएम में ही कैश मिला और बाकी का शटर सुबह से शाम तक नहीं उठा। बैंक अधिकारियों का कहना था कि कैश का इंतजार किया जा रहा है। दो हजार के नए नोट की प्रोग्रामिंग क्लीयर नहीं होने से एटीएम में नहीं डाला जा पा रहा है। हजार और पांच सौ के नोट बंद हो चुके हैं। मार्केट में सौ के नोट की सर्वाधिक डिमांड है। इसलिए इन्हें एटीएम में डालना संभव नहीं हो पा रहा है।

दो हजार के नोट से बनाई दूरी

मार्केट में फुटकर की क्राइसिस से बैंकों में शनिवार को अजीबो गरीब स्थिति रही। कई जगह लोगों ने दो हजार का नोट लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि इसे चलाना बेहद मुश्किल है। कोई भी फुटकर नहीं होने से चलाने को तैयार नहीं है। ऐसे में लोगों ने दस, बीस, पचास और सौ के नोटों की मांग कर दी। इसे लेकर काउंटर पर जमकर बहस भी हुई। बैंक अधिकारियों का कहना था कि ऐसे में स्थिति गंभीर हो सकती है। रिजर्व बैंक से छोटे नोट की मांग की गई है।

एटीएम चालू होने में लगेगा समय

लोगों को अगले दो से तीन सप्ताह तक एटीएम का मोह छोड़ना होगा। दो हजार के नए नोट की प्रोग्रामिंग क्लीयर नहीं होने से बैंकों को एटीएम चलाने में दिक्कत हो रही है। ऐसे में एटीएम अभी लगातार जन सामान्य को धोखा देते रहेंगे। लोगों को मजबूरी में बैंक का आश्रित होना होगा। बैंकों का कहना है कि यदि एक-दो दिन में करेंसी रिजर्व बैंक से नहीं आई तो मार्केट पूरी तरह से ड्राई हो सकता है।

सुबह से लाइन में लगे हैं। किसी ने एक बार भी नहीं बताया कि कैश एक्सजेंच नहीं होगा या पैसा खाते से नहीं निकलेगा। अब पता चल रहा है कि पैसा है ही नहीं।

कुनाल

बड़े नोट बेकार हो चुके हैं और छोटे हैं नहीं। बदलने आया था ताकि घर का काम चले लेकिन, यहां तो पैसा ही नहीं है। अब क्या करें।

राजित

खाते से भी पैसा नहीं निकल रहा है। बैंक वाले बता रहे हैं कि पैसा अभी आया ही नहीं है तो दें कहां से।

सूरज

घर का सारा काम छोड़कर आई थी। यहां बताया जा रहा है कि पैसा है ही नहीं कि बांटा जाय। कोई सुनने वाला नहीं है। बहुत दिक्कत हो रही है। अब कल फिर लाइन में लगना होगा।

नीतू

एटीएम काम नही कर रहे हैं। इसलिए बैंक में लाइन लगानी पड़ रही है। कई जगह बैंकों में भी कैश खत्म होने की सूचना मिल रही है। इसलिए पब्लिक को भटकना पड़ रहा है।

आरके चौहान

बैंकों में कहा जा रहा है कि कैश खत्म हो गया है। एटीएम भी काम नहीं कर रहे हैं। जिन्हें दो हजार का नोट मिला है वे फुटकर के लिए भटक रहे हैं। स्थिति विषम हो गई है।

मुन्ना बाबू

बैंक अपनी ओर से पूरी कोशिश कर रहे हैं कि पब्लिक को दिक्कत का सामना न करना पड़े। जैसे-जैसे कैश आ रहा है वितरण किया जा रहा है। जहां नहीं है वहां बैंकों की मजबूरी है।

-अमित सिनहा,

चीफ मैनेजर, यूनियन बैंक