RANCHI: दशहरा पूरे जोश-खरोश के साथ मनाने के बाद अब सिटी के लोग दीपावली और छठ की तैयारी में लग गए हैं। त्योहार समीप आ गए हैं और ऐसे त्योहारी मौसम में सिटी के कई एटीएम ड्राई होने की कगार पर हैं। हालांकि, नोटबंदी के बाद लोगों की निर्भरता एटीएम पर काफी घट गई है और लोगों के बीच कैशलेस ट्रांजेक्शन सिस्टम तेजी से लोकप्रिय हुआ। इसके बावजूद सिटी का एक बड़ा तबका एटीएम पर निर्भरता रखता है। लेकिन अभी भी कई बैंकों के एटीएम सुचारू रूप से काम नहीं कर रहे हैं। कई एटीएम काउंटर्स में जहां कैश की किल्लत है वहीं कई काउंटर्स में 200 के नोट उपलब्ध नहीं हैं। ग्राहकों को 500 या 2000 के नोट निकालने की मजबूरी है।

अप्रैल में आरबीआई ने की थी बैठक

भारतीय रिजर्व बैंक ने झारखंड के बैंकों को कैश की कमी दूर करने और एटीएम में पर्याप्त मात्रा में कैश उपलब्ध कराने को लेकर अप्रैल माह में ही बैठक की थी। आरबीआई के साथ झारखंड के सभी बैंकों के वरीय अधिकारियों की बैठक हुई। आरबीआई के अधिकारियों के अनुसार, बैंकों की डिमांड के अनुसार कैश की सप्लाई करने का प्रयास किया जा रहा है और स्थिति जल्द ही सामान्य हो जाएगी।

5000 एटीएम में 89 परसेंट ही एक्टिव

राज्य भर में पांच हजार से अधिक एटीएम हैं, जिनमें 89 परसेंट एटीएम ही काम कर रहे हैं। कहीं-कहीं पर कैश की कमी, एटीएम खराब होने और लिंक फेल होने की समस्या आ रही है। आरबीआई ने विभिन्न बैंकों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी बैंक एटीएम पर फ ोकस करें। क्योंकि ग्राहक पैसे निकालने एटीएम जा रहे हैं।

क्या कहते हैं बैंकों के अधिकारी

बैंक अधिकारियों की मानें तो डिमांड के अनुसार, कैश उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। खासतौर पर दो हजार और दो सौ रुपए के नोट की सप्लाई कम है। ग्राहक भी दो हजार रुपए के नोट जमा नहीं कर रहे हैं। बैंक अधिकारियों के अनुसार, दो हजार और 500 के नोट की पर्याप्त मात्रा में सप्लाई हो तो स्थिति सामान्य हो जाएगी।

छोटे नोटों के लिए एटीएम तैयार नहीं

झारखंड में नोटबंदी से पहले राज्य में 2.97 लाख करोड़ रुपए के नोट बाजार में थे। अब 3.47 लाख करोड़ रुपए के नोट हैं फि र भी कैश की कमी है। वहीं, छोटे नोट के लिए कई एटीएम अभी भी पूरी तरह तैयार नहीं हैं। 200 के नोट के लिए कई एटीएम तैयार नहीं हुए हैं।

वर्जन

बैंकों के अधिकारियों को कहा गया है कि सभी बैंक एटीएम की ओर विशेष फ ोकस करें। बैंकों को पर्याप्त मात्रा में कैश उपलब्ध कराए जा रहे हैं लेकिन कई काउंटर्स में तकनीकी खराबी की बातें भी सामने आई हैं।

अजय नंदन,जीएम, आरबीआई

हमारा पूरा प्रयास रहता है कि एटीएम में कैश की किल्लत न हो। फंड ट्रांसफर और अवेलेबिलिटी को लेकर कभी-कभी परेशानी होती है, लेकिन बैंक इस कार्य में कभी भी ढिलाई नहीं बरतते।

शिशिर कुमार, आईसीआईसीआई, मोरहाबादी

केस-1

6 एटीएम की खाक छाननी पड़ी

राजीव का कहना है कि दशहरा के टाइम कैश का काफी क्रंच हो गया। मुझे अष्टमंी के दिन रुपये निकालने के लिए कम से कम 6 एटीएम काउंटर्स की खाक छाननी पड़ी, तब जाकर कहीं रुपए निकाल पाया।

केस-2

दो घंटे लाइन में खड़ी रही

श्वेतिमा कहती हैं कि कैश की बहुत मारामारी लगी है। मुझे एसबीआई के कांके रोड एटीएम से रुपए निकालने थे लेकिन इतनी लंबी लाइन लगी थी कि दो घंटे तक खड़े रहना पड़ा। वहीं समीप में दूसरे बैंकों के काउंटर्स थे लेकिन उनमें कैश उपलब्ध ही नहीं था।