LUCKNOW :

 

विदेश में नौकरी कर परिवार का सपना सच करने के लिए पैसे जोड़ रहे इलेक्ट्रिशियन के एनआरआई एकाउंट से साढ़े 28 लाख रुपये जालसाज ने निकाल लिये। एटीएम कार्ड बदलकर जालसाज ने तीन महीने में सारी रकम उड़ा दी। एटीएम से ट्रांजेक्शन से लेकर लाखों रुपये की खरीदारी कर डाली। लखनऊ से लेकर हिमाचल प्रदेश तक खरीदारी की। विदेश से वापस लौटे इलेक्ट्रिशियन ने जब एकाउंट चेक किया तो उसके पैरे तले की जमीन खिसक गई। पीडि़त ने साइबर सेल और मडि़यांव थाने में शिकायत की है।

 

एनआरआई एकाउंट में जमा किए थे रुपये

मूलरूप से मऊ मधुबन मर्यादपुर निवासी मो। अब्दुल का बेटा मो। खालिद सऊदी अरब के कतर शहर में इलेक्ट्रिशियन का काम करता था। उसका परिवार मडि़यांव के शेरवानी नगर में रहता था। वह 1999 से वह नौकरी करता था और समय समय पर परिवार के पास आता है। मो। खालिद ने अपनी जमा पूंजी को भविष्य के लिए सुरक्षित करने के लिए कई साल पहले मऊ के पंजाब नेशनल बैंक में एक एनआरआई एकाउंट खुलवाया था। जिसमें वह कतर में रहकर अपनी कमाई की कुछ न कुछ रकम जमा करता था। मो। खालिद ने बताया कि 30 दिसंबर 16 तक उसके एकाउंट में करीब 27 लाख 39 हजार रुपये थे और 18 फरवरी 17 को उसने एकाउंट में करीब डेढ़ लाख रुपये और जमा किए थे। जिसके बाद उसके एकाउंट में कुल रकम 28 लाख 86 हजार रुपये के करीब हो गई थी।

 

एकाउंट में बचे थे मात्र 286 रुपये

मो। खालिद ने बताया कि वह कुछ दिन पहले ही वापस आया और मडि़यांव से परिवार के साथ अपने पैतृक गांव गया था। 17 नवंबर 17 को वह अपने एकाउंट से पैसा निकालने के लिए पीएनबी बैंक पहुंचा। उसके एकाउंट में मात्र 286 रुपये होने की जानकारी मिली तो उसके होश उड़ गए। बैंक से जानकारी पर पता चला कि 8 जनवरी से 21 मार्च के बीच उसके एटीएम कार्ड से करीब साढ़े 28 लाख रुपये की रकम उड़ा दी गई। मो। खालिद के पास जो एटीएम था वह उसका नहीं था। वह एटीएम हिमाचल प्रदेश के किसी ब्रिज लाल के नाम से है। जालसाज ने एटीएम ट्रांजेक्शन के दौरान उसका कार्ड बदल दिया और धीरे-धीरे सारी रकम उड़ा ली। मोबाइल एलर्ट के लिए मो। खालिद ने जो नंबर बैंक को दिया था वह सिम कार्ड खो जाने के चलते उसे पैसों के ट्रांजेक्शन के संदर्भ में कोई मैसेज भी नहीं मिला।

 

तीन बाइक और ज्वैलरी खरीदी जालसाज ने लखनऊ समेत कई शहरों और हिमाचल प्रदेश में बडे़ पैमाने पर खरीदारी की। उसने एटीएम कार्ड से ट्रांजेक्शन कर तीन दो पहिया वाहन खरीदे। इसके अलावा शहर के एक बड़ी ज्वैलरी शॉप से हीरे और सोने की ज्वैलरी भी खरीदी। यह सभी ट्रांजेक्शन नोटबंदी के दौरान हुए थे। जब लोग कैश की जगह ऑनलाइन खरीदारी कर रहे थे। इसी का फायदा जालसाज ने उठाया। साढ़े 28 लाख रुपये एकाउंट से गायब होने के बाद मो। खालिद अपने पैसों के लिए दर-दर भटक रहा है। उसने मडि़यांव पुलिस के साथ साइबर सेल में भी इस मामले की शिकायत की है।