छोटा नहीं मगर 'खोटा नोट उगलती है ये मशीन

Case-1
दुर्गाकुण्ड एरिया में रहने वाले चंद्रकिशोर ने कुछ दिनों पहले एक एटीएम से पांच हजार रुपये निकाले। जल्दीबाजी के वजह से बिना सारे नोट चेक किये चंद्रकिशोर एटीएम से निकल लिए। शाम में जब वह एक जगह पेमेंट दे रहे तो पता चला कि एटीएम से निकले 500 की 10 नोट में से एक नोट काफी फटा हुआ था। उन्होंने नेक्स्ट डे कंसर्न एटीएम वाले बैंक में जाकर शिकायत भी की मगर ये प्रूव नहीं कर सके कि फटा हुआ नोट एटीएम से निकला था। अंत में उन्हें कटे-फटे नोट बदलने वाले दुकान पर 50 रुपये बट्टे पर नोट एक्सचेंज करना पड़ा।
Case-2
सुंदरपुर के आशीष को तीन सौ रुपये की जरूरत थी। कई एटीएम पर बारी-बारी से गए मगर मशीन ने रुपये देने से इनकार कर दिया। उन्हें इस बात की हैरानी ज्यादा थी कि उनके सामने कई लोग एटीएम से रुपये निकाल रहे थे मगर उन्हें पता नहीं क्यों मशीन 300 रुपये देने को तैयार नहीं थी। एक एटीएम गार्ड ने बताया कि मशीन ने सिर्फ 500 की ही नोट है इसलिए 500 से कम एमाउंट निकलेगा ही नहीं। अंत में आशीष ने जब मशीन में 500 रुपये अमाउंट भरा, खटाक से एक पत्ती हाथ में आ गयी।
Case-3
रामकटोरा के राजेन्द्र ने एक दिन एटीएम से 10 हजार रुपये निकाले। उनके हाथ में एक-एक हजार के 15 नोट आ गए। कई दिनों तक वह एक-एक हजारा नोट निकाल कर खर्च करते रहे। एक दिन जब उन्होंने पेमेंट के लिए एक हजार की नोट दी तो सामने वाले दुकानदार ने बताया कि साहब ये नकली है। ये सुनकर राजेन्द्र चकरा गए। उन्हें यकीन नहीं था कि एटीएम से भी नकली नोट मिल सकता है वह भी पूरे एक हजार का। खैर क्योंकि उन्होंने रुपये निकालने के बाद हर एक नोट को चेक नहीं किया इसलिए एक हजार की सीधी चपत सहने के अलावा उनके पास और कोई रास्ता नहीं बचा।
Case-4
महमूरगंज के विशाल श्रीवास्तव को एक दिन 2500 रुपयों की सख्त जरूरत थी। उन्होंने पूरे महमूरगंज में स्थित आधा दर्जन बैंकों के एटीएम का चक्कर लगा डाला मगर कोई काम करता नजर नहीं आया। कहीं मशीन खराब की तख्ती मिली तो कहीं कैश नहीं था। आखिरकार जब वह रथयात्रा पहुंचे तब जाकर उन्हें 2500 रुपये मिल सके।


लगातार बढ़ रहे हैं एटीएम यूजर्स

बढ़ रही यूजर की संख्या
सिटी में एटीएम कार्ड यूज करने वाले तेजी से बढ़ रहे हैं। जेब में रुपये रखकर घूमने से कहीं सुविधाजनक लोगों को एटीएम कार्ड यूज करना लगता है। लोगों का इंटरेस्ट देखते हुए बैंक्स भी एटीएम कार्ड को खूब प्रमोट करते हैं। अब हालत ये है कि एटीएम यूजर्स की जरूरतों को सभी लीडिंग बैंक्स के एमटीएम मिलकर भी फुलफील नहीं कर पा रहे हैं।
-सिटी में विभिन्न बैंक्स को मिलाकर करीब 1800 एटीएम हैं।
-लगभग चार लाख लोग एटीएम कार्ड होल्डर हैं।
-इनमें स्टूडेंट्स से लेकर नौकरी वाले और बिजनेसमैन शामिल हैं।
-डेली 15 से 20 करोड़ रुपये एटीएम मशीन से निकाले जाते हैं।
- बड़ी संख्या में लोग अब कैश डिपॉजिट, मनी ट्रांसफर और रिचार्ज के लिए भी एटीएम का यूज करने लगे हैं।
-सिटी में बढ़ रही लूट और छिनैती की वजह से भी एटीएम का यूज बढ़ा है।

ये प्राब्लम है आम


- एटीएम से नहीं निकलता है 100 रुपये का नोट
- अक्सर नोटों में गंदे, पैच वाले और कटे नोट भी निकलते हैं।
- आये दिन मशीन से जाली नोट निकलने की घटनाएं भी हैं।
- कई बार कैश हाथ में आये बिना एकाउंट से रुपया हो जाता है डेबिट।
- कम्प्लेन के बाद रुपया वापस मिलने में लग जाता है सात से 10 दिन।
- लीडिंग बैंक्स के एटीएम भी अक्सर खराब रहते हैं।
- कैश खत्म होने के केस में घंटों नहीं कराया जाता है रिफिल।
- एमटीएम सेंटर्स की हालत भी खस्ता, कहीं दरवाजा टूटा तो कहीं एसी खराब।

इस पर दें ध्यान


- एटीएम से निकले नोटों को एक बार अच्छी तरह से जरूर चेक करें।
- कटा-फटा या नकली नोट मिले तो उसे सीसी कैमरे के सामने ले जाएं।
- एटीएम सेंटर में दर्ज हेल्पलाइन नम्बर पर तत्काल सूचना दें।
- यदि वहां कम्प्लेंट रजिस्टर है तो उसमें शिकायत लिखें और नोट का नम्बर भी दर्ज करें।
- एटीएम ट्रांजेक्शन की रसीद को संभाल कर रखें।
- बाद में आप संबंधित बैंक के ब्रांच में शिकायत करें।