-टेक्निकल फाल्ट और कम ट्रांजेक्शन वाले एटीएम बैंक करेंगे बंद
-डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने पर जोर
एटीएम बंद होने वाले हैं, इस खबर ने सभी को हैरान और परेशान कर रखा है। हालांकि की इसमें सच्चाई है। टेक्निकल फाल्ट के चलते देश भर के आधे एटीएम 2019 मई या जून माह तक बंद होने के कगार पर हैं। इसे लेकर बैकिंग सेक्टर में आपाधापी शुरू हो गई है। बनारस में भी ढेरों एटीएम बंद होंगे। जाहिर सी बात है कि इसका सीधा असर पब्लिक पर पड़ेगा। अभी हालत यह कि एटीएम की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद जरूरत होने पर पब्लिक को समय पर रुपये नहीं मिल पाते हैं। अधिकतर एटीएम से निराशा ही हाथ लगती है। वहीं त्योहार के समय में तो स्थिति विकट हो जाती है। ऐसे में यदि एटीएम की संख्या कम होती है तो मुसीबत बढ़ जाएगी। शहर की लगभग बीस लाख आबादी पर साढे़ पांच सौ एटीएम मौजूदा समय में हैं शहर में।
दौड़ी कैशलेस की गाड़ी
नोटबंदी के बाद बनारस में कैशलेस कारोबार बढ़ा है। बैंकों की ओर से भी इसे बढ़ावा देने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। प्रमुख प्रतिष्ठानों पर पीओएस मशीन के जरिए आनलाइन कैश डिपॉजिट कर रहे हैं। कुछ तो डिजिटल प्लेटफार्म का यूज कर कैशलेस कारोबार की गाड़ी तेजी से दौड़ा रहे है। तरह-तरह के एप्स के जरिए डिजिटल पेमेंट का लेनदेन कर रहे हैं। घर बैठे बैंक में पैसा डिपॉजिट कर रहे हैं।
घट गयी लाइन
नोटबंदी से पहले और उसके करीब सात से आठ माह बाद तक बैंकों में कस्टमर्स की लम्बी लाइन दिखती थी। नोटबंदी जैसी दिक्कतें झेलने के बाद बैंकों ने एटीएम की संख्या बढ़ानी शुरू की। हालांकि की बहुत नहीं बढ़ा सके। लेकिन इसका असर हुआ कि बैंकों में कैश जमा-निकासी करने वालों की लाइन घट गई है। प्रमुख बैंकों में पांच से दस मिनट के अंदर में लाइन में लगकर जमा-निकासी का काम हो रहा है। यदि एटीएम घटते हैं तो फिर से मुसीबत बढ़ेगी।
15 हजार पीओएस मशीन
-कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए दुकानों में पॉश मशीन, प्वाइंट ऑफ सेल/स्वाइप मशीन व अन्य ई-वॉलेट का सहारा लिया जा रहा है। स्वाइप मशीन की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि बैंक समय पर पॉश मशीन अवेलेबल नहीं करा पा रहे हैं। नोटबंदी के बाद विभिन्न बैंकों में पॉश मशीन के लिए ढेरों आवेदन मिले हैं। स्वाइप मशीन की कमी से कारोबारी मायूस हैं।
स्वाइप मशीनों का हाल
15,595 आवेदन मिले हैं पॉश मशीन के लिए
11,910 पॉश मशीनें ही लग पाई हैं
1500 से अधिक आवेदन अब तक प्राप्त हुए बैंक ऑफ बड़ौदा को
-1270 लग सकीं स्वाइप मशीनें
-4050 आए आवेदन,स्टेट बैंक को -3000 लगी मशीनें
1400 आए आवेदन यूबीआई को
1100 लगी
-80 आवेदन मिले आईडीबीआई को -70 लग सकीं स्वाइप मशीनें
-4600 आवेदन मिले एचडीएफसी को
-4000 लग सकीं स्वाइप मशीनें
-300 आवेदन प्राप्त हुए पीएनबी को -150 मशीनें लगीं
एक नजर
800-1000
करोड़ है रोजाना सिटी में बैंकों से मनी ट्रांजेक्शन
25,000-30,000
करोड़ है मंथली बैंकों से मनी ट्रांजेक्शन
500-700
करोड़ है डिस्ट्रिक्ट में प्रति माह डिजिटल पेमेंट
550
एटीएम हैं डिस्ट्रिक्ट में
125
यूबीआई के
138
एसबीआई
287
अन्य बैंक
20
लाख है शहर की आबादी
50
परसेंट लोग करते हैं एटीएम का यूज
एटीएम की कैपिसिटी
5
लाख रुपये 100 के नोट
5
लाख रुपये 200 के नोट
10
लाख रुपये 500 के नोट
40
लाख रुपये 2000 के नोट
सिर्फ वहीं एटीएम बंद होंगे जिनका ट्रांजेक्शन शून्य या थोड़ा बहुत है। सर्वे चल रहा है। हालांकि इनके बंद होने में अभी काफी समय है। बैंक की ओर से कैशलेश को बढ़ावा देने पर जोर है।
मिथिलेश सिंह, एलडीएम यूनियन बैंक