बढ़ रहीं कंप्लेन

आगरा में दो दर्जन सरकारी और गैर सरकारी बैंक्स की 100 से ज्यादा ब्रांचेज हैं। शहर भर में इन बैंक्स के करीब 100 एटीएम हैं। लेकिन अब यह एटीएम अब पब्लिक को धोखा देने लगे हैं। एटीएम-डेबिट कार्ड इन्सर्ट करके पासवर्ड एंटर करने के बाद भी मशीन से पैसा नहीं निकलता है। बैंक के हेल्प लाइन नंबर या एटीएम चैंबर में लिखे हुए नंबर पर कॉल करने पर भी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता है। ब्रांच में शिकायत दर्ज करने जाओ तो अफसरों से सहयोग नहीं मिलता। ऐसी गड़बडिय़ां रिमोट एरियाज के बजाय शहर के बीचोबीच हो रही हैं। नतीजतन, बैंक्स में इन शिकायतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

प्रॉब्लम की असली वजहें

कॉर्पोरेशन बैंक के मैनेजर पीके गुप्ता का कहना है कि देश भर के एटीएम एक-दूसरे से इंटर कनेक्टेड रहते हैं। जिन बैंक्स के एटीएम एब्रॉड में हैं। उनकी कनेक्टिविटी भी हर सेकेंड इंडियन एटीएम से रहती है। ऐसे में हर एक एटीएम पर ट्रांजेक्शन का जबर्दस्त लोड रहता है। इस कारण सर्वर की कनेक्टिविटी अक्सर डाउन हो जाती है। उस टाइम पीरियड में जब कस्टमर मनी विड्रा करता है। तब ऐसी समस्या सामने आती है। अन्य वजहों में एटीएम की अपनी खराबी भी होती है। मसलन, एटीएम के अंदर लगा कंप्यूटर का प्रॉपर वर्क न करना या फिर एटीएम के अंदर नोट को बाहर फेंकने के लिए जो मशीन होती है। उसके खराब होने जाने पर भी ऐसी समस्या सामने आती है।

सिर्फ 6 लाख मैसेज अलर्ट

सिटी की बैंक्स में लगभग 10 लाख

सेविंग एकाउंट्स हैं। इनमें 6 लाख लोगों ने मैसेज अलर्ट सर्विस एक्टिवेट करा रखी हैं। 4 लाख अकाउंट होल्डर्स के पास अब भी मैसेज अलर्ट सर्विस नहीं है। जाहिर है कस्टमर्स के इस सेगमेंट का एटीएम ट्रांजेक्शन फेल भी होता है तो अकाउंट बैलेंस मालूम करने के लिए उन्हें बैंक ब्रांच तक दौड़ लगानी पड़ती है।

नोट निकलते हैं फटे

मीडिया से जुड़े राजेश पांडेय का कहना है कि यूनियन बैंक के एटीएम से 17 हजार रुपए निकाले थे। एटीएम मशीन से दो पांच-पांच सौ रुपए के नोट फटे हुए निकले। उन्होंने दोनों नोट के बारे में टोल फ्री नंबर पर कंप्लेन की, लेकिन वहां से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। नोट को लेकर शहर में शॉप पर लेकर गए तो उन्होंने भी साफ मना कर दिया। राजेश पांडेय ने दोनों नोट को चलाने के लिए फटे-पुराने नोट की शॉप पर पचास रुपए चार्ज दिया। बैंक से रुपए निकालते वक्त चेक करके देख लेते थे। लेकिन एटीम मशीन पर बैठा गार्ड भी महज औपचारिकता के लिए होते हैं। रूल है कि ऐसी सिचुएशन में अकाउंट होल्डर को दो तरह से पैसा रिफंड होता है। पहला, जिस बैंक में अकाउंट है अगर उसी बैंक के एटीएम से पैसा नहीं निकला है। तो आप अपने बैंक की ब्रांच जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ऐसे केसेज में तुरंत ही अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने का प्रावधान है। अधिकतर केसेज में यह टाइम लिमिट 24-72 घंटे भी पहुंच जाती है। दूसरा, अगर आप अपने बैंक के बजाय किसी दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा विड्रॉ किया है, तब अगर पैसा नहीं निकलता तो यह प्रॉसेस इंटर बैंक ट्रांजेक्शन की केटेगिरी में आती है। ऐसे केसेज में आपके अकाउंट में 7-10 दिनों में पैसा पहुंच जाना चाहिए। लेकिन हकीकत में ऐसे मामलों में 45 दिन से ज्यादा समय भी लग जाता है।

ब्याज सहित देना चाहिए पैसा

आरबीआई की गाइडलाइंस के तहत कस्टमर के अकाउंट में रकम वापसी वाले दिन तक का ब्याज बैंक को देना होता है। मतलब, अगर आपके साथ 1 जून को ऐसी घटना घटी और बैंक 28 जून को आपके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करता है। तो उसे इन 28 दिनों का ब्याज भी आपके अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा। मगर, बैंक्स ऐसा नहीं करतीं।

सबसे पहले करवाएं कंप्लेन

अगर आप भी एटीएम की धोखाधड़ी का शिकार बन जाएं तो सबसे पहले इस प्रक्रिया को जरूर पूरा करें।

- सबसे पहले अपने बैंक के फोन नंबर पर कॉन्टेक्ट करके मामले की पूरी जानकारी दें।

- एटीएम चैंबर पर हेल्पलाइन नंबर लिखा होगा। यह टोल फ्री होता है। इस पर भी अपनी कंप्लेंट दर्ज करायें। बदले में अपनी कंप्लेंट का रजिस्ट्रेशन नंबर लेना मत भूलें।

- दूसरे बैंक के एटीएम से पैसा विड्रॉ किया है तब भी अपने ही बैंक के टोल-फ्री नंबर पर फोन कीजिए। क्योंकि दूसरे बैंक के पास आपके अकाउंट की डिटेल नहीं होती।

- जितना जल्दी हो सके अपनी बैंक के ब्रांच मैनेजर को लिखित में कंप्लेंट दर्ज कराएं।

Report By- MD Khan (matauddin.khan@inext.co.in)