यूनिवर्सिटी में तैयार किया गया सॉफ्टवेयर जांचेगा स्टूडेंट्स का रिसर्च वर्क

Meerut. यूजीसी के सख्त होने के बाद अब सीसीएसयू ने भी नए सत्र से रिसर्च की गुणवत्ता में सुधार के लिए कठोर कदम उठाने का फैसला लिया है. जिसके तहत यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने शोधार्थियों द्वारा जमा किए जाने वाले रिसर्च की एंटी थेफ्ट सॉफ्टवेयर (एटीएस) से जांच करने का नियम बनाया है.

ऐसे करेगा काम

दरअसल, नए सत्र से सीसीएसयू द्वारा तैयार किया गया एटीएस स्टूडेंट्स द्वारा रिसर्च के लिए जमा किए गए पेपर और वर्क दोनों की गहनता से जांच करेगा. साथ ही सॉफ्टवेयर जांच के दौरान रिसर्च में किए गए कॉपी-पेस्ट को तुरंत पकड़कर रिसर्च को रिजेक्ट कर देगा. दरअसल, बहुत से शोधार्थी अपने रिसर्च तैयार करने के लिए धड़ल्ले से कॉपी-पेस्ट कर रहे हैं. जिसका संज्ञान लेते हुए यूजीसी ने नई गाइडलाइन जारी कर हर यूनिवर्सिटी को इसे नियंत्रित करने के लिए कहा है. इस बाबत वीसी ने कॉलेजों और सुपरवाइजरों को भी अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.

साहित्यिक चोरी को देखते हुए ही अब पीएचडी रिसर्च के थीसिस को सीसीएसयू ने नए सत्र से एटीएस के जरिए जांचने का नियम बनाया है. सॉफ्टवेयर द्वारा जांचने के बाद रिसर्च को फाइनल किया जाएगा.

डॉ. जमाल अहमद सिद्दिकी, अध्यक्ष, पुस्तकालय, सीसीएसयू