- हजरतगंज स्थित इंदिरा भवन की घटना

- चकबंदी अधिकारी ने बेटे व साथियों के साथ मिलकर दिया वारदात को अंजाम

- पुलिस ने आरोपी बेटे को किया अरेस्ट, बाप पुलिस से बचने के लिये हॉस्पिटल में हुआ एडमिट

LUCKNOW: अमेठी से बलिया हुए तबादले को रोकने से इनकार पर एक चकबंदी अधिकारी इस कदर भड़का कि उसने अपने बेटे व साथियों के साथ मिलकर चकबंदी आयुक्त पर ही जानलेवा हमला कर दिया। शोरशराबा सुनकर पहुंचे दफ्तर के कर्मचारियों ने किसी तरह आरोपियों के चंगुल से आयुक्त को बचाया और पुलिस को घटना की सूचना दी। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने जानलेवा हमले की एफआईआर दर्ज कर आरोपी बेटे को अरेस्ट कर लिया है। वहीं, आरोपी चकबंदी अधिकारी पुलिस से बचने के लिये खुद ही एक प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट हो गया।

इनकार पर भड़क उठे

इंस्पेक्टर हजरतगंज विजयमल्ल यादव के मुताबिक, चकबंदी आयुक्त आईएएस डॉ। हरिओम बुधवार को इंदिरा भवन स्थित अपने दफ्तर मे काम कर रहे थे। इसी दौरान अमेठी के पूर्व चकबंदी अधिकारी राकेश पांडेय अपने बेटे मोहित उर्फ दिनेश पांडेय के साथ वहां आ पहुंचे। उन्होंने आयुक्त से मिलने के लिये विजिटर स्लिप भेजी। दोपहर करीब 3.15 बजे आयुक्त डॉ। हरिओम ने उन्हें मिलने के लिये भीतर बुलवा लिया। भीतर पहुंचते ही राकेश पांडेय ने आयुक्त से गुजारिश की कि वे उसका अमेठी से बलिया हुआ तबादला निरस्त कर दें। पर, आयुक्त डॉ। हरिओम ने तबादला निरस्त करने से इनकार कर दिया। यह सुनते ही राकेश व मोहित भड़क उठे और उन्हें भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे।

कर्मचारियों ने बचाया

डॉ। हरिओम ने उन्हें केबिन से बाहर निकल जाने को कहा तो राकेश व मोहित ने बाहर मौजूद अपने चार अन्य साथियों को बुला लिया। इसके बाद उन लोगों ने डॉ। हरिओम पर हमला बोल दिया। राकेश उनका गला घोंटने लगा जबकि, मोहित ने गिलास तोड़कर उसे घोंपने की कोशिश की। हालांकि, तब तक शोर शराबा सुनकर बाहर मौजूद कर्मचारी वहां आ पहुंचे। उन्होंने आयुक्त डॉ। हरिओम को हमलावरों के चंगुल से छुड़ाया और पुलिस को घटना की सूचना दी। इसी बीच आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए। जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने दफ्तर के कर्मचारियों के तहरीर पर राकेश, उसके बेटे मोहित उर्फ दिनेश व उसके साथियों के खिलाफ जानलेवा हमले, सरकारी काम में बाधा और धमकी देने की एफआईआर दर्ज कर ली।

पुलिस से बचने के लिये हॉस्पिटल में भर्ती

मामले के विवेचक दारोगा मनोज भदौरिया ने बताया कि पुलिस ने सर्विलांस की मदद से आरोपियों की लोकेशन की पड़ताल की तो वे महानगर में मौजूद मिले। जिसके बाद पुलिस टीम ने महानगर स्थित मिडलैंड हॉस्पिटल में दबिश दी। जहां पता चला पुलिस से बचने के लिये आरोपी राकेश खुद की तबियत खराब बताकर एडमिट हो गया है। पुलिस ने उसे वहीं पुलिस अभिरक्षा में ले लिया जबकि आरोपी मोहित उर्फ दिनेश को अरेस्ट कर लिया।