AGRA (26 April): तेंदुए ने मंगलवार को अपना खूनी पंजा मार दिया। तेंदुए ने वाइल्ड लाइफ की टीम के एक सदस्य पर हमला बोला। ये हमला उस वक्त किया, जब कीठम स्थित भालू संरक्षण केंद्र में उसे पिंजरे के अंदर मीट खिलाया जा रहा था। टीम मेंबर के जख्मी हाथ पर छह टांके आए हैं। इधर, अब तेंदुए को जंगल में छोड़ने पर मंथन चल रहा है।

आक्रामक हो रहा जानवर

वाइल्ड लाइफ का कर्मचारी कुलदीप पवार सुबह साढ़े आठ बजे उसे मांस खिलाने गया। तभी पिंजरे में मीट के साथ तेंदुए ने हाथ में पंजा मार दिया। आनन-फानन में घायल कर्मचारी को हॉस्पिटल ले जाकर छह टांके लगवाए गए। हालांकि कर्मचारी का कहना था कि उसे पिंजरे से चोट लगी है। उसे मांस खिलाने के लिए पिंजरे के पास जाते तो वह आक्रामक हो जाता है।

एक महीने में शहर का आदी

इधर, डीएफओ केके सिंह के अनुसार तेंदुआ की पिछले महीने से शहर में सक्रियता देखी जा रही थी। इससे पहले वह एयरफोर्स रेंज में दिखाई दिया था, वहां से उसे भगा दिया गया। चूंकि जिस मकान से वह पकड़ा है। वह काफी दिनों से बंद था। ये छोटे-मोटे कुत्ते और बिल्ली का भी शिकार कर लेता है। डीएफओ ने बताया कि चंबल वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में काफी तेंदुए हैं। यह तेंदुआ यमुना की तलहटी से निकल आया हो, ये अनुमान भी लगाया जा रहा है।

मोहन रेंज में छोड़ा जाएगा तेंदुआ

वही, डीएफओ केके सिंह ने बताया कि रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर राजेश शर्मा तेंदुए को लेकर साथ जाएंगे। इसे सहारनपुर की मोहन रेंज में छोड़ा जाएगा। ये शिवालिक पहाडि़यों का इलाका है। यहां जंगल बड़ा और लंबे क्षेत्र में हैं। तेंदुओं की संख्या भी अच्छी खासी है। देहरादून के जंगलों में भी इसे छोड़ा जा सकता है। इसके पीछे एक कारण ये भी है कि जो तेंदुआ फीरोजाबाद से पकड़ा गया, उसे शिवालिक की पहाडि़यों के जंगलों में ही छोड़ा गया था।