ये है सूरत-ए-हाल

जिला अस्पताल के वार्ड और इमरजेंसी में आपको मरीज के साथ कई तीमारदार दिखाई देंगे। वार्ड में जो भी बेड खाली होते हैं उन सब पर इनका कब्जा होता रहता है। जब मौसमी बीमारियों के चलते मरीजों की तादात ज्यादा हो जाती है तो वार्ड के फर्श पर ये लोग खाना खाते और आराम करते आपको दिखाई दे जाते हैं। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में मरीज के साथ कई-कई तीमारदार वार्ड में ही मौजूद रहते हैं। जब आसपास के बेड खाली होते हैं, तो उन पर इन्हीं तीमारदारों का कब्जा रहता है। वार्ड में ही खाना, सोना और गपशप करना चलता है। इन्हें न तो कोई रोकने वाला है और न कोई कुछ कहने वाला।

कोई रोकटोक तो हो

जिला अस्पताल के हर वार्ड में मरीजों से ज्यादा तीमारदार हैं। अस्पताल में अमूमन 300 मरीज भर्ती रहते हैं। एक मरीज के साथ कम से कम दो लोग रहते हैं। इन वार्ड में कई गंभीर मरीज भी भर्ती होते हैं, मगर इन्हें भी शोरगुल में रहना पड़ता है। साथ ही वार्ड के अंदर कई लोग छोटे सिलेंडर का इस्तेमाल भी करते हैं। इन सब पर कोई रोकटोक नहीं है।

'जब हमारे सामने ऐसा कुछ होता है तो हम एक ही तीमारदार को वहां रहने की परमिशन देते हैं। स्टाफ एक से ज्यादा आने वालों को रोकता है.'

-डॉ। सतीश कुमार, सुप्रीटेंडेंट, पीएलशर्मा जिला अस्पताल