-नैक का मूल्यांकन व शैक्षिक कैलेंडर अनिवार्य

-प्रदेश के सभी राजकीय महाविद्यालयों को गुणवत्ता सुधार के निर्देश

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ALLAHABAD: उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए छात्र अधिकाधिक संख्या में राजकीय महाविद्यालयों पर निर्भर हैं। इसके पीछे बड़ा कारण गवर्नमेंट डिग्री कॉलेजेस में पठन-पाठन का उच्चस्तर पर होना रहा है, लेकिन पिछले कुछ समय से यह देखने में आ रहा है कि गवर्नमेंट कॉलेजेस में शिक्षा का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है। इससे सरकार भी चिंतित है। राजकीय महाविद्यालयों का उच्च शिक्षा में योगदान बना रहे, इसके लिए प्रदेश के सभी महाविद्यालयों को एकेडमिक एक्सीलेंस से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

होगी कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई

राजकीय महाविद्यालयों को नए एकेडमिक सेशन ख्0क्भ्-क्म् के लिए कुछ ऐसे इम्पॉर्टेट डायरेक्शन जारी किए गए हैं, जिसका दूरगामी असर आने वाले समय में देखने को मिलेगा। इन महाविद्यालयों से कहा गया है कि वे टाइम-टेबिल के एकॉर्डिग क्लासेस का नियमित संचालन सुनिश्चित करें। इसके अलावा कक्षाओं में अधिकाधिक संख्या में स्टूडेंट्स की एटेंडेंस को निश्चित करने के लिए कहा गया है। यही नहीं छात्रों के साथ ही टीचर्स की उपस्थिति को भी अनिवार्य किया गया है। इस कार्य में लापरवाही बरतने वाले कॉलेजेस के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाएगी।

कॉलेज से सीधे होगा जवाब तलब

यही नहीं प्रत्येक राजकीय महाविद्यालयों में दीर्घकालीन सुधार की दिशा में कदम बढ़ाया जा सके। इसके लिए नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (नैक) की ग्रेडिंग भी पाना जरूरी कर दिया गया है। कहा गया है कि नैक की ग्रेडिंग न पाने वाले महाविद्यालयों के बजट में कटौती की जाएगी और इसके लिए कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से जवाब तलब किया जाएगा। शैक्षिक सुधार के लिए सभी महाविद्यालयों को सत्र के प्रारंभ में ही एकेडमिक कैलेंडर का निर्माण करने को कहा गया है और इसी के अनुसार पूरे सत्र में क्लासेस, परीक्षा, रिजल्ट जैसे महत्वपूर्ण कार्यो का संपादन किया जाएगा।

पढ़ाई के साथ मिले रोजगार

डायरेक्टर हायर एजुकेशन अखिलेश कुमार की ओर से सभी स्नातक और स्नातकोत्तर महाविद्यालयों को जारी डायरेक्शंस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सभी कॉलेज अपने यहां प्लेसमेंट सेल स्थापित करें जिससे समय-समय पर करियर ओरिएंटेटेड वर्कशॉप्स का आयोजन किया जा सके। प्लेसमेंट सेल के लिए जरूरी है कि वे राष्ट्रीय या बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इनवाइट करें जिससे मेधावी छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ ही रोजगार का भी विकल्प मिल सके। कॉलेजेस को अपने यहां एंटी रैगिंग सेल और महिला शिकायत निवारण केन्द्र की भी स्थापना करने को कहा गया है।

ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा

सूचना प्रौद्योगिकी के युग में युवा ऑनलाइन स्टडी में भी दक्ष हो सकें। इसके लिए सभी जगहों पर ई लाईब्रेरी द्वारा एजुकेशन प्रोवाइड करवाए जाने पर बल दिया गया है। गवर्नमेंट ने स्टूडेंट्स में ऑनलाइन स्टडी को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों की बढ़ोत्तरी को भी ग्रीन सिग्नल दिया है। कहा गया है कि छात्रों की पढ़ाई के लिए उन्हें स्कॉलरशिप की धनराशि टाइम पर मिल सके। इस काम में कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके अलावा क्लास और कैम्पस में साफ सफाई का भी विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।