-प्रोफेसर के साथ पकड़ी गई छात्रा थाने में रही खामोश

-प्रो। की तहरीर पर दीप सिंह, कौशल और रजनीश समेत 50 छात्रों पर संगीन धाराओं में रिपोर्ट दर्ज

ALLAHABAD: समय, शाम के पांच बजे। स्थान, कर्नलगंज थाना। छात्रों का जमावड़ा। एक प्रोफेसर हवालात में। छात्रा के साथ अश्लील हरकत करने का आरोप। प्रोफेसर की सफाई लेकिन हो हल्ला जारी। छात्रा खामोश। परेशान थी, क्या करें। फैमिली मेम्बर्स पहुंचे तो थोड़ी हिम्मत मिली। लेकिन सवाल यही था कि अब क्या करें?

दर्ज कराई छेड़खानी की रिपोर्ट

थाने में जमा छात्र चाहते थे कि पुलिस पुलिस रिपोर्ट दर्ज करके कार्रवाई करे। पुलिस भी चाहती थी कि रिपोर्ट दर्ज हो ताकि बवाल टले। घंटों बाद छात्रा ने तहरीर देकर आरोप लगाया कि प्रोफसर ने उसके साथ अश्लील हरकतें की। इसके आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा फ्भ्ब्-ख के तहत रिपोर्ट दर्ज कर लिया।

बयान में बदल गई स्टोरी

ऐसा करके पुलिस ने बवाल तो टाल दिया। लेकिन, वह शायद इससे सहमत नहीं थी। पुलिस ने छात्रा का बयान लिया। कर्नलगंज प्रभारी विजय प्रताप के मुताबिक छात्रा ने कहा कि कुछ छात्रों ने उसे इसके लिए तैयार किया था। कहा था कि वह रूम में जाकर अपने कपड़े उतार देगी। उसी वक्त छात्र कमरे में आ जाएंगे। बाद में जो होगा देख लिया जाएगा। पुलिस ने इसी को आधार बना दिया और आनन फानन में हवालात में मौजूद प्रो। धर्मपाल से तहरीर लिखवाकर एक और मुकदमा दर्ज करके कहानी को नया रूप दे दिया। पुलिस ने इस मामले में छात्र नेता दीप सिंह, कौशल सिंह और रजनीश समेत भ्0 अज्ञात छात्रों के आईपीसी की धारा क्ब्7, फ्ब्फ्, भ्0ब्, भ्0म् और फ्भ्ख् के तहत आरोपी बनाया है। इन छात्रों ने प्रोफेसर को पीटा था और उनके साथ बदसलूकी की थी।

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घटनाक्रम पर सवाल खड़े करने वाले सवाल

-छात्रों को कैसे पता चला कि छात्रा प्रोफेसर के घर पर उनके साथ अकेले है?

-प्री प्लांड मामला नहीं था तो छात्रों के साथ मीडियावाले कैसे पहुंचे

-कमरे के अंदर छात्रा की आपत्ति जनक वीडियो किसने बनाई?

-क्या सच में छात्रा ने उन छात्रों के कहने पर ड्रामा किया?

-इस ड्रामे के पीछे की वजह क्या है?

-इस ड्रामे से किसे फायदा मिलने वाला था?

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फंस कैसे गए झांसे में प्रोफेसर

-एक दिन पहले ही ब्लांइड छात्रा ने हाइपावर कमेटी के सामने पेश होकर लगाया था प्रो। धर्मपाल पर शारीरिक शोषण का आरोप

-गुरुवार को हाइपावर कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने पहुंचे थे प्रोफेसर

-बवाल से परिचित होने के बाद भी प्रोफेसर ने छात्रा को कमरे में इंट्री क्यों दी

-पढ़ाने के लिए बुलाया था तो खुद अ‌र्द्धनग्न क्यों थे

-लड़की ने अपने अंडरगारमेंट तक उतार दिए फिर भी वे खामोश क्यों रहे

-खुद फोन करके पुलिस को क्यों नहीं बताया

-यूनिवर्सिटी के अधिकारी थाने पहुंचने से बचे क्यों

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पहले भी हो चुका है ऐसा

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर के साथ गंदी राजनीति का खेल पहले भी सामने आ चुका है। कुछ साल पहले साइंस डिपार्टमेंट के एक प्रोफेसर के साथ भी कुछ ऐसा ही मामला उछला था। यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रोफेसर के चेहरे पर कालिख पोती गई और घुमाया गया। इसकी रिकॉर्डिग भी बनाई गई। बाद में पुलिस ने इसके आरोपी दो छात्रों को संगीन धाराओं में चालान करके जेल भेज दिया था।