महामारी घोषित करने में देरी क्यों?

दुनिया के किसी भी हिस्से में अगर किसी बीमारी से इतने बच्चों की मौत हो जाए तो वहां कि सरकार उसे फौरन महामारी घोषित कर देती है। पड़ोसी राज्य बिहार ने अभी 110 बच्चों की मौत के बाद ही इंसेफेलाइटिस को महामारी घोषित कर दिया है। जबकि अकेले बीआरडी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल गोरखपुर में इंसेफेलाइटिस से इस साल अब तक 113 लोगों की मौत हो चुकी है। दूसरे सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम्स में होने वाली मौत के आंकड़े इससे कई गुना ज्यादा है। मौत के ये आंकड़े पिछले सात साल में सबसे अधिक है। यह हालत तब है जबकि इंसेफेलाइटिस का पीक सीजन अभी शुरू भी नहीं हुआ है। जानकारों की मानें तो पीक सीजन में इस साल मौत के आंकड़े भयावह तस्वीर पेश करने वाले है।

कब तक बच्चे रहेंगे डर के साये में

सीएम साहब! मौत का ये सिलसिला कब तक चलेगा? कब तक यहां के बच्चे और बड़े इस जानलेवा बीमारी के डर के साये में जीते रहेंगे? आप इस बीमारी को जल्द से जल्द महामारी क्यों नहीं घोषित कर रहे ताकि पूर्वांचल को इस जानलेवा बीमारी से बचाया जा सके? यह इसलिए भी जरूरी है कि अभी तक इस बीमारी और इससे बचने के उपाय का सही और सटीक इलाज तक अब तक डॉक्टर्स नहीं पहुंच सके हैैं। इस पर अभी रिसर्च ही चल रहा है। हालांकि ये बात अब साफ हो चुका है कि इंसेफेलाइटिस के 99 फीसदी मरीज और मौत की वजह दूषित पानी है। और यह दूषित पानी समूचे पूर्वांचल के हैैंडपंप से निकल रहा है। जिस इंडिया मार्का हैैंडपंप से निकलने वाले पानी को सरकारी महकमा साफ  और पीने लायक मान रहा है, उसके बारे में भी रिसर्च रिपोर्ट आ गई है कि 36 फीसदी इंडिया मार्का हैैंडपंप से भी दूषित पानी निकल रहा है।

यह पानी भी पीने लायक नहीं

यह पानी भी पीने लायक नहीं है। इंसेफेलाइटिस की सबसे बड़ी वजह अब यही दूषित पानी है। तो फिर सबसे ज्यादा जोर गोरखपुर समेत समूचे पूर्वांचल में साफ पानी सप्लाई की तरफ क्यों नहीं दिया जा रहा है? विशेषज्ञों की मानें तो अगर लोगों तक शुद्ध पेयजल की सप्लाई का इंतजाम ही सरकार कर दे तो इंसेफेलाइटिस से बचने का इससे बेहतर उपाय और कुछ शायद हो ही नहीं सकता। जाहिर है गोरखपुर और पूर्वांचल को इंसेफेलाइटिस से मुक्त करना है तो सरकार को इसे तत्काल महामारी घोषित कर इससे बचाव और इसके इलाज पर पूरा जोर देना होगा। और ये काम फाइलों और कागज पर नहीं बल्कि सरजमीं पर करके दिखाना होगा।
बहरहाल, सीएम साहब इंसेफेलाइटिस को पूर्वांचल में महामारी घोषित करें या नहीं लेकिन यह बीमारी यहां महामारी का रूप तो ले ही चुकी है। अगर सरकार भी इसे महामारी घोषित कर दे और इससे बचाव और इलाज का पूरा एक्शन प्लान तैयार कर उसे लागू कर दे तो यहां के लाखों लोगों को वाकई इस महामारी से मुक्ति मिल सकेगी।

Report By: Vikas Verma