सभी से इस्तीफे की मांग
आटा की मीटिंग में यह भी कहा गया कि घटना के विरोध में सभी हेड आफ डिपार्टमेंट और ऐसे शिक्षक जो प्रशासनिक पदों पर बैठे हैं। जिनमें हास्टल के वार्डेन और सुपरिटेंडेंट भी शामिल हैं। नैतिकता के आधार पर अपनी अपने पद से इस्तीफा दें। मीटिंग में इस बात पर भी गुस्सा जाहिर किया गया कि घटना के बाद से डिस्ट्रिक एडमिनिस्ट्रेशन का एक भी ऑफिसर पीडि़त टीचर्स से मिलने नहीं पहुंचा। हालांकि, इस दौरान वाइस चांसलर प्रो। एके सिंह का परिसर में न आना विशेष चर्चा के केन्द्र में रहा। वहीं एक टीचर ने चार दिसम्बर से शुरू हो रही सेलेक्शन कमेटी का भी पुरजोर विरोध किया. 

चलेंगी एक्स्ट्रा क्लासेज
उधर, टीचर्स के प्रोटेस्ट के समर्थन में इकोनामिक्स डिपार्टमेंट के समक्ष बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इकट्ठा हुए। उन्होंने हाथ में तख्तियां लेकर घटना का विरोध किया। कैम्पस के बन्द होने और क्लासेस न चलने से हजारों की संख्या में एयू पहुंचे स्टूडेंट्स भी वापस लौट गए। इन स्टूडेंट्स को अब यह चिंता सताने लगी है कि टीचर्स ने सेमस्टर परीक्षा का बहिष्कार किया तो उनकी पढ़ाई का बंटाधार होना निश्चित है। हालांकि, आटा प्रेसिडेंट प्रो। गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने स्टूडेंट्स को भरोसा दिलवाया है कि सभी टीचर्स फ्यूचर में एक्स्ट्रा क्लासेस लेकर उनके सैलेबस को पूरा करवाएंगे. 

तो फिर होगी देरी
एयू में टीचर्स की स्ट्राइक से जहां सबकुछ रुक सा गया है। वहीं सबसे ज्यादा वे स्टूडेंट लीडर्स चिंतित नजर आ रहे हैं, जिन्होंने स्टूडेंट यूनियन का चुनाव लड़ रखा है। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलेक्शन की काउंटिंग और रिजल्ट पर रोक लगा रखी है। जिसकी अगली सुनवाई इसी सप्ताह में होने की सम्भावना है। ऐसे में अगर कोर्ट का डिसिजन काउंटिंग और रिजल्ट करवाने का आया तो टीचर्स के स्ट्राइक पर रहने से भारी प्राब्लम हो सकती है.

 काली पट्टी बांधकर होगा विरोध
उधर, एयू टीचर्स के समर्थन में एयू से जुड़े सभी ग्यारह कॉलेजेज के इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालय शिक्षक संघ (आक्टा) ने भी तेवर दिखा दिए हैं। आक्टा के जनरल सेक्रेटरी डॉ। केके तिवारी ने कहा कि कॉलेज के सभी टीचर्स 5 दिसम्बर को हाथ में काली पट्टी बांधकर विरोध जताएंगे और आगे का रुख देखने के बाद डिसिजन लेंगे.

National News inextlive from India News Desk