-पेट्रोल-डीजल का रेट कम होने के बाद ऑटो का किराया कम करने की फेसबुक पर भी उठी मांग

-स्टूडेंट्स से लेकर बिजनेसमेन ने फेयर में कमी के लिए छेड़ा कैंपेन

VARANASI: लगातार पेट्रोल-डीजल के गिरते रेट के बाद भी ऑटो, रोडवेज बस, टैक्सी का किराया कम नहीं किये जाने का मामला सोशल साइट्स पर भी छाया हुआ है। लोग अपने-अपने तरीके से ऑटो का फेयर कम कराने के लिए फोटो व स्टेट्स लिखकर अपलोड कर रहे हैं। इन फोटोज को लोग जहां खूब लाइक व शेयर कर रहे हैं तो वहीं स्टेट्स पर कमेंट कर अपनी भड़ास भी निकाल रहे हैं। ऑटो किराया कम नहीं होने के पीछे स्टेट गवर्नमेंट को भी दोषी मान रहे हैं। फेसबुक, व्हाट्सअप, टेलीग्राम, हाइक मैसेंजर्स पर यह इश्यू खूब छाया हुआ है। स्टूडेंट्स ले लेकर बिजनेसमेन तक किराया घटाने के लिए कैंपेन छेड़े हुए हैं।

किराया कम करने को भर रहे हामी

हाईटेक युग में लोग ये जान चुके हैं कि फेसबुक एक ऐसी साइट है जिस पर छोटे बडे़ पॉलिटिशियंस से लेकर आलाधिकारियों की मौजूदगी बराबर बनी रहती है। इसलिए लोगों को अपनी बात रखने का यह कारगर प्लेटफॉर्म साबित हो रहा है। फेसबुक पर पेट्रोल डीजल के रेट कम होने पर जहां सेंट्रल गवर्नमेंट की प्रशंसा की जा रही है वहीं ऑटो का किराया कम नहीं होने पर तीखे कमेंट भी शेयर किये जा रहे हैं। काशी विद्यापीठ के स्टूडेंट अनुज सिंह सिंटू ने स्टेट्स पोस्ट करके ऑटो व रोडवेज बस का किराया कम करने की यूपी गवर्नमेंट से डिमांड की है। इस पोस्ट को पचास से अधिक लोगों ने लाइक किया जबकि एक दर्जन से अधिक लोगों ने कमेंट के जरिए किराया कम करने की राय में हामी भरी है। व्हाट्सअप पर भी कार्टून पिक के जरिए किराया कम करने की फोटो खूब वायरल हो रही है।

डीजल पेट्रोल के रेट घट चुके हैं लेकिन किराया नहीं घटाया जा रहा है। आधी से ज्यादा आबादी ऑटो से सफर करती है। इसलिए ऑटो का किराया घटना ही चाहिए।

अनिल गुप्ता, बिजनेसमैन

पांच सौ मीटर जाए या पांच किलोमीटर ऑटो ड्राइवर्स किराया पूरा वसूल करते हैं। यदि कम दूरी का हवाला देते हैं तो बहस करने लगते हैं। ऑटो के किराये में कमी के लिए प्रशासन को कदम उठाना चाहिए।

अनुज सिंह, स्टूडेंट

काशी विद्यापीठ