JAMSHEDPUR: लौहनगरी में मंगलवार को ऑटो और मिनी बसों की हड़ताल शुरू से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित रहा। टेंपो व मिनी बसों के पहिए थमने से शहरवासियों की दिनचर्या बिगड़ गई। सबसे ज्यादा परेशानी सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों नौकरी पेशा लोगों को हुई। वहीं बाहर जाने वाले लोग सड़क किनारे वाहन की तलाश में भटकते रहे। टाटानगर रेलवे स्टेशन और मानगो बस स्टैंड साकची जाने वाले यात्री परेशान रहे। प्रशासन और टेंपो यूनियन के बीच मंगलवार को किसी तरह की बातचीत नहीं होने से बुधवार को टेंपो यूनियन की हड़ताल जारी रहेगी वहीं प्रशासन ने दावा किया है कि मिनी बस और स्कूल वैन चालक अपने वाहन चलाएंगे। बता दें कि टेंपो चालकों का एक यूनियन प्रशासन का साथ दे रहा है। वहीं प्रशासन ने बुधवार को 50 अतिरिक्त बसों के संचालन की व्यवस्था की है। लेकिन इसकी हकीकत बुधवार को ही मालूम होगी। लेकिन बस एसोसिएशन द्वारा हड़ताल खत्म करने से प्रशासन मजबूत दिख रहा है। वहीं बुधवार को टेंपो का संचालन नहीं होने से लोगों को दिक्कत होगी।

थम गया लाखों का सफर

जमशेदपुर में 25 हजार के करीब टेंपो चलते हैं जो हड़ताल पर हैं। इसके अलावा एक सौ से अधिक मिनी बसें भी हड़ताल में शामिल हैं। मिनी बसों से रोजाना एक लाख से अधिक लोग सफर करते हैं। टेंपो से ढाई लाख से अधिक लोग आवागमन करते हैं। एक लाख के करीब बच्चे टेंपो से ही रोजाना स्कूल आना-जाना करते हैं। हड़ताल ने इन वाहनों से आना-जाना करने वालों को खासा परेशान किया।

न होने देंगे हड़ताल का असर

उपायुक्त अमित कुमार ने कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर टेंपो हड़ताल का कोई असर नहीं होने दिया जाएगा। मिनी बस एसोसिएशन ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा कर दी है। स्कूली वैन संचालक भी हड़ताल से बाहर हैं। टेंपो चालकों का एक धड़ा भी प्रशासन के साथ है। शहर के लोगों के आवागमन के लिए 50 अतिरिक्त बसों का भी जिला प्रशासन ने इंतजाम कर लिया है। उन्होंने कहा कि टेंपो चालकों ने मंगलवार को कोई मांग नहीं रखी।

मिनी बसों ही हड़ताल खत्म

शिक्षित बेरोजगार मिनी बस एसोसिएशन ने हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर बुधवार से बसे चलाने का निर्णय लिया हैं। मंगलवार को एसोसिएशन कार्यालय में अध्यक्ष संजय पांडेय ने बैठक कर बस मालिकों के साथ विचार विमर्श किया। उन्होंने कहा कि राज्य के परिवहन मंत्री सीपी सिंह द्वारा परमिट के संदर्भ में दिए वक्तव्य पर एसोसिएशन आश्वस्त हुआ है। जिसको देखते हुए बुधवार से बसों का संचालन किया जाएगा। एसोसिएशन ने बस चलाने में प्रशासन के सहयोग की मांग की है।

वैकल्पिक व्यवस्था का दावा खोखला

टेंपो और मिनी बसों की हड़ताल के कारण पब्लिक यातायात के साधन नगण्य हो गए हैं। जिला प्रशासन ने दावा किया था कि वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। यह दावा खोखला साबित हुआ। जिन अभिभावकों के पास निजी चारपहिया या दोपहिया वाहन हैं, उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल पहुंचाया। शेष बच्चे पैदल ही स्कूल गए। इसका असर स्कूलों में उपस्थिति पर भी देखा गया।