आई कंसर्न-

- -महत्वपूर्ण सड़कों व चौके-चौराहे पर ऑटो चालकों की चल रही मनमर्जी

ट्रैफिक रूल्स और सेफ्टी रूल्स की नहीं कोई परवाह, जाम के साथ हादसे की बनी रहती है आशंका

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RANCHI (24 न्श्चह्मद्बद्य): शहर की सड़कों पर नियमों को रौंदते हुए ऑटो रिक्शे ने सिटी के ट्रैफिक की सूरत बिगाड़ दी है। न सिग्नल की परवाह और न ही राह से आने-जाने वालों को होने वाली परेशानियों से कोई मतलब। कभी बीच चौराहे पर ऑटो रिक्शा को खड़ी कर दी तो कभी सवारी लेने के लिए बीच सड़क में अपनी ऑटो रिक्शा रोक दी। इतना ही नहीं, जब जहां मौका मिला, बिना कुछ देखे-समझे अपने वाहन को मोड़ दी। इससे कहीं जाम लग रहा है तो कहीं हादसे हो रहे हैं। यह नजारा सिटी के सभी महत्वपूर्ण सड़कों व चौके-चौराहे पर आसानी से देखा जा सकता है। ऑटो चालकों की इस तरह की मनमानी के आगे ट्रैफिक सिस्टम भी असहाय नजर आ रहा है।

इन रूटों पर ट्रैफिक फेल

मेन रोड स्थित बिग बाजार से अरगोड़ा रूट, सेंट जेवियर कॉलेज से नामकुम, अल्बर्ट एक्का चौक से कोकर, बूटी मोड़ से कचहरी, रातू रोड से आईटीआई बस स्टैंड वाले रूट में ऑटो चालकों की मनमर्जी से ट्रैफिक सिस्टम भी फेल है। इनकी मनमानी के आगे पैसेंजर्स भी मजबूर हैं। सफर करना जरूरी है, ऐसे में ऑटोवालों की हर नौटंकी बर्दाश्त करनी पड़ती है। चाहे सीटिंग कैपासिटी से ज्यादा पैसेंजर्स बैठाने का मामला हो या फिर भाड़े का। ऑटो वाले पैसेंजर्स को चूना लगाने की ही फि राक में रहते हैं।

ऑटो चालकों की मनमानी का ये है असर (बॉक्स)

-कब्जे में रहती है आधी सड़क

ऑटो वालों की मनमानी इस कदर बढ़ा है कि वे अपने वाहन की पार्किंग भी अपने मनमर्जी से करते हैं। सेंट जेवियर कॉलेज के सामने एक साइड के आधे रोड पर पार्किंग कर कब्जा जमाए हैं। बुट़ी मोड का भी यही हाल है। कचहरी चौक के पास ओल्ड सर्किट हाउस के पास भी रोड पर पार्किंग है। रातू रोड में ऑटो वालों के जमावड़े से हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। बिग बाजार के पास भी रोड पर ही ऑटो वालों ने पार्किग बना दी है। अल्बर्ट एक्का चौक पर भी रोड पर ही पार्किंग लगता है।

2-वसूलते हैं मनमाना किराया

ऑटोवाले न सिर्फ सवारी बैठाने को लेकर मनमानी करते हैं, बल्कि भाड़े को लेकर भी इनकी ही मर्जी चलती है। अगर आप मिनी ऑटो पर बैठ गए तो कम से कम पांच पांच रुपए ये वसूले बिना नहीं रहते हैं, शाम होते हीं सभी रूट में ऑटोवाली की मनमानी और बढ़ जाती है।

3-ओवरलोडिंग आम, पैसेंजर्स परेशान

सिटी की ज्यादातर रुटों में ऑटो चालकों को ट्रैफिक रूल्स एवं सेफ्टी मेजर्स की कोई परवाह नहीं है। ऑटो में ज्यादा से ज्यादा पैसेंजर्स बैठ सकें, इसके लिए वे वाहन के दाएं रॉड भी नहीं लगाते हैं। पिछली सीट पर तीन की बजाय चार से पांच पैसेंजर्स और अगली सीट पर एक की बजाय तीन पैसेंजर्स को बैठाने के बाद ही ऑटो की रफ्तार पकड़ती है। ऑटो भले ही पूरी तरह फ ल हो, पर राह चलते भी ये पैसेंजर्स उठाने से बाज नहीं आते हैं। सभी रूट में ऑटो में ओवरलोडिंग कॉमन हो चुकी है।