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PATNA : अगर आप ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं, तो आप सजग हो जाएं क्योंकि पटना में अब ऑटोमेटिक चालान सिस्टम शुरू होने जा रहा है. इसके लिए पटना ट्रैफिक एसपी अजय कुमार पांडेय ने कमिश्नर को पत्र लिखा है. दरअसल, 'दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट' ने एक दिन पहले ही 'स्पीड बेलगाम, शहर की सड़के बनी रेसिंग ट्रैक' हेडिंग से खबर प्रकाशित किया था. इसमें बताया गया था कि आरएलवीडी सिस्टम पटना के लिए काफी महत्वपूर्ण हो गया है. इस मामले में एसपी ट्रैफिक ने पत्र लिखा. अभी तक पटना में कंट्रोल रूम से पुलिस मैनुअल चालान काटती रही है. इस कारण टै्रफिक नियम तोड़ने वाले सभी लोग पकड़ में नहीं आते. आरएलवीडी सिस्टम शुरू होने के बाद ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन करने पर लगाम लग सकेगी.

तकनीक पर आधारित रहेगा ये सिस्टम

रेड लाइट का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों की तस्वीरें चौक-चौराहों पर लगे विशेष कैमरों के जरिए सीधे ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम को मिलेंगी. जिससे तत्काल वाहनों का चालान काटा जाएगा. यह कैमरे रेड लाइट वायलेशन डिटेक्ट सिस्टम (आरएलवीडी) तकनीक से काम करेंगे.

क्या है आरएलवीडी

आरएलवीडी यानी रेड लाइट वायेलेशन डिटेक्शन. इसमें चौराहे पर कैमरा लगा होता है.

जैसे ही कोई ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करता है. उसका वीडियो और फोटो कंट्रोल रूम को भेज देता है.

क्या है एएनपीआर

ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकोगनाइजेशन. ये वाहनों का नंबर प्लेट रीड करता है और उसे रिकॉर्ड करता है. नंबर प्लेट मिलने के बाद नाम, पता और एड्रेस भी मिल जाता है.

कैसे काम करता है ये हाईटेक सिस्टम

कंप्यूटर रेड लाइट जंप करने वाले वाहन चालकों के प्रमाणित तौर पर चार प्रिंट देता है.

इसमें तीन फोटो एएनसीआर कैमरे की और एक पीटीजेड कैमरे की होती है.

इस सिस्टम में आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकार्डर कैमरा (एएनसीआर) और पीटीजेड वीडियो कैमरा लगा होता है.

एएनसीआर कैमरा वाहनों की नंबर प्लेट को डिटेक्ट करता है, जबकि पीटीजेड कैमरा रेड लाइट को फोक्स कर गाड़ी की पोजीशन को रिकॉर्ड करता है.

दोनों कैमरों को रेड लाइट के सेंसर से जोड़ा जाता है.

एलिमिनेटर इंफ्रारेड सिस्टम रात में भी वाहनों की नंबर प्लेट को डिटेक्ट करने में मदद करता है.

आरएलडीबी रेड लाइट के सेंसर के साथ जुड़ा होता है.

रेड लाइट होते ही सिस्टम रिकॉर्डिंग करना प्रारंभ कर देता है.