- शहर की मुख्य सड़कों के लिए नगर निगम को अवॉर्ड दिया गया है, लेकिन हकीकत दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की पड़ताल में हुई उजागर

BAREILLY:

नगर निगम बरेली को स्वच्छ वार्ड कॉम्पटीशन में हारने के बाद एक उपलब्धि हासिल हुई। राज्य स्तर पर नगर निगम को शहर की मुख्य नौ सड़कों की सफाई के लिए अवॉर्ड दिया गया है। नगर निगम को जिन सड़कों की सफाई के लिए अवॉर्ड मिला उन सड़कों पर गंदगी के कारण लोग परेशान हैं। कहीं बदहाल सड़क पर पानी भरा है तो कहीं सड़क किनारे मरे हुए जानवर सड़ रहे हैं, जिनकी दुर्गध के कारण लोगों का सांस लेना तक मुश्किल है। ट्यूजडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने इन सड़कों का रियलिटी चेक किया तो हकीकत उजागर हो गई। सड़कों पर सफाई की क्या हालत है आइए बताते है

सैटेलाइट टू कुतुबखाना घंटाघर रोड

सैटेलाईट से इसाईयों की पुलिया, श्यामगंज, पटेल चौक, चौपुला होते हुए जिला पंचायत रोड से घंटाघर तक कुल 8 किलोमीटर है। इस सड़क की सफाई का ठेका एक प्राइवेट संस्था को दिया गया है। ट्यूजडे को इस सड़क पर ही कूड़े के ढेर दिखाई दिए। बीच-बीच में यह सड़क थोड़ी बहुत सफाई दिखाई दी, लेकिन कई जगहों पर तो इतनी गंदगी थी जिसे देखकर ऐसा लगा कि कई दिन से यहां सफाई नहीं हुई है।

गांधी उद्यान टू आईवीआरआई

गांधी उद्यान से विकास भवन होते हुए श्यामगंज पुल के पार आईवीआरआई होते हुए एयरफोर्स मोड़ तक सड़क की लंबाई 6 किलोमीटर है। यहां सफाई का ठेका एक प्राइवेट एनजीओ को सौंपा गया है। श्यामगंज पुल से उतरने के बाद ईट पजाया चौराहा तक बदहाल सड़क पर पानी भरा है, जिसकी वजह से रोड पर कीचड़ हो रही है। इसी के साथ कई जगहों पर कूड़े के ढेर लगे हुए है। देखकर तो लगता है कि इसकी भी कभी सफाई नही होती।

सैटेलाइट टू बैरियर वन

सैटेलाइट से यूनिवर्सिटी, फिनिक्स मॉल होते हुए यह रोड बैरियर नंबर तक सड़क की लंबाई आठ किलोमीटर है। यहां शहर के मैन चौराहे सैटेलाइट पर ही बीच रोड पर गंदगी पड़ी है। सफाई करने वालों ने सिर्फ बीच बीच में ही सफाई की है, लेकिन रोड के साइडों से गंदगी का अंबार देखने को मिला। वहीं दूसरी ओर कई जगहों पर तो सफाई करने के बाद रोड के किनारे ही कूड़ा भी जला दिया गया है। यूनिवर्सिटी से डोहरा मोड़ तक सड़क के दोनों और कूड़ा ही मरे हुए जानवर भी पड़े हैं, जिनकी दुर्गध के कारण इस रोड पर सांस लेना तक मुश्किल है।

चौपुला टू करगैना पुलिया

चौपुला से करगैना पुलिया तक इस रोड की लंबाई 7 किलोमीटर है। लेकिन यहां तो हालत और भी खराब है। ऐसा लगता है कि इस रोड पर तो कभी सफाई ही नही होती है। हांलाकि पुल के ऊपर भी सफाई करने के लिए ठेका दिया गया है। लेकिन पुल के पर देखने से कभी लगता नही कि यहां कभी किसी ने सफाई करी है।

10 सड़कों की सफाई के लिए 7 ठेकेदार

शहर की मुख्य 10 सड़कों की सफाई का जिम्मा 7 एजेंसियों की दिया गया है। कुछ दिनों तक एजेंसी के कर्मचारी सड़कों की सफाई करते हुए दिखाई थी दिए थे, लेकिन अब लंबे समय से न तो एजेंसी के कर्मचारी सफाई करते दिखाई देते हैं और न ही नगर निगम के सफाई कर्मचारी पहुंच रहे हैं। इसके चलते जिन सड़कों की सफाई के लिए अवॉर्ड मिलने पर नगर निगम के अफसर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं उन सड़कों पर अब लोग गंदगी से परेशान हैं।

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रोड नंबर 1- सैटेलाइट से इसाईयों की पुलिया, चौपुला होते हुए जिला पंचायत, घंटाघर तक

रोड नंबर 2- बियावान कोठी से चौकी चौराहा, चौपला चौराहा होते हुए मिनी बाईपास तक

रोड नंबर 3- रेलवे स्टेशन से चौकी चौराहा, कोतवाली, कोहाड़ापीर होते हुए डीडीपुरम तक

रोड नंबर 4- गांधी उद्यान से श्यामगंज पुल, डेलापीर से आईवीआरआई होते हुए एयर फोर्स मोड़ तक

रोड नंबर 5- कोहाड़ापीर पेट्रोल पंप से जीआरएम होते हुए कुदेशिया पुल तक

रोड नंबर 6 सैटेलाइट से आरयू होते हुए बेरियर नंबर 1 तक

रोड नंबर 7- चौपुला पुल होते हुए करगैना पुलिया तक

रोड नंबर 8- किला रोड से इज्जतनगर रेलवे क्रांसिग होते हुए मिनी बाईपास तक

रोड नंबर 9 किला पुलिस चौकी से बांसमंडी रोड होते हुए श्यामगंज पुल तक

रोड नंबर 10- डेलापीर से बेरियर नंबर 1 के तिराहे तक

क्या बोले पार्षद

यह सभी एजेंसियां दो महीने पहले ही बाहर से आई हैं। सिर्फ शुरू में ही काम किया था, लेकिन उसके बाद इनके कर्मचारी दिखाई नहीं देते हैं। यदि इसके लिए भी अवॉर्ड मिला है तो यह तो आश्चर्य की बात है।

राजेश अग्रवाल, पार्षद

यह हमें भी नही पता कि कैसे मिल गया। लेकिन जमीन हकीकत तो कुछ और ही है। मेरे वार्ड में कोहाड़ापीर रोड भी इसमें शामिल थी वह पूरी तरह से गंदगी से पटी पड़ी है। ऐसे में कैसे अवॉर्ड मिल गया समझ में नही आया।

अब्दुल कय्यूम, पार्षद

कहीं कोई काम होते दिखाई नही दिया। कंपनियों ने सिर्फ नगर निगम को झांसा दिया था और जुगाड़ लगा कर अवार्ड भी ले लिया क्योंकि न तो कोई चेक करने आया और कुछ हुआ।

यामीन रजा, पार्षद

पहले थोड़ी बहुत सफाई होती हुई दिखाई देती थी। लेकिन अब तो बिल्कुल भी दिखाई नहीं देती है। रोड पर ही कूड़े का ढेर हमेशा रहता है।

अलमास