उन्होंने कहा कि सन् 1999 में मिले पद्मश्री सम्मान के बाद मैं और अच्छा लिखने को प्रेरित हुआ और साथ में अपने पाठकों से भी और प्यार और सम्मान मिला। उसके बाद रस्किन मालरोड पर कैम्ब्रिज बुक डिपो में देश विदेश के अपने पाठकों से मिले, उनको ऑटोग्राफ दिए और उनके साथ में फोटो भी खिंचवाए। इस बीच पाठकों ने रस्किन को पद्म भूषण मिलने पर बधाईयां दी।