- यूनाइटेड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट प्रेजेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट स्पार्क-2019 हुआ ऑर्गनाइज

- इंटरमीडिएट में 70 फीसदी से अधिक नंबर लाने वाले होनहारों को किया गया सम्मानित

- कॅरियर काउंसलर्स ने दिए फ्यूचर को बेहतर शेप देने के टिप्स

GORAKHPUR: 'मैं मैथ्स में बेहतर हूं, मैं फ्लां इंजीनियरिंग की पढ़ाई करूंगा. मेरी बायोलॉजी पर काफी अच्छी पकड़ है, मैं डॉक्टर बनूंगी. मेरा बच्चा फ्लां सब्जेक्ट में काफी तेज है, इसे तो मैं आईएएस ही बनाउंगा.' इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान ही कॅरियर चुनने के लिए अक्सर ऐसे विचार स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स के मन में आते हैं और इसे वह अपने आसपास रहने वालों से शेयर भी करते हैं. मगर यह सही नहीं है. इससे कॅरियर को राह तो मिल जाती है, लेकिन फ्यूचर में फिर प्रॉब्लम खड़ी होने लगती हैं. यह बातें सामने आई यूनाइटेड ग्रुप ऑफ इंस्टीच्यूट प्रेजेंट्स दैनिक जागरण आई नेक्स्ट स्पार्क-2019 सेमीनार में, जहां स्टूडेंट्स को कॅरियर संवारने के टिप्स दिए गए, तो वहीं होनहारों को सम्मानित भी किया गया. इस दौरान एक्सप‌र्ट्स ने बताया कि कॅरियर का सेलेक्शन करने से पहले उसकी डीप स्टडी कर लेनी चाहिए, जिससे कि फ्यूचर की राह आसान हो और बाद में कॅरियर सेलेक्शन का अफसोस न हो.

आसपास के लोगों की कर लें स्टडी

कॅरियर काउंसिलिंग सेशन में स्टूडेंट्स की काउंसिलिंग कर रहे मोटीवेटर तुषार चेतवानी ने बताया कि जो भी कॅरियर चुनना है, उसकी स्टडी कर लीजिए. लाइफ स्टाइल से लेकर उसके हर जरूरी आसपेक्ट्स पर नजर दौड़ा लें. अपने आसपास मौजूद लोगों को देखें और कॅरियर चुनने के बाद उनको किस हद तक फायदा हुआ है, इसके लिए उन्होंने कितनी मेहनत की है और कितना वक्त दिया है? इसके बारे में पता कर लें. इसके बाद अगर आप उस कॅरियर को ऑप्ट करने के लिए केपेबल हैं, तभी उसके लिए कदम आगे बढ़ाएं.

विजुअल मेमोरी का रिजल्ट बेहतर

डॉ. तुषार ने स्टूडेंट्स को पढ़ने के टिप्स देते हुए बताया कि अगर किसी चीज को याद करना है तो इसके लिए उन्हें बजाए सुनने के पढ़ने में ध्यान लगाना चाहिए. अगर वह अपनी पढ़ाई को विजुअलाइज कर मेमोराइज करेंगे, तो रिजल्ट काफी बेहतर हो सकते हैं. वजह बताते हुए डॉ. तुषार ने कहा कि जो हम देखते हैं और जो सुनते हैं, इसमें 20 गुना फर्क होता है. आई से ब्रेन में जाने वाली नर्व, इयर से ब्रेन में जाने वाली नर्व से 20 गुना पॉवरफुल होती है. जिससे हम कुछ भी याद करते हैं, तो विजुअल स्टोरी हमें जल्दी याद होती है, जबकि सुनने वाली स्टोरी को याद करने में वक्त लगता है. उन्होंने कहा कि सभी फोटोग्राफिक मेमोरी के साथ पैदा हुए हैं, इसलिए सभी को इसका भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए. उन्होंने प्रैक्टिकल एक्सरसाइज कराकर अपनी इस बात को प्रूव भी किया.

दीप प्रज्ज्वलन से शुरुआत

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई. दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के एडिटोरियल हेड संजय कुमार, ब्रांड हेड प्रदीप कुमार के साथ मॉडरेटर डॉ. तुषार चेतवानी, यूनाइटेड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट के रिप्रेजेंटेटिव डॉ. चेतन व्यास और स्प्रिंगर पब्लिक स्कूल की सेक्रेटरी शिप्रा श्रीवास्तव ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की. जिसके बाद कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत हुई. शुरुआत मॉडरेटर ने स्टूडेंट्स को एग्जाम से जुड़े अहम टिप्स देकर की. इसके बाद एसआरएम यूनिवर्सिटी से आए डॉ. चेतन व्यास ने इंस्टीट्यूट से जुड़ी अहम इंफॉर्मेशन दीं और यूनिवर्सिटी का वीडियो दिखाया गया. आखिरी में मॉडरेटर ने एग्जाम के दौरान किसी सब्जेक्ट को मेमोराइज करने के टिप्स दिए. कार्यक्रम में गेस्ट का वेलकम एडिटोरियल हेड संजय कुमार ने किया और संचालन प्रकृति त्रिपाठी ने किया.

बताई यूनाइटेड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट की खूबियां

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से ऑर्गनाइज इस कार्यक्रम में यूनाइटेड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट से डॉ. चेतन व्यास, समीर अस्थाना, प्रणव सिंह और सौरभ मिश्र मौजूद थे. इन्होंने प्रोग्राम के दौरान इंस्टीट्यूट की खूबियां बताई. डॉ. चेतन ने बताया कि कॉलेज का लोकल के साथ ही ग्लोबल एक्सपोजर भी काफी ज्यादा है. थाईलैंड, यूएस के साथ कई अहम देशों की यूनिवर्सिटी से इंस्टीट्यूशन का टाईअप है, जिससे कॉलेज के स्टूडेंट्स को बाहर भी पढ़ाई करने का मौका मिलता है. उन्होंने बताया कि स्कॉलरशिप के जरिए अब तक 600 से ज्यादा स्टूडेंट्स फॉरेन टूर के लिए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि प्लेसमेंट पर भी खास ध्यान दिया जाता है. विपरो, इंफोसिस और टीसीएस जैसी कंपनियां लगातार टच में रहती हैं और टाइम टू टाइम प्लेसमेंट ड्राइव चलाकर बच्चों का सेलेक्शन करती हैं. वहीं हाल में ही कॉलेज के छह स्टूडेंट्स का यूपीपीसीएस में भी सेलेक्शन हुआ है. इंस्टीट्यूशन की कुल 6 ब्रांच है, जिसमें चार कैंपस प्रयागराज और दो नोएडा में स्थित हैं. कॉलेज को यूनिवर्सिटी बनाने की प्रॉसेस फाइनल स्टेज में पहुंच चुकी है. 2020 तक यह यूनिवर्सिटी स्टार्ट हो जाएगी. वहीं अभी हाल में ही यूनाइटेड ग्रुप ने हॉस्पिटल खोला है, जल्द ही मेडिकल फील्ड में भी उतरने की तैयारी है. सोशल कॉज में भी कॉलेज आगे रहता है, हैप्पी स्कूल एक्टिविटी रेग्युलर ऑर्गनाइज की जाती है, जिसमें बेसहारा और गरीब बच्चों को ट्रेनिंग दी जाती है. वहीं ब्लड डोनेशन, कंबल वितरण और दूसरे सोशल वर्क में भी स्टूडेंट्स का इनवॉल्वमेंट रहता है.

प्रॉब्लम का मिला सॉल्युशन

सवाल - इंस्टीट्यूट की हॉस्टल फैसिलिट कैसी है?

जवाब - हॉस्टल फैसिलिटी बहुत बेहतर है. सभी कैंपस में दो ब्वॉएज और दो ग‌र्ल्स के हॉस्टल हैं, जिसमें एसी और नॉन एसी रूम अवेलबल हैं.

सवाल - मेस की कोई सुविधा है?

जवाब - हॉस्टल में मेस फैसिलिटी अवेलबल है. स्टूडेंट्स को ब्रेकफास्ट, लंच के साथ ही स्नैक्स और डिनर भी दिया जाता है.

सवाल - स्टूडेंट्स के लिए और क्या-क्या फैसिलिटी है?

जवाब - स्टूडेंट्स के लिए वाई-फाई फैसिलिटी है. इसके साथ ही लैब, स्पो‌र्ट्स कॉम्प्लेक्स और लाइब्रेरी यह सभी हॉस्टल के पास मौजूद हैं, जिन्हें स्टूडेंट्स अपनी जरूरत के मुताबिक इस्तेमाल कर सकते हैं.

सवाल - प्लेसमेंट के बारे में कॉलेज का क्या रोल है? कितने परसेंट स्टूडेंट्स का सेलेक्शन होता है?

जवाब - प्लेटमेंट टोटल स्टूडेंट्स की मेहनत पर डिपेंड होता है. इंस्टीट्यूशन 100 परसेंट प्लेसमेंट फैसिलिटी प्रोवाइड कराता है. इसमें उन बच्चों का भी खास ध्यान दिया जाता है जिनके मा‌र्क्स कुछ कम होते हैं. उनके लिए उसी के हिसाब से कंपनी को कॉलेज में बुलाया जाता है.

सवाल - कॉलेज से मिनिमम सैलरी और मैक्सिमम सैलरी पैकेज क्या है?

जवाब - कॉलेज से ढेरों स्टूडेंट्स का सेलेक्शन हुआ है. इसमें मिनिमम सैलरी पैकेज 3.6 लाख और मैक्सिमम 60 लाख तक स्टूडेंट्स का सेलेक्शन हुआ है. हाल में ही एफबी इंडिया ने 21 लाख के पैकेज पर एक स्टूडेंट को सेलेक्ट किया है.

सवाल - जो बच्चे मेरिटोरियस हैं, लेकिन उनके पास पैसे नहीं हैं, उनके लिए कोई व्यवस्था है?

जवाब - ऐसे स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज का एक कंपनी से टाईअप है, जो बिना किसी एक्स्ट्रा चार्ज लिए स्टूडेंट्स को एजुकेशन लोन दिलवाती है. इसमें उन्हें सिर्फ जरूरी डॉक्युमेंट्स देने होते हैं. उनकी किस्त भी पांच साल बाद शुरू होती है.

सवाल - कैंपस में रैगिंग होती है या नहीं?

जवाब - रैगिंग क्राइम डिक्लेयर है. कैंपस पूरी तरह से रैगिंग फ्री है. ज्यादातर टारगेट फ्रेशर्स होते हैं, इसलिए फ्रेशर्स फंक्शन से पहले उनकी सभी क्लासेज सेपरेट ब्लॉक में चलती हैं. अगर कोई सीनियर वहां पाया जाता है, तो उसे तत्काल टर्मिनेट कर दिया जाता है.

सवाल - अगर कॉलेज के बारे में और जानकारी लेनी हो तो क्या करना होगा?

जवाब - कॉलेज के बारे में जानकारी लेनी हो तो ऑनलाइन वेबसाइट पर जाकर इंफॉर्मेशन ले सकते हैं. अगर कोई फिजिकली विजिट करना चाहे, तो 27 मई को इलाहाबाद और नोएडा में खास एडमिशन काउंसिलिंग सेशन ऑर्गनाइज किए जा रहे हैं. इसके अलावा कभी भी पहुंचकर जानकारी ली जा सकती है.