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KANPUR: रोड एक्सिडेंट्स के दौरान सीरियस हेड इंजरी से होने वाली मौत से बचने के लिए पुलिस और प्रशासन स्तर पर हेलमेट पहनने के लिए अवेयर किया जाता है। इस नियम का सख्ती से पालन हो, इसके लिए हेलमेट न होने पर क्00 से भ्00 रुपए तक का चालान भी होता है। जिसके बाद से बहुत हद तक लोग इस नियम का पालन भी करने लगे हैं, लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि सिटी की ज्यादातर पब्लिक के लिए उनकी जान से ज्यादा चालान के चंद रुपए अहमियत रखते हैं। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पिछले दिनों सिटी और आसपास के एरियॉज में आधा दर्जन से ज्यादा बाइक सवार युवकों की मौत हो गई। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक सभी युवक हेलमेट लगाए हुए थे, इसके बावजूद उनके हेलमेट और सिर दोनों ही बुरी तरह से टूट गए थे। आई नेक्स्ट ने इन सभी घटनाओं में मौत की वजह तलाशने की कोशिश की तो एक बात सामने आई कि हादसों का शिकार हुए युवकों ने घटिया क्वालिटी के हेलमेट पहन रखे थे, जिन्हें लगाकर चालान कटने से तो बचा जा सकता था लेकिन मौत से बचना मुमकिन नहीं था। हैरानी की बात ये भी है कि घटिया क्वालिटी के हेलमेट की मार्केट ने रोड से लेकर नामी-गिरामी व्हीकल शोरूम के अंदर तक अपनी पहुंच बना रखी है। पुलिस-प्रशासन और आरटीओ इस बात से बेखबर अपनी कागजी खानापूर्ति करने में जुटा हुआ है।

खरीदवा दिया, क्वालिटी भी चेक कर लेते

आरटीओ ने करीब दो साल पहले गाड़ी खरीदने के साथ ही हेलमेट होने की अनिवार्यता कर दी थी, लेकिन हेलमेट की क्वालिटी चेक का कोई नियम नहीं बनाया गया था। जिसका फायदा उठाते हुए खराब क्वालिटी के हेलमेट बेचे जा रहे हैं। जब वाहन रजिस्ट्रेशन के लिए आता है तो परचेजिंग रसीद जमा होती है, लेकिन हेलमेट लोकल है कि कंपनी का या नकली है। इसकी कोई जांच नहीं होती है। दूसरी ओर रोड पर चेकिंग के दौरान रोके जाने पर भी ट्रैफिक पुलिस हेलमेट की क्वालिटी नहीं देखती। गंभीर बात ये है कि पब्लिक भी सिर्फ हेलमेट को चालान से बचने के लिए ही यूज करती है। सेफ्टी के लिए बहुत कम ही लोग हेलमेट खरीदकर पहनते हैं।

पैसा दो तो महंगा वाला लो

आई नेक्स्ट रिपोर्टर ने जब हेलमेट के इस खेल की पड़ताल की तो देखा कि लगभग हर शोरूम में ऐसे खराब क्वालिटी के हेलमेट मिल रहे हैं। आई नेक्स्ट रिपोर्टर चुन्नीगंज स्थित सोसाइटी मोटर्स पहुंचा, जहां पर सस्ते और घटिया हेलमेट रखे हुए थे। रिपोर्टर ने शोरूम के इम्प्लाई से बाइक खरीदने की बात कही। बातचीत के बाद हेलमेट के बारे में पूछा तो उसने बताया कि गाड़ी के साथ हेलमेट होना अनिवार्य है। हेलमेट के रेट के बारे में पूछा तो उसने बताया कि फ्00 से लेकर क्000 रुपये तक के हेलमेट हैं। रिपोर्टर चुन्नीगंज चौराहे पर स्थित सुजुकी के शोरूम में पहुंचा। यहां भी स्कूटी खरीदने की बात कही। वहां मौजूद एक इम्प्लाई ने सारी जानकारी दी। सामने एक ड्रार में तमाम हेलमेट रखे थे। रिपोर्टर ने जब हेलमेट के बारे में पूछा तो उसने भी बताया कि फ्00 से लेकर क्000 रुपये तक के हेलमेट हैं। जो खरीदे जाते हैं। अगर यहां से नहीं खरीदना है तो हेलमेट खरीद की रसीद ले आइए।

फर्जी आईएसआई मार्का के हेलमेट बिक रहे हैं

खराब हेलमेट और सस्ते हेलमेट रोड किनारे खुलेआम बिक रहे हैं। जिन्हें आसानी से कोई भी खरीद सकता है। सर्वोदय नगर, जेके मंदिर के पास, सीओडी पुल के पास, रामादेवी, पनकी मंदिर के पास, काकादेव, माल रोड, गोविंद नगर, विजय नगर, कोयला नगर, जूही गौशाला आदि जगहों पर रोड किनारे ठेलों पर रद्दी क्वालिटी के हेलमेट बिक रहे हैं। इन हेलमेट्स पर कई तरह के फर्जी कंपनियों के नाम डाल दिए जाते हैं। सूत्रों ने बताया कि इनमे कई तो ऐसे भी हैं, जो फर्जी आईएसआई मुहर लगाकर हेलमेट बेच रहे हैं।

क्या हैं नियम:

- आरटीओ ने टू व्हीलर खरीदने के साथ ही हेलमेट अनिवार्य कर दिया है। इसके लिए अगर कोई वाहन खरीद रहा है तो उसे हेलमेट परचेजिंग की रसीद लगानी होती है। अगर नहीं है तो बाहर से खरीदकर भी परचेजिंग रसीद लगा सकते हैं। वहीं टू व्हीलर शोरूम में भी हेलमेट बिकते हैं, जिन्हें खरीदा जा सकता है। आरटीओ में रजिस्ट्रेशन के समय हेलमेट परचेजिंग रसीद लगती है। जिसके बाद ही वाहन का रजिस्ट्रेशन होता है।

तीन तरह के होते हैं हेलमेट:

- भ्ब्0 एमएम- ये हेलमेट सबसे छोटे होते हैं। ज्यादातर हल्के सिर व महिलाओं के यूस के लिए होते हैं।

- भ्80 एमएम- ये हेलमेट का दूसरा साइज होता है। मीडियम सिर वाले लोगों के लिए बनाया गया है। ज्यादातर यही साइज यूज किया जाता है।

- म्00 एमएम- ये सबसे बड़ा साइज होता है। भारी सिर वालों के लिए यूज होता है।

इन्हें खरीदे:

मार्केट्स से अच्छी क्वालिटी के हेलमेट खरीदने चाहिए। दुकानदार के पास इसकी एजेंसी हो इसका ध्यान रखें।

हेलमेट रेट(रुपये)

बेमर क्फ्00

स्टील बर्ड 800-900

स्टर्ट म्00-800

बेगा म्00-700

एरान भ्00-म्00

एमपीए भ्00-म्00

तो ये है अंतर:

अच्छे हैलमेट:

- ये पैट्रोलियम खनन के दौरान निकलने वाले एवीएस पदार्थ से हेलमेट बनाए जाते हैं। ये इतने मजबूत होते हैं कि कार का भार भी झेल सकते हैं।

- अच्छी क्वालिटी के हेलमेट्स में फोम व बॉडी के बीच गैप होता है। जो चोट लगने पर सिर को सेफ रखता है।

खराब हेलमेट:

- जबकि खराब क्वालिटी के हेलमेट प्लास्टिक, फाइबर आदि से बनाए जाते हैं। जो जरा सी चोट से टूट जाते हैं।

- खराब क्वालिटी के हेलमेट्स में फोम व बॉडी के बीच कोई गैप नहीं होता है।

--बकरमंडी में हेलमेट की शॉप चलाने वाले दुर्गेंद्र कुमार के अनुसार

हाल में हुए एक्सीडेंट:

- जूही में सोमवार को बाइक सवार युवक की ट्रक की टक्कर से मौत हुई। युवक ने हेलमेट पहना हुआ था।

- चकेरी में अधेड़ का ट्रैक्टर से एक्सीडेंट हुआ। गिरते ही हेलमेट टूट गया।

- पनकी में भैंसा ठेले की टक्कर से युवती गिरी। हेलमेट भी टूट गया। हेड इंजरी हुई। गंभीर हालत में हैलट में भर्ती

- बर्रा विश्वबैंक में युवक का एक्सीडेंट हुआ। हेलमेट चीरकर पत्थर सिर पर घुसा। गंभीर हालत में हैलट में भर्ती

'हेलमेट खुद की सुरक्षा के लिए होता है। इसलिए लोगों को खुद अवेयर होना चाहिए। आरटीओ में आईएसआई मुहर लगे हेलमेट वैध होते हैं, जिनकी रसीद साथ में लगती है। तभी वाहन का रजिस्ट्रेशन होता है.'

- एसके सिंह, एआरटीओ