-माता-पिता को मतदान के लिए प्रेरित करेंगे बच्चे

-ऑफिसर्स स्कूल-स्कूल जाकर बच्चों को बताएंगे वोट का महत्व

--Voting percentage बढ़ाने के लिए प्रशासन ने लिया फैसला

ALLAHABAD: शहरी क्षेत्र में मतदान प्रतिशत का कम होना चुनाव आयोग के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। इससे निजात पाने के लिए रोजाना नए तरीके निकाले जा रहे हैं। इस बार बड़ों को मतदान के प्रति जागरूक करने के लिए बच्चों का सहारा लिया जा रहा है। चौंकने की जरूरत नहीं है। दरअसल, शहर के स्कूलों में अभियान चलाकर बच्चों को मतदान की विशेषताओं के बारे में बताया जाएगा, ताकि वह अपने पैरेंट्स को इसके लिए प्रेरित कर सकें।

स्कूलों में होंगे प्रोग्राम

एक ओर मतदाता सूची में नए नाम जोड़े जाने की कवायद चल रही है तो दूसरी ओर मतदान प्रतिशत में इजाफे की जुगत भी लगाई जा रही है। इसी के तहत स्कूलों में डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा प्रोग्राम ऑर्गनाइज कर बच्चों को मतदान के बारे में बताया जाएगा। उन्हें मतदान प्रतिशत कम होने और उससे होने वाले नुकसान की जानकारी भी दी जाएगी। ताकि, वह अपने माता-पिता को इसके बारे में बता सकें। स्वीप प्रभारी अधिकारी व संभागीय खाद्य नियंत्रक अखिलेश ओझा की बैठक में इस प्लान पर चर्चा की गई। इसके अलावा बस अड्डों, रेलवे स्टेशन सहित कई जगहों पर प्रचार माध्यमों के जरिए लोगों को जागरूक करने की रणनीति पर भी बातचीत हुई।

मतदाता को बूथ तक ले जाना बड़ी जिम्मेदारी

मीटिंग के दौरान स्वीप प्रभारी अधिकारी अखिलेश ओझा ने कहा कि मतदाताओं को अधिक से अधिक संख्या में मतदान के लिए जागरूक करना ही हमारा लक्ष्य है। मीटिंग में सुझाव दिया गया कि स्कूलों के बच्चों को पैरेंट्स को मतदान के प्रति जागरूक करने का संदेश दिया जाए। साथ ही मतदाताओं से सीधे जुड़ने के लिए बीएसएनएल, एफएम रेडियो व टीवी चैनलों का भी सहारा लिया जाएगा। मीटिंग में मतदाता जागरूकता अभियान के लिए विभिन्न नारों के उपयोग का निर्णय भी लिया गया। जो इस प्रकार हैं-

वोट डालने जाना है

अपना फर्ज निभाना है।

करे राष्ट्र का जो उत्थान

करें उसी को हम मतदान।

मत देना अपना अधिकार

बदले में ना लो उपहार।

वोट हमारा है अनमोल

कभी न लेंगे इसका मोल।

न जाति पे, न धर्म पे

बटन दबेगा कर्म पे।

लोकतंत्र का भाग्य विधाता

होता जागरूक मतदाता।

बूढ़ें हो या जवान

सभी करें मतदान।

युद्ध स्तर पर शुरू हुआ फीडिंग का काम

सूची में नए मतदाताओं को शामिल करने का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया। सदर तहसील में इसके लिए कुल क्7 कम्प्यूटर लगाए गए हैं। इसमें से तीन कम्प्यूटर शहर दक्षिण और सात-सात कम्प्यूटर शहर पश्चिमी व उत्तर के लिए हैं। एसडीएम सदर दयानंद प्रसाद ने बताया कि ख्फ् मार्च से पहले सभी के नाम ऑनलाइन फीड किए जाने हैं। इसलिए दो शिफ्ट में कर्मचारियों को लगाया गया है और पर डे दस हजार नामों को फीड करने का लक्ष्य है। ये फॉर्म नौ मार्च को मतदाता चौपाल से प्राप्त हुए हैं और फ्0 मार्च को दूसरी चौपाल की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।