इसलिए बन रहे HIV positive
नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (नाको) के रिप्रेजेंटेटिव प्रतीक ने बताया कि इसका असर हुआ है। लोगों में एड्स को लेकर अवेयरनेस बढ़ा है। एआरटी के डॉ एबी सिद्दीकी के मुताबिक स्टेट में अनप्रोटेक्टेड सेक्स का रेशियो ज्यादा है। यहां 80 परसेंट एचआईवी पॉजिटिव केसेज में अनप्रोटेक्टेड सेक्स की बात सामने आयी है। वहीं 20 परसेंट लोग ड्रग अब्यूज की वजह से एचआईवी पॉजिटिव बन रहे हैं। उन्होंने बताया कि यूथ इस बीमारी का सबसे बड़ा शिकार बन रहे हैं। 20 से 35 साल के पेशेंट में ये बीमारी ज्यादा देखने को मिल रही हैं।

1700 का हुआ रजिस्ट्रेशन
एआरटी सेंटर के नोडल ऑफिसर निर्मल कुमार ने बताया कि 2007 से लेकर अभी तक करीब 1700 पेशेंट्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है। उन्होंने बताया कि हर मंथ करीब 25 नये पेशेंट्स का रजिस्ट्रेशन होता है। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीनों में लोगों में इस बीमारी को लेकर अवेयरनेस बढ़ा है। उन्होंने बताया कि एड्स के वायरस को पूरी तरह से बॉडी से निकाला तो नहीं जा सकता पर सही टाइम पर ट्रीटमेंट शुरू कर इंफेक्शन लेवल कम जरूर किया जा सकता है।

चलाये जा रहे अवेयरनेस प्रोग्राम
एआरटी के डॉ एबी सिद्दिकी ने कहा कि कई लोग अभी भी मानते हैं कि एड्स छूने या फिर पेशेंट्स के संपर्क में रहने से फैलता है, जबकि ऐसी बात नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके पास एड्स के कई ऐसे केसेज सामने आए हैं जिनमें पेशेंट्स को सोसाइटी के साथ-साथ उसकी फैमिली ने भी बायकॉट कर दिया। उन्होंने कहा कि इसे खत्म करने के लिए ही अवयेरनेस प्रोग्राम चलाये जा रहे हैं, ताकि एड्स पेशेंट्स को भी लोग सोसाइटी का ही एक पार्ट समझें।

एड्स के बढ़ते रेशियो की वजह से  सोशल मार्केटिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इसके जरिए मेडिकल स्टोर और हॉस्पिटल के अलावा कई शॉप्स और पब्लिक पेलेस से लोग अब कंडोम परचेज कर सकते हैं।
-प्रतीक, रिपे्रजेंटेटिव, नाको