- पर्यावरण नियम लागू न कर पाने पर अफसरों को घेरा

- प्रोजेक्ट में देरी करने वाले बिल्डरों पर सख्त कार्रवाई के संकेत

LUCKNOW :

आवासीय योजनाओं को सूबे में प्रभावी ढंग से लागू न कर पाने वाले ब्यूरोक्रेट्स योगी सरकार के निशाने पर हैं। रविवार को कंफेडरेशन ऑफ रीयल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशंस ऑफ इंडिया (क्रेडाई) द्वारा आयोजित यूपी अहेड कॉन्क्लेव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा नौकरशाही की लापरवाही से आवासीय योजनाएं फेल हो रही हैं। वर्तमान में रीयल एस्टेट के बिजनेस करने वालों के लिए लोगों के विश्वास पर खरा उतरने की बड़ी चुनौती है। हमारा चार माह का अनुभव है कि बिल्डर्स और बायर्स के बीच कई समस्याएं है। कार्यक्रम के दौरान क्रेडाई के नेशनल प्रेसिडेंट जक्षय शाह ने केंद्र की मंजूरी के बाद भी यूपी में पर्यावरण से जुड़े कई नियम लागू न होने पर कहा कि ब्यूरोक्रेसी को सरकार की मंशा के अनुरूप काम करना होगा।

लेटलतीफी पर सख्त सरकार

गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य सरकार प्रोजेक्ट में देरी करने वाले बिल्डर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आवास न मिलने को लेकर जो आंदोलन हो रहे हैं, उससे रियल एस्टेट कंपनियों की विश्वसनीयता खतरे में है। अगर बातचीत के बाद भी कोई सार्थक नतीजे सामने नहीं आए तो सरकार जनता को धोखा देने वाले बिल्डर्स के खिलाफ सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बुरे हालात हैं। लगभग डेढ़ लाख बायर्स को पैसा अदा करने के बाद भी आवास नहीं मिल पा रहा है। इससे बिल्डर्स की विश्वसनीयता का संकट पैदा हो गया है। सरकार के प्रयास पर कुछ बिल्डर्स ने सकारात्मक रुख अपनाया और आवास देने की समय-सीमा तय कर दी, जबकि कुछ बिल्डर्स कोई कदम नहीं उठा रहे हैं।

अनाधिकृत कॉलोनियां बड़ी समस्या

सीएम ने कहा कि दूसरी बड़ी समस्या अनधिकृत कॉलोनियों के निर्माण की है। नोएडा हो या लखनऊ, कई बिल्डर अनियोजित ढंग से विकास करते हैं। विकासकर्ताओं द्वारा बिना बिजली, पानी, सड़क, सीवर, ड्रेनेज आदि सुविधाओं का विकास किए कॉलोनियां बना दी जाती हैं। बाद में इन कॉलोनियों का नगर निगम अथवा विकास प्राधिकरण आदि संस्थाओं द्वारा अधिग्रहण कर इनके विकास के लिए अभियान चलाया जाता है। शहरी क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के लिए आने वाला व्यक्ति बीमारी का शिकार हो जाता है और दोष सरकार पर आता है कि वह कुछ नहीं कर रही है। जबकि इन अनाधिकृत कॉलोनियों के विकास के लिए बड़े पैमाने पर पूंजी की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति को रोकने की आवश्यकता है। इन समस्याओं के समाधान में क्रेडाई जैसी संस्था को आगे आना चाहिए।

26 से खुलेगा पोर्टल

कार्यक्रम में जानकारी दी गयी कि आगामी एक अगस्त से प्रदेश में रेरा लागू हो जाएगा। यानी जिन बिल्डरों का प्रोजेक्ट रजिस्ट्रेशन 31 जुलाई तक नहीं होगा, वे एक अगस्त से फ्लैट नहीं बेच सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए 26 जुलाई से पोर्टल खुलेगा। वहीं क्रेडाई की ओर से कहा गया कि इतनी देरी में पोर्टल में रजिस्ट्रेशन करवाने में तकनीकी दिक्कतें आएंगी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने क्रेडाई की पत्रिका 'पल्स' का विमोचन किया तथा शांतनु गुप्ता द्वारा लिखी जा रही मुख्यमंत्री की बायोग्राफी 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' के कवर पेज का अनावरण किया। कार्यक्रम के दौरान नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री आशुतोष टंडन, वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, क्रेडाई के यूपी प्रेसीडेंट संजय सेठ, क्रेडाई यूपी के चेयरमैन एसके गर्ग के अलावा तमाम आलाधिकारी भी मौजूद थे।