- यूनिवर्सिटी से संबद्ध होंगे छह जिलों के आयुर्वेद कॉलेज

- कन्वोकेशन के बाद मिले शासनादेश पर होगी कार्रवाई

VARANASI:

आयुर्वेद कॉलेज अब क्षेत्रीय विश्वविद्यालयों से संबद्ध होंगे। अब तक सूबे के सभी मेडिकल कॉलेज छात्रपति शाहूजी यूनिवर्सिटी कानपुर से एफिलिएटेड हैं। लेकिन इस नये शासनादेश के तहत अब वाराणसी, भदोही, चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र व बलिया के आयुर्वेद कॉलेज महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से जुड़ जाएंगे। इस संबंध में जारी शासनादेश काशी विद्यापीठ को मिल चुका है। ख्ख् नवंबर को होने वाले कन्वोकेशन के बाद इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

लोड कम करने की कवायद

प्रदेश के आयुर्वेद, कोर्स व मूल्यांकन के डायरेक्टर प्रो। सुरेश चंद्र की ओर से जारी लेटर सिटी में स्थित गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज को भी प्राप्त हो चुका है। प्रिंसिपल प्रो। एसएन सिंह ने बताया कि यह कॉलेज पहले की तरह संस्कृत यूनिवर्सिटी से संबद्ध रहेगा। जबकि सूबे के अन्य आयुर्वेद कॉलेज रीजनल यूनिवर्सिटीज से जुड़ जाएंगे। डायरेक्टर की ओर से जारी लेटर में यूनिवर्सिटीज को संबद्धता संबंधी कार्रवाई जल्द से जल्द करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही भविष्य में नए आयुर्वेद कॉलेज खोलने के लिए संबद्धता व मान्यता रीजनल यूनिवर्सिटीज से लेने की बात कही गई है। इसके पीछे कानपुर यूनिवर्सिटी पर अत्यधिक भार होना बताया जा रहा है।

छह जिलों में दो कॉलेज!

बताया जाता है कि प्रेजेंट टाइम छह डिस्ट्रिक्ट्स में मात्र दो आयुर्वेद कॉलेज ही संचालित हो रहे हैं। इसमें वाराणसी व मीरजापुर डिस्ट्रिक्ट के एक-एक प्राइवेट आयुर्वेद कॉलेज भी शामिल हैं। शासनादेश के अनुसार ये दोनों कॉलेज जल्द ही विद्यापीठ से एफिलिएटेड हो जाएंगे।

परिनियम में होगा संशोधन

काशी विद्यापीठ के रजिस्ट्रार ओमप्रकाश ने शासनादेश मिलने को एक्सेप्ट किया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए परिनियम में संशोधन करना होगा। कन्वोकेशन के बाद मीटिंग बुलाकर इस पर विमर्श किया जाएगा, ताकि शीघ्र ही कार्रवाई पूरी की जा सके।