आज़ाद ने एचआईवी एड्स के मुद्दे पर ज़िला परिषद अध्यक्षों और मेयरों के एक सम्मेलन में ये बातें कहीं।

आज़ाद का कहना था, ‘‘पुरुषों का पुरुषों के साथ सेक्स अप्राकृतिक है और देश के लिए ठीक नहीं। यह एक रोग है। हम यह पता नहीं लगा पाए हैं कि ऐसा क्यों होता है क्योंकि इसके बारे में जानकारी कम है। ’’

केंद्रीय मंत्री का कहना था, ‘‘एचआईवी एड्स के मामले में समलैंगिक संबंध एक चुनौती है। महिला यौनकर्मियों के मामले में हम उनका पता लगा सकते हैं और उनकी मदद कर सकते हैं लेकिन पुरुषों का पुरुषों के साथ सेक्स के मामले में यह कठिन हो रहा है.’’

एड्स एचआईवी पर यह सम्मेलन सांसदों ने आयोजित किया था जिसमें सोनिया गांधी और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए थे। भारत में एचआईवी एड्स से प्रभावित लोगों की संख्या 25 लाख से अधिक है और इसमें समलैंगिक भी हैं।

आज़ाद के इस बयान से काफी विवाद होने की संभावना है क्योंकि कोर्ट ने भी समलैंगिक संबंधों को सामान्य माना है और पिछले ही दिनों राजधानी दिल्ली में समलैंगिकों की परेड निकली थी।

यह परेड समलैंगिकों को क़ानूनी मान्यता मिलने के दो वर्ष होने के अवसर पर आयोजित हुई थी।

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