-काशी विश्वनाथ के दरबार में भी लड्डू का प्रसाद होगा वितरित

- महिलाओं के स्वयं सहायता समूह तैयार करेंगे मारवाड़ी लड्डू

-पीएमआरवाई के अंतर्गत 55 महिलाओं को दिया जा रहा प्रशिक्षण

तिरुपति बालाजी की तर्ज पर बाबा काशी विश्वनाथ के दरबार में भी लड्डू का प्रसाद वितरित होगा। खास बात यह है कि शहर के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं की मेहनत से तैयार किए गए यह लड्डू बाबा दरबार की पूजा-अर्चना में सहभागी बनेंगे। इसके लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना के अंतर्गत 55 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। योजना के रिस्पांस के आधार पर समूहों और सप्लाई की मात्रा भी बढ़ाई जाएगी।

500 रुपये किलो तक होगी लागत

विकास भवन में आयोजित कार्यशाला के दौरान काशी विद्यापीठ, हरहुआ और चिरईगांव ब्लॉक की महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई। सीडीओ गौरांग राठी खुद कार्यक्रम के दौरान मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि बाबा दरबार में प्रसाद से महिलाओं के रोजगार को जोड़ने से देश-विदेश से आने वाले दर्शनार्थियों के बीच महिलाओं के इस प्रयास को भी पहुंचाया जा सकेगा। जिला मिशन प्रबंधक ने बताया कि शुरुआती चरण में लड्डू की लागत 500 रुपये प्रति किलो तक आने की संभावना है। उत्पादन बढ़ने पर लागत और कम होगी।

क्वालिटी का पूरा ध्यान

प्रसाद के तौर पर बनने वाले लड्डू सामान्य साइज के होंगे और इनमें काजू-किशमिश और सूखे मेवे भी इस्तेमाल किए जाएंगे। लड्डू बनाने वाले स्वयं सहायता समूहों को साफ-सफाई और क्वालिटी का पूरा ध्यान रखने को कहा गया है। लड्डू देसी घी में ही बनाए जाएंगे। प्रशिक्षण के बाद 55 महिलाओं में से बेहतर काम करने वाली महिलाओं का चयन किया जाएगा और इन्हें आर्डर दिलाया जाएगा।

हर दिन एक क्विंटल की खपत

रोजगार मिशन के प्रबंधक के मुताबिक, फिलहाल हर दिन एक क्विंटल लड्डू की खपत का अनुमान लगाया गया है। इस हिसाब से समूहों को प्रसाद तैयार करने के लिए आर्डर दिया जाएगा। बिक्री के आधार पर आगे आर्डर और बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही शहर के अन्य स्वयं सहायता समूहों को भी इस प्रोजेक्ट से जोड़ा जाएगा।

एक नजर

500

रुपये आएगी प्रसाद की शुरुआती कीमत

50

हजार से एक लाख रुपये हर दिन कमाएंगी महिलाएं

55

महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण

30

से ज्यादा महिलाएं तैयार करेंगी मारवाड़ी लड्डू

12

से ज्यादा स्वयं सहायता समूह प्रशिक्षण की कतार में

बयान

महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के लिए यह एक नई पहल है। अपनी मेहनत के दम पर स्वावलंबी बन रही महिलाएं अपनी कारीगरी के जरिए बाबा दरबार से जुड़ेंगी। आने वाले समय में इस काम को और बढ़ाया जाएगा।

श्रवण सिंह, जिला मिशन प्रबंधक, प्रधानमंत्री रोजगार योजना वाराणसी