- अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में बोले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद

- छात्राओं की उपल4िधयों संग ल2ानऊ की 'पहले आप' की पहचान को 5ाी सराहा

- नौकरी के बजाय अपना रोजगार शुरू की नसीहत दी, कई अनु5ाव किए साझा

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LUCKNOW : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राजधानी के डॉ। 5ाीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्राओं की सफलता से उत्साहित होकर कहा कि डॉ। अंबेडकर ने तो केवल स्त्री और पुरुष की समानता के पक्षधर थे, आज यहां का नजारा दे2ाकर मैं यह कह सकता हूं कि बाबा साहब के सपनों आगे हमारी बेटियां निकल गयी हैं। दरअसल जब बेटियां आगे बढ़ेंगी त5ाी समाज आगे बढ़ेगा। आज वह यहां के आंकड़े देखते तो उन्हें प्रसन्नता होती कि बात उनके सपने के आगे बढ़ चुकी है। उन्होंने विश्वविद्यालय की दो छात्राओं नीलू शर्मा और सुषमा वर्मा की 2ासतौर पर तारीफ करते हुए कहा कि ये दोनों नाम आज मेरी असाधारण लोगों की सूची में दर्ज हो गए हैं। वहीं ल2ानऊ की पहले आप की तहजीब पर बोले कि इसे पूरा देश अपना ले तो बहुत सी समस्याएं पैदा ही नहीं होंगी और लोग 2ाुश रहेंगे।

स्टूडेंट्स को दी नसीहत

राष्ट्रपति ने दीक्षांत समारोह में मौजूद स्टूडेंट्स को नसीहत दी कि आप लोगों पर समाज का ऋण है, जिसे अपने पैरों 2ाड़े होकर चुकाना होगा। आपके पास दो विकल्प हैं, नौकरी या अपना काम। नौकरी में जहां सीमाएं तय हो जाती हैं तो वहीं अपना काम करने में किसी 5ाी ऊंचाई को पाया जा सकता है। स्टूडेंट्स का हौसला बढ़ाने के लिए उदाहरण देकर बोले कि असफलता पर निराश होने की आवश्यकता नहीं है। वाट्सएप के को-फाउंडर ब्रायन ए1टन को फेसबुक और ट्विटर ने नौकरी नहीं दी लेकिन वह निराश नहीं हुए। उन्होंने अपनी कंपनी वाट्सएप स्थापित की, जिसको बाद में फेसबुक ने 1.20 लाख करोड़ रुपये में खरीदा। उद्यमों के सफलता के ऐसे कई उदाहरण हैं। नैतिकता के सिद्धांतों पर चलकर ही सफलता मिलती है। इसका कोई शॉर्टकट नहीं होता है। कहा कि एल्युमनाई एसोसिएशन बनाकर उसे विश्वविद्यालय से जोड़ना चाहिए ताकि अपने-अपने क्षेत्रों में महारत हासिल कर रहे यहां के पूर्व छात्रों का अनु5ाव बांटा जा सके।

ल2ानऊ की 'पहले आप' की परंपरा 2ास

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरुआत ल2ानऊ को लेकर की। कहा कि ल2ानऊ में 'पहले आप' कहने की परंपरा है जिसका क5ाी-क5ाी उपहास 5ाी होता है। दरअसल यह धैर्यवान और सहनशील होने की तहजीब है। बोले कि डॉ। अंबेडकर का ल2ानऊ से 2ासा लगाव था। उनके गुरु स्वामी प्रज्ञानंद यहीं रहते थे। मैंने आज पहले उनके निवास पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। वर्ष 2002 के दौरान मैं राज्यस5ा का सदस्य रहने के साथ अंबेडकर विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट का सदस्य 5ाी था। तब यहां इंफ्रास्ट्र1चर के नाम पर केवल कुलपति का कार्यालय होता था और स्टाफ 5ाी बमुश्किल 15 लोगों का था। आज इसे विकसित दे2ाकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। अब यहां अंबेडकर भवन और अटल बिहारी वाजपई सभाकक्ष 5ाी है। इस माध्यम से दो भारत रत्न को याद करने का अवसर मिलता है।

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कहीं लड़के को न मांगना पड़े आरक्षण

समारोह में राज्यपाल राम नाईक ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय की 1079 उपाधियों में से 513 छात्रों और 566 छात्राओं को मिली हैं। इसी तरह 192 पदकों में से छात्रों को 70 और छात्राओं को 122 पदक मिले हैं। यहां प्रधानमंत्री का 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' का लक्ष्य सही मायनों में श1ल ले रहा है। यह महिला सशक्तिकरण की तस्वीर है। आज राजनीति में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण देने की बात हो रही है लेकिन जहां उन्हें स्वतंत्र वातावरण मिलता है, वहां वे खुद अपनी जगह बना लेती हैं। लड़कों के लिये यह वार्निग है कि ज्यादा पढ़ोगे नहीं तो 5ाविष्य में 2ाुद के लिए आरक्षण मांगने की नौबत आ जाएगी। आज लड़कियां हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा रही है। लड़ाकू विमान उड़ाने के बाद उन्हें लड़ाई के मोर्चे पर 5ोजने की चर्चा जारी है। इस बहस के बीच एक महिला देश की रक्षा मंत्री 5ाी बन चुकी है।

कुलपति 5ाूले प्रोटोकॉल

समारोह की शुरुआत में विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी सोबती से अतिथियों का स6मान करने में चूक हो गयी। उन्होंने राष्ट्रपति को पुष्पगुच्छ और शॉल देकर स6मानित किया तो राज्यपाल अपनी जगह पर 2ाड़े हो गये। कुलपति ने प्रोटोकॉल का ध्यान न र2ाते हुए राष्ट्रपति के बाद मंच पर मौजूद प्रौद्योगिक शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन का स्वागत कर दिया। आशुतोष टंडन ने उन्हें इशारा कर पहले राज्यपाल का स्वागत करने को कहा, लेकिन कुलपति ने केंद्रीय प्रशासनिक ट्रि4यूनल के अध्यक्ष जस्टिस प्रमोद कोहली और यूजीसी के अध्यक्ष वीएस चौहान का स्वागत करने के बाद अंत में राज्यपाल को पुष्पगुच्छ 5ोंट किया।

नहीं चला रिमोट

समारोह के दौरान राष्ट्रपति को नई बिल्डिंग 'अंबेडकर 5ावन' का रिमोट का बटन दबाकर उद्घाटन करना था। कई बार प्रयास करने पर 5ाी जब रिमोट ने काम नहीं किया तो राष्ट्रपति शिलापट के समीप तक चले गये। इसके बावजूद रिमोट नहीं चला तो हाथ से पर्दा हटाकर उद्घाटन की औपचारिकता पूरी की गयी।

इनको किया पुरस्कृत

- 2016 बैच की एमएससी अप्लाइड मैथमैटि1स के गोल्ड मेडलिस्ट विकास चौरसिया और महेंद्र

- 2017 बैच की एमएससी आईटी की गोल्ड मेडलिस्ट रिचा वर्मा व एमएससी अप्लाइड मैथमेटि1स के मंजेश कुमार

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नहीं शामिल हुए योगी

समारोह में सीएम योगी आदित्यनाथ को 5ाी आमंत्रित किया गया था, लेकिन ऐन वक्त पर उनका कार्यक्रम बदल गया। हालांकि इससे पहले मु2यमंत्री ने राष्ट्रपति का एयरपोर्ट पर स्वागत किया। इस दौरान राजधानी की नवनिर्वाचित मेयर संयुक्ता 5ाटिया ने राष्ट्रपति को शहर की चा5ाी 5ाी सौंपी।

फै1ट फाइल

1079 उपाधियां

- छात्रों को 513

- छात्राओं को 566

192 पदक

- छात्रों को 70

- छात्राओं को 122