- रजिस्ट्री विभाग में तैनात था क्लर्क धर्मेद्र मोहन

- बुधवार सुबह देवलोक स्थित घर की सुसाइड

मेरठ : टीपीनगर थाना क्षेत्र के देवलोक कॉलोनी में 19 वर्ष पूर्व प्रेम विवाह से शुरू हुई एक कहानी का बुधवार को दुखद अंत हो गया। रजिस्ट्री कार्यालय के बाबू ने शिक्षिका पत्‍‌नी पर बदचलनी का आरोप लगाते हुए अपनी लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर जान दे दी।

रजिस्ट्री विभाग में तैनात थे धर्मेद्र

घटनाक्रम के मुताबिक दिल्ली रोड स्थित देवलोक कॉलोनी में धर्मेन्द्र मोहन का परिवार रहता है। धर्मेन्द्र रजिस्ट्री विभाग के सब रजिस्ट्रार प्रथम कार्यालय बाबू थे। उनकी पत्‍‌नी आरती निकट ही स्थित एक स्कूल में शिक्षिका है। बुधवार की सुबह दसवीं के छात्र 15 वर्षीय पुत्र स्पर्श और एलकेजी की छात्रा 4 वर्षीया पुत्री आराध्या को स्कूल भेजने के बाद आरती भी अपने स्कूल चली गई।

लाइसेंसी पिस्टल से मार ली गोली

सुबह करीब नौ बजे परिजनों ने धर्मेन्द्र के कमरे से गोली आवाज सुनी तो वह दौड़कर पहुंचे, लेकिन कमरे के दोनों दरवाजे भीतर से बंद थे। मौके पर पहुंची पुलिस दरवाजे का ताला तोड़कर अंदर दाखिल हुई तो भीतर का नजारा देख सबके होश उड़ गए। कमरे में धर्मेन्द्र का खून से लथपथ शव पड़ा था। शव के निकट ही धर्मेन्द्र की लाइसेंसी पिस्टल पड़ी थी।

सुसाइड नोट में किया खुलासा

'आरती मेरी बात नहीं मानती, मैं उसके व्यवहार और चाल-चलन से परेशान होकर खुद जान दे रहा हूं.' इस लाइन के अलावा कुछ और भी शब्द और कुछ लोगों के नामों का जिक्र धर्मेन्द्र ने सुसाइड नोट में किया। परिजनों ने बताया कि पति-पत्नी में आए दिन विवाद होता था।

पत्‍‌नी से मारपीट की कोशिश

घटना की जानकारी मिलने के बाद बदहवास आरती भी घर पहुंची। धर्मेन्द्र के परिजन आरती को देखते ही मारपीट पर उतारू हो गए। पुलिस ने बीच-बचाव कर आरती को बचाया। थाना टीपी नगर के इंस्पेक्टर सचिन मलिक ने बताया कि पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आरती के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया है।

कोर्ट मैरिज दुखद अंत तक

घटना के बाद सदमें में आए धर्मेन्द्र के परिजनों ने बताया कि मृतक धर्मेन्द्र चार भाइयों में दूसरे नंबर पर थे। उनके सबसे बड़े भाई देशराज रजिस्ट्री कार्यालय में ही नौकरी करते हैं। तीसरे नंबर का भाई जितेन्द्र सरूरपुर ब्लॉक में विकास अधिकारी है, वहीं सबसे छोटा राजेश मोबाइल कंपनी में है। परिजनों ने बताया कि परिवार के खिलाफ जाकर 19 वर्ष पूर्व धर्मेन्द्र ने कॉलोनी की ही रहने वाली आरती से कोर्ट मैरिज की थी।

अवसाद में थे

कलक्ट्रेट स्थित एआईजी स्टांप कार्यालय में धर्मेन्द्र की मौत से बदहवास अधिकारी और कर्मचारियों ने कहा कि वह पिछले कई दिनों से अवसाद में थे। दफ्तर में भी उनका व्यवहार सामान्य नहीं था। उन्होंने पहले भी सुसाइड की कोशिश की थी। एआईजी स्टांप संजय श्रीवास्तव ने कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।